स्वीटजरलैंड के नागरिक के खिलाफ जारी समन और वारंट हाईकोर्ट ने रद्द किया
गृह मंत्रालय से अनुमति के बिना ही समन जारी किया गया था, जांच एजेंसी ने नियमों का पालन नहीं किया, कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं की
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रांची। विशेष संवाददाता झारखंड हाईकोर्ट ने स्वीटजरलैंड के निवासी के खिलाफ रांची के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत से जारी समन और वारंट को निरस्त कर दिया है। जस्टिस एके चौधरी की अदालत ने अपने आदेश में कहा गया है कि पारस्परिक कानूनी सहायता संधि के अनुसार जांच एजेंसी को समन और वारंट जारी करने के पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति लेनी चाहिए थी, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। जांच अधिकारी ने सीधे अदालत से समन जारी कराया और उनके उपस्थित नहीं होने पर गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया गया।
समन और वारंट रद्द कराने के लिए स्वीटजरलैंड के निवासी मार्क रीडी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि जांच एजेंसी ने समन जारी कराने के पहले दोनों देश के बीच हुए समझौते के अनुसार कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं की है।
विदेशी नागरिक के खिलाफ किशोर एक्सपोर्ट्स के संचालक दीपक अग्रवाल ने शिकायत दर्ज करायी थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि रीडी और उनकी कंपनी विंक के कर्मचारियों ने उनके साथ धोखाधड़ी की है। इसके बाद निचली अदालत ने वर्ष 2019 में समन जारी किया था।
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