झारखंड के पारंपरिक व्यंजनों और संस्कृति के मुरीद हुए सिक्किम के युवा
रांची में होटल प्रबंधन संस्थान में नेहरू युवा केंद्र द्वारा अंतर राज्य युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का आयोजन हुआ। सिक्किम के 27 युवाओं ने झारखंड के पारंपरिक नृत्य, संगीत और व्यंजनों का अनुभव किया।...
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रांची, विशेष संवाददाता। होटल प्रबंधन संस्थान (आईएचएम), रांची में नेहरू युवा केंद्र संगठन, झारखंड (युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार) की ओर से अंतर राज्य युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत सिक्किम के 27 युवाओं की टीम के लिए मंगलवार को- संस्कृति और व्यंजन विनिमय कार्यक्रम, का आयोजन किया गया। जिसमें झारखंड के नृत्य संगीत के साथ पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ उठाया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ललिता कुमारी, राज्य निदेशक, नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस), मौजूद थीं। अध्यक्षता आईएचएम रांची के प्राचार्य डॉ भूपेश कुमार ने की। सिक्किम के युवाओं का स्वागत झारखंड की पारंपरिक वाद्य यंत्र मांदर, आधारित गीत से किया गया। इसके बार राजकीय मानभूम नृत्य कला केंद्र सिल्ली के कला दल की ओर से छऊ नृत्य व आईएचएम के विद्यार्थियों की ओर से झूमर नृत्य प्रस्तुत किया गया। सिक्किम के युवाओं ने भी- साकेला नृत्य व नेपाली नृत्य की प्रस्तुति दी। आईएचएम, रांची के वरिष्ठ व्याख्याता रवि कुमार ने युवाओं को झारखंड के पारंपरिक व्यंजन, कला-संस्कृति व विविधता की जानकारी दी। साथ ही, क्षेत्रीय व्यंजनों के प्रचार और ब्रांडिंग के लिए रणनीति के साथ अन्य भारतीय राज्यों के सफल मॉडलों पर केस स्टडी की प्रस्तुति दी, जिससे सिक्किम के युवाओं का पर्यटन विकास और पाक अन्वेषण के माध्यम से आर्थिक विकास और रोजगार सृजन सहित सतत विकास हो सके।
सिक्किम के युवाओं को संस्थान में पढ़ाए जा रहे तीन वर्षीय बीएससी इन हॉस्पिटैलिटी एंड होटल एडमिनिस्ट्रेन पाठ्यक्रम के साथ लघु पाठ्यक्रमों की जानकी दी गई। उन्हें आवासीय परिसर का भी शैक्षणिक भ्रमण कराया गया और दोनों राज्यों के छात्र-छात्राओं ने एक-दूसरे के साथ अपनी कला-संस्कृति, खानपान व रहन-सहन के तौर तरीकों की जानकारी साझा की। प्रशिक्षण पाकशाला में आईएचएम रांची के शेफ रजनीश कुमार सिंह के नेतृत्व में सिक्किमी युवाओं को झारखंड के पारंपरिक व्यंजनों- धुस्का, आलू चने की सब्जी, गोड़ा चाउर भात, छिलका रोटी, माड़ झोर, फुटकल साग, सरसों बथुआ साग, कटहर तियान, खस्सी झोर, अरसा पीठा, डूम्बु इत्यादि व्यंजनों की पकाने की विधि सिखाई गई। सिक्किम के युवाओं भी सिक्किम अपना पारंपरिक व्यंजन- सेल रोटी, मोमो, गुड़ चटनी व सूप बनाया। आईएचएम रांची के प्राचार्य डॉ भूपेश कुमार ने कहा कि युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत झारखंड व सिक्किम की कला-संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत, सामाजिक परिस्थितियों व राज्य के व्यंजनों को साझा किया।
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