कांग्रेस की मंशा सही होती तो 1993 में बन जाता झारखंड : प्रवीण प्रभाकर
रांची में आजसू नेता प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि कांग्रेस की मंशा सही होती तो 1993 में ही झारखंड राज्य बन जाता। कांग्रेस ने झामुमो के सांसदों के वोटों की सौदेबाजी की, लेकिन राज्य नहीं बनाया। उन्होंने कहा...
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रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। प्रदेश आजसू नेता प्रवीण प्रभाकर ने कहा है कि कांग्रेस की मंशा सही होती तो साल 1993 में ही झारखंड राज्य का गठन हो जाता। साल 1993 में प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस ने झामुमो के चार सांसदों के वोटों की सौदेबाजी कर ली, लेकिन राज्य नहीं बनाया। आजसू नेता ने यह बयान कांग्रेस प्रभारी के.राजू के उस बयान के विरोध में दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि झारखंड राज्य का निर्माण कांग्रेस के त्याग और तपस्या का परिणाम है।
प्रवीण प्रभाकर ने कहा है कि अलग झारखंड राज्य आजसू के उग्र आंदोलन की बदौलत बना है। आजसू ने 1986 से 2000 तक उग्र आंदोलन चलाया और आर्थिक नाकेबंदी की। इस कारण केंद्र सरकार को वार्ता तथा झारखंड की समस्या के समाधान के लिए मजबूर होना पड़ा। 1999 में तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी की आजसू नेताओं सुदेश महतो, प्रवीण प्रभाकर, स्वर्गीय कमल किशोर भगत, हसन अंसारी एवं ललित महतो से बातचीत हुई। इसके परिणामस्वरूप अलग राज्य निर्माण तथा इसका वनांचल के बजाय झारखंड नामकरण करने पर सैद्धांतिक सहमति बनी थी। इसी के बाद साल 2000 में राजग सरकार ने अलग राज्य का विधेयक लाया था।
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