एचईसी की स्थिति पर संसदीय कमेटी ने एक माह में रिपोर्ट मांगी
रांची में एचईसी के पुनरूद्धार के मामले में संसदीय कमेटी ने कंपनी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में एचईसी के घाटे, कमर्चारियों की औसत आयु और प्राप्त पैकेज की जानकारी शामिल होगी। एचईसी के...

रांची, विशेष संवाददाता। एचईसी के रिवाइवल के मामले पर संसदीय कमेटी ने एचईसी से कंपनी की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। एचईसी प्रबंधन को एक माह के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है। इसमें एचईसी के लगातार घाटे में रहने के कारण, कमर्चारियों की औसत आयु और एचईसी को अब तक मिले पैकेज की जानकारी मांगी गई है। पिछले दिनों दिल्ली में संसदीय कमेटी ने बैठक की थी। इसमें एचईसी की ओर से कई बिंदुओं पर सटीक जानकारी नहीं दी जा सकी थी। इस कारण कमेटी ने एक माह का समय देते हुए रिपोर्ट भेजने को कहा है। एचईसी से समिति ने कार्यशैली में किस तरह बदलाव किया गया है, तकनीक और मशीनों की वर्तमान स्थिति की जानकारी मांगी है। एचईसी की स्थिति में लगातार गिरावट की वजह की जानकारी भी मांगी गई है। वर्ष 1966 में कर्मचारियों की औसत आयु और वर्तमान औसत आयु का ब्योरा भी संसदीय कमेटी ने मांगा है।
रिपोर्ट भेजने की तैयारी में जुटे कर्मचारी
एचईसी के कर्मचारी कमेटी को रिपोर्ट भेजने में जुट गए हैं और लगातार आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। एचईसी की किन-किन क्षेत्रों में विशिष्टता है। इसके लिए उसने अब तक कितना काम किया है और किस क्षेत्र से कितना वर्क ऑर्डर मिलता रहा है, इसकी भी जानकारी कमेटी को दी जाएगी। स्टील, कोल, रेलवे, अंतरिक्ष और रणनीतिक क्षेत्र के लिए एचईसी क्या-क्या कर सकता है और अब तक उसने कितने उपकरण तैयार किए हैं, इसकी भी जानकारी दी जाएगी। एचईसी के मिले पैकेज के बाद की स्थिति और राशि कैसे कैसे खर्च की गई, इस पर भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
सांसदों ने एचईसी के पुनरूद्धार का किया है आग्रह
राज्यसभा सांसदों ने संसदीय कमेटी को याचिका दायर एचईसी का पुनरूद्धार करने का आग्रह किया गया है। इस पर कमेटी बैठक कर रही है जानकारी मांगी है। बता दें कि एचईसी कामकारों का 27 माह से वेतन बकाया है। कंपनी के पास कार्यशील पूंजी नहीं है। कई कार्यादेश समय पर पूरे नहीं होने के कारण रद्द कर दिए गए हैं। प्लांटों की कई मशीनें बंद हैं। स्थापना के बाद से एचईसी के प्लांटों का आधुनिकीकरण नहीं हुआ है।
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