बोले रांची: सिखों से अल्पसंख्यक का मांगा जा रहा प्रमाणपत्र
झारखंड में सिख समुदाय के लोग अल्पसंख्यक प्रमाणपत्र की मांग कर रहे हैं, जिससे वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें। रांची में 15 हजार सिख रहते हैं, लेकिन उन्हें ओबीसी प्रमाण पत्र नहीं मिलने से आरक्षण का...
रांची, संवाददाता। राज्य में सात लाख आबादी सिख समाज के लोगों की है। वहीं, रांची में 15 हजार से अधिक इस समुदाय के लोग रहते हंै। सिख समुदाय के लोगों का कहना है कि वे कहने को तो अल्पसंख्यक हैं, लेकिन योजनाओं के लाभ के लिए उनसे अल्पसंख्यक होने का प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि इस योजना के लाभ के लिए समाज के लोगों की ओर से आवेदन करने पर उनसे अल्पसंख्यक होने का सरकार से जारी प्रमाणपत्र की मांग की जा रही है। राज्य के सिख समुदाय के लोगों ने हिन्दुस्तान के बोले रांची कार्यक्रम में अपनी समस्याओं पर खुलकर बातें कीं। उन्होंने अपनी समस्याएं गिनाते हुए कहा कि राज्य में सिख समुदाय कहने को तो अपसंख्यक है। पर, योजनाओं के लाभ के लिए उनसे अल्पसंख्यक होने का प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है। उनसे कहा जा रहा है कि वो इनके लाभ के लिए सरकार से जारी प्रमाणपत्र दें। इसके साथ ही समुदाय के लोगों ने ओबीसी प्रमाण नहीं बनने का मुद्दा उठाता हुए कहा कि इस समस्या के कारण राज्य के छह-सात लाख सिख समुदाय के लोग आरक्षण के लाभ से वंचित हैं।
उन्होंने अल्पसंख्यक स्कूल-कॉलेजों में नियुक्ति में सरकारी हस्तक्षेफ से परेशानी की बात की। कहा कि पहले ये नियुक्तियां स्कूल-कॉलेज की मैनेजमेंट कमेटी करती थी। पर, अब इसमें सरकार का हस्तक्षेप होने से नियुक्तियों में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि माइनॉरिटी संस्थाओं को मान्यता मिलने में भी परेशानी हो रही है। इसके लिए पॉलिसी में सुधार की जरूरत है। इसके अलावा अल्पसंख्यकों के स्कूलों का सरकार द्वारा अधिग्रहण का मामला उठाते हुए समुदाय के लोगों ने कहा कि राज्य सरकार ने बहुत सारे स्कूलों का अधिग्रहण किया हुआ है। सिख समाज द्वारा संचालित इन स्कूलों में आठवीं तक स्कूल का संचालन समाज की ओर से किया जा रहा है। पर, नौवीं के बाद सरकार इसे अपने अंडरटेकिंग में ले रही है। सरकार को इसे वापस करना चाहिए। उनका कहना है कि जब समाज के लोग स्कूल के संचालन में सक्षम हैं, तो सरकार अधिग्रहण न करे। इसके साथ ही अल्पसंख्यक कॉलेजों में वीसी पोर्टल के जरिए नामांकन पर समाज के लोगों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि इसमें कई त्रुटियां हैं। इसको दूर किया जाना चाहिए।
उन्होंने अल्पसंख्यकों के कॉलेजों में नामांकन के लिए अलग से पोर्टल बनाने की मांग की। सिख समुदाय के लोगों ने कहा कि समुदाय की राज्य में इतनी बड़ी आबादी होने बावजूद अमृतसर के लिए अब तक सीधी ट्रेन और फ्लाइट सेवा शुरू नहीं की गई है। इससे वर्तमान में अमृतसर, चंडीगढ़ जाने के लिए दिल्ली होकर जाना पड़ता है। उनकी मांग है कि चंडीगढ़, अमृतसर के लिए सीधी विमान सेवा शुरू हो। साथ ही उन्होंने अमृसर और नांदेड़ के लिए सुपरफास्ट ट्रेन शुरू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अभी सीधी ट्रेन सेवा नहीं होने से दिल्ली होकर अमृतसर या नांदेड जाना पड़ता है। इसमें 40-42 घंटे लगते हैं। वहीं, सुपरफास्ट ट्रेन शुरू होने से यह दूरी 24-25 घंटे में तय हो जाएगी। उनकी मांग है कि सभी राजनीतिक दल समुदाय को राजनीतिक हिस्सेदारी दें। उनका कहना है कि वर्तमान में चाहें विधानसभा हो, राज्यसभा या लोकसभा समुदाय का कोई प्रतिनिधि नहीं है। उनका कहना है कि उन्हें आबादी के हिसाब से ही हिस्सेदारी दी जाय, उनकी मांग यही है। इसके अलावा सिख समुदाय के लोगों का कहना है कि सिख बहुल क्षेत्रों में राज्य सरकार की ओर से उन्हें शिक्षण संस्थान खोलने के लिए एक रुपये में जमीन दी जानी चाहिए। इससे वे राज्य में बेहतर शिक्षण संस्थानों की स्थापना कर सकेंगे। मेडिकल कॉलेज, स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूशन और मैनेजमेंट इंस्टीट्यूशन खोल सकेंगे। इसका फायदा यह होगा कि राज्य के छात्र-छात्राओं को उच्च और तकनीकी शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। वो राज्य में रहकर ही पढ़ाई कर सकेंगे। समाज में कई सक्षम लोग मौजूद हैं, सरकारी इनकी क्षमता का सही उपयोग कर शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे पलायन को रोक सकती है।
सिखों को भी सरकार कराए धार्मिक यात्रा
रांची, संवाददाता। सिख समुदाय के लोगों ने कहा कि सरकार दूसरे धर्मों की तरह समुदाय के लोगों को भी धार्मिक यात्रा कराए। इस दिशा में सरकार को पहल करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राजधानी में 15 हजार से अधिक सिख समुदाय के लोग रहते हैं। वहीं, राज्य में उनकी आबादी छह से सात लाख के बीच है। समाज के लोगों ने कहा कि सिख समुदाय के लोग पांच तख्तों की धार्मिक यात्रा पर जाते हैं। इनमें अमृतसर में अकाल तख्त, आनंदपुर में तख्त केशगढ़ साहिब, बिहार में तख्त पटना साहिब, तख्त हजूर साहिब और पंजाब के भटिंडा के तलवंडी साबो में तख्त दमदमा साहिब शामिल हैं। समुदाय के लोगों का कहना है कि राज्य सरकार की मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत उन्हें भी तीर्थ दर्शन के योजना का लाभ मिलना चाहिए। अल्पसंख्यक संस्थाओं को नहीं मिल रही मान्यता : उन्होंने यह भी कहा कि अल्पसंख्यक संस्थाओं की ओर से मान्यता मिलने में भी देरी हो रही है। इसके लिए पॉलिसी में बदलाव की जरूरत है, ताकि संस्थाओं को मान्यता मिले। मान्यता मिलने से सरकार की ओर से अल्पसंख्यक संस्थाओं को मिलने वाली सभी लाभ मिल सकेगी।
पगड़ी पर भी ट्रैफिक चालान कटने से परेशान
सिख समुदाय के लोगों ने राजधानी रांची में पगड़ी पर ट्रैफिक चालान कटने का मामला उठाते हुए कहा कि हाल के दिनों में पगड़ी पर चालान कटने के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि बीते दो महीने से ऐसे मामले आ रहे हैं, जो काफी गंभीर हैं। उनका कहना है कि सिख समुदाय के लोग पगड़ी के ऊपर हेलमेट कैसे पहन सकते हैं।
अल्पसंख्यकों के लिए विशेष थाना बने
सिख समुदाय के लोगों ने कहा कि जैसे राज्य में एससी-एसटी के लिए विशेष थाने हैं, उसी तर्ज पर अल्पसंख्यकों के लिए विशेष थाने होने चाहिए। उन्होंने मांग करते हुए कहा की इससे अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सामान्य थाने में जाने की जगह विशेष थाने में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
नियुक्ति में सरकारी हस्तक्षेप से हो रही देरी
सिख समुदाय के लोगों ने कहा कि अल्पसंख्यक स्कूल-कॉलेजों में नियुक्ति पहले कॉलेज मैनेजमेंट करती थी। पर, अब इसमें सरकारी हस्तक्षेप बढ़ने से नियुक्ति में देरी हो रही है। इसका खामियाजा छात्र-छात्राओं को उठाना पड़ता है। समुदाय की मांग है कि अल्पसंख्यक स्कूल-कॉलेजों में नियुक्ति में सरकारी हस्तक्षेप नहीं हो।
पंजाबी अकादमी का हो गठन
सिख समुदाय की मांग है कि राज्य में पंजाबी अकादमी का गठन हो, जिससे पंजाबी भाषा, साहित्य और संस्कृति का प्रचार-प्रसार और विकास हो सके। उन्होंने कहा कि इसके गठन से पंजाबी साहित्यिक गतिविधियों का प्रचार/प्रसार, पंजाबी भाषा विकास कार्यक्रम, पुस्तकों/पत्रिकाओं के प्रकाशन, पंजाबी भाषा के प्रचार और विकास के लिए अनुसंधान कार्य और अन्य कार्यक्रम और पंजाबी लेखकों/कलाकारों/पत्रकारों और अन्य भाषाई सांस्कृतिक प्रवर्तकों को प्रोत्साहन मिलेगा। कहा कि कई राज्यों में पंजाबी भाषा संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए पंजाबी अकादमी का गठन किया गया है।
समस्याएं
1. योजनाओं के लाभ के लिए सरकार से जारी अल्पसंख्यक प्रमाणपत्र की हो रही है मांग।
2. ओबीसी प्रमाण पत्र नहीं बनने से समुदाय की बड़ी आबादी आरक्षण के लाभ से वंचित।
3. 1984 दंगा के पीड़ितों को अब तक मुआवजे की पूरी राशि नहीं मिली है।
4. बीते दो महीने से पगड़ी पर भी ट्रैफिक चालान कटने के मामले सामने आ रहे हैं।
5. पंजाब, अमृतसर और चंडीगढ़ के लिए सीधी फ्लाइट सेवा नहीं होने से परेशानी।
सुझाव
1. अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र बनाने के लिए सरकार को पहल करते हुए प्रावधान करना चाहिए।
2. सिख समुदाय के लोगों का ओबीसी प्रमाण पत्र बने, जिससे आरक्षण का लाभ मिल सके।
3. 1984 दंगा के पीड़ितों को जल्द से जल्द मुआवजे की पूरी राशि के भुगतान के लिए पहल हो।
4. पगड़ी पर भी चालान कटने के मामलों को सरकार गंभीरता से लेते हुए संज्ञान ले।
5. पंजाब, अमृतसर और चंडीगढ़ के लिए सीधी फ्लाइट सेवा शुरू हो।
सिख समुदाय के लोग बोले-
जाति प्रमाण बनाने में ना हो देरी
सिख समुदायों के लिए सबसे पहले अलग से जाति आधारित आरक्षण होना चाहिए। जिस तरह लगातार सिख समुदाय समाज के कल्याण के लिए आगे बढ़कर काम कर रहा है, सिख समाज के लोगों का जाति प्रमाण पत्र भी तुरंत बनना चाहिए। इससे सरकार के द्वारा मिलने वाली सुविधाओं का हम लाभ उठाया जा सके। -ज्योति सिंह मथारू
सिख समुदाय लगातार सेवा की भावना रखता है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार को सिख समुदाय के लोगों को भी राजनीति में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिले। सरकार को सिख समुदाय के लोगों के लिए उनके तीर्थस्थल पर जाने के लिए आसान रेलवे और फ्लाइट की भी सुविधा उपलब्ध कराए, ताकि हम आसानी से उन जगहों पर आ-जा सके।
-गगनदीप सिंह
महिलाओं को नौकरी करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सरकार को महिला सुरक्षा की ओर ध्यान देना चाहिए, जिससे कामकाजी महिलाओं की परेशानी दूर हो।-सुरेंद्र पाल
जितनी आबादी उतनी हिस्सेदारी के तहत सिख समुदाय को सरकार में भागीदारी का अवसर मिले। विधानसभा से लेकर आयोगों में सिख समुदाय का प्रतिनिधि हो। -राजीव हंसपाल
सिख समुदाय के लोगों ने कहा कि अल्पसंख्यक स्कूल-कॉलेजों में नियुक्ति पहले कॉलेज मैनेजमेंट करती थी। पर, अब इसमें सरकारी हस्तक्षेप बढ़ने से नियुक्ति में देरी हो रही है। -रंजीत सिंह
पंजाब, अमृतसर और चंडीगढ़ के लिए सीधी फ्लाइट सेवा शुरू हो। अमृतसर के लिए सुपरफास्ट ट्रेन शुरू हो। इससे सिख समुदाय के लोगों को तीर्थस्थल जाने में सुविधा होगी। -परमजीत सिंह
जिस तरह कई समुदाय की अपनी अकादमी है, उसी प्रकार सिख समुदाय का भी राज्य में पंजाबी अकादमी का गठन हो। इससे पंजाबी भाषा और संस्कृति का प्रचार और विकास हो सके। -हरमिंदर बीर सिंह
सिख समुदाय समाज के कल्याण के लिए आगे बढ़कर काम कर रहा है। सरकार को भी सहयोग करते हुए अस्पताल, स्कूल यूनिवर्सिटी खोलने के लिए जमीन उपलब्ध करानी चाहिए। -मलकियत सिंह
सरकार महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान दें। लगातार शहर में कई प्रकार की घटनाएं घटित हुईं हंै। इसके लिए शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हो, ताकि महिलाएं बेखौफ बाहर निकल काम कर सकें। -खेम कौर
शहर में काफी कम संख्या में गुरुद्वारा है, जिस कारण लोगों को यहां आने में लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। वहीं गुरुद्वारा में जगह भी कम होती है। इसके लिए सरकार जमीन मुहैया कराए। -हरमीत सिंह
जाति प्रमाण पत्र भी बनवाने में काफी परेशानी आती है। इस कारण पूरा सिख समुदाय सरकार की तरफ से मिलने वाली योजनाओं से वंचित रह जाता है। लाभ तक नहीं उठा पाते हैं। -सत्यपाल सिंह
सिख समुदाय के लोगों ने कहा कि जैसे राज्य में एससी-एसटी के लिए विशेष थाने हैं, उसी तर्ज पर अल्पसंख्यकों के लिए विशेष थाने होने चाहिए। इससे समस्याओं का जल्द निपटारा होगा। -दलजीत सिंह
झारखंड में सिख समुदायों की संख्या काफी कम है। इस कारण हमें भी सरकार के वित्तीय निगम के प्रबंधक से ऋण की सुविधा मिलें, जिससे हमें रोजगार करने में भी काफी मदद मिलेगी। -गुरमित सिंह
सभी समुदायों का जाति आधारित आवासीय बन रहा है। लेकिन, सिख समुदायों को इसे बनवाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सरकार को इसपर तुंरत संज्ञान लेना चाहिए। -गुरुवंदर सिंह
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