आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापकों ने स्थानांतरण का किया विरोध
रांची विश्वविद्यालय ने 11 शिक्षकों का तबादला किया है, जिसे आवश्यकतानुसार शिक्षकों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि उनकी नियुक्ति झारखंड सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा की गई थी और वे...

रांची, विशेष संवाददाता। रांची विश्वविद्यालय की ओर से शिक्षकों का तबादला किए जाने के निर्णय का आवश्यकता आधारित शिक्षकों ने विरोध किया है। विश्वविद्यालय की ओर से 11 शिक्षकों का तबादला किया गया है, जिनमें स्थायी शिक्षकों के अलावा आवाश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापक भी शामिल हैं। आवश्यकता आधारित शिक्षकों का कहना है कि उनकी नियुक्ति उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, झारखंड सरकार की ओर से विभिन्न स्नातकोत्तर विभागों और अंगीभूत कॉलेजों में हुई है। सरकार के समक्ष कई बार नियमितीकरण करने की मांग भी रखी गई है, पर सरकार ने उनकी एक नहीं सुनी, उल्टा रांची विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्थानांतरण कर अपना दामन बचाने का प्रयास किया है।
उन्होंने यह मुद्दा भी उठाया कि उनका वेतन तीन से चार माह में एक बार आता है, उसमें भी काट-छांट कर भुगतान किया जाता है, ऐसे में स्थानांतरण कर उन्हें आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है। वर्तमान में आवश्यकता आधारित प्राध्यापकों को यूजीसी बेसिक पे के समतुल्य अधिकतम 57,700 रुपए मानदेय कुछ शर्तों के साथ मिलता है। उन्होंने मांग की कि पहले हमारा नियमितीकरण हो इसके बाद स्थानांतरण पर विचार किया जाए।
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