पलामू के सभी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा और पुख्ता करने की जरूरत
राज्य सरकार के निर्देशों के बावजूद पलामू के मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों में अग्नि और विद्युत सुरक्षा का गहन ऑडिट नहीं हुआ। स्वास्थ्य कर्मियों को आपात स्थिति में मरीजों की जान बचाने और आग...

मेदिनीनगर, प्रतिनिधि। राज्य सरकार के निर्देश के बावजूद पलामू के मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एमआरएमसीएच) और अन्य राजकीय अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा और विद्युत सुरक्षा संबंधित गहन ऑडिट नहीं कराया गया। हालांकि स्वास्थ्य कर्मियों को अग्निशामक के बारे में प्रशिक्षण दिया गया ताकि उपलब्ध संसाधन के बूते किसी आपात स्थिति से निपटा जा सके। सभी कर्मियों को आपात स्थिति में मरीज की जान बचाने और फिर आग बुझाने का प्रयास करने का प्रशिक्षण दिया गया है। एमआरएमसीएच के एसएनसीयू में भी आग लगने की घटना हो चुकी है। इनडोर मरीज और उनके परिजनों में इसके कारण डर की स्थिति बनी रहती है। कुछ दिन पूर्व ही राज्य मुख्यालय से सभी मेडिकल कॉलेज और सिविल सर्जनों को अग्नि सुरक्षा आदि को लेकर व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिय गया था। 21 से 26 अप्रैल तक मनाए गए फायर सेफ्टी विक में अग्नि और बिजली से सुरक्षा को लेकर केवल खानापूर्ति की गई है।
पलामू प्रमंडल के सबसे बड़े अस्पताल एमआरएमसीएच, अनुमंडल अस्पतालों एवं सीएचसी में अग्निशामक यंत्रों का मॉक ड्रिल आंशिक रूप से करते हुए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। सभी अस्पतालों में पोर्टेबल फायर सेफ्टी और अग्निशामक यंत्र को दुरुस्त किया गया है। बड़े अस्पतालों में प्रत्येक ओपीडी के बाहर जबकि अन्य स्वास्थ्य केंद्रों के प्रमुख स्थानों पर पोर्टेबल अग्निशामक लगाया गया है। कार्यरत स्वास्थ्य कर्मचारियों की माने तो विभाग उन्हें प्रशिक्षण देता है और कभी कभी प्रशिक्षण का लाभ भी मिलता है। अभी कुछ महीने पहले एमआरएमसीएच के एसएनसीयू में आग लग गई थी तो मौके पर मौजूद नर्स ने बच्चों को बचाया था।
सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार सिंह ने कहा कि सेफ्टी विक के तहत सभी अनुमंडलीय अस्पताल और सीएचसी में अग्निशमन की पूर्ण जानकारी दी गई है। स्वास्थ्यकर्मियों को बताया गया है कि पहले मरीजों की जान बचाना है फिर आग को बुझाने की दिशा में अग्रसर होना है। साथ ही यह सुनिश्चित करे कि तुरंत अग्निशामक विभाग को सूचना दे दिया जाए ताकि वह यथाशीघ्र घटना स्थल पर पहुंच सकें। इधर जिला अग्निशामक पदाधिकारी ने कहा कि एमआरएमसीएच में अग्निशामक की स्थाई व्यवस्था की गई है। डीपबोर, मोटरपंप और पाइप की व्यवस्था की गई है ताकि आपात स्थिति में तत्काल बचाव कार्य किया जा सके। परंतु सभी अस्पतालों में अग्निशामक व्यवस्था पुख्ता करने की जरूरत है।
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