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सिंचाई के विकल्प ढूंढने, जल संचय करने की है जरूरत- अध्यक्ष

झारखण्ड राज्य जलछाजन मिशन अंतर्गत लोहरदगा जिले में वाटरशेड यात्रा का मंगलवार को समापन हुआ। कैरो प्रखण्ड-सह-अंचल कार्यालय परिसर में इस मौके पर मंगलवा

Newswrap हिन्दुस्तान, लोहरदगाTue, 25 Feb 2025 11:02 PM
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सिंचाई के विकल्प ढूंढने, जल संचय करने की है जरूरत- अध्यक्ष

लोहरदगा, संवाददाता। झारखण्ड राज्य जलछाजन मिशन अंतर्गत लोहरदगा जिले में वाटरशेड यात्रा का मंगलवार को समापन हुआ।

कैरो प्रखण्ड-सह-अंचल कार्यालय परिसर में इस मौके पर मंगलवार को जिला परिषद अध्यक्ष रीना कुमारी, उप विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत मौजूद रहे।

जिला परिषद अध्यक्ष ने कहा कि जलछाजन मिशन के जरिये जल के बेहतर प्रबंधन की जानकारी दी जा रही है। सिंचाई के लिए विकल्प ढूंढने, जल संचय करने की जरूरत है। जल संचय कर हम बारिश के पानी से डोभा, तालाब के लिए जल की व्यवस्था कर सकते हैं। मेढ़बंदी कर मिट्टी का कटाव रोक सकते हैं। किसान कृषि की नई तकनीक सीखें। इससे अपनी आय कई गुना बढ़ा सकते हैं।

उप विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने कहा कि सभी के प्रयास से ही खुशहाली आएगी। जलछाजन मिशन एक ऐसा कार्यक्रम है। जिसमें पानी के संरक्षण की जानकारी दी जा रही है। इससे जुड़कर किसान खुशहाल हो रहे हैं। डोभा के जरिये जल संरक्षण कर सकते हैं। मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालन की योजनाओं से किसानों का सशक्त बनाया जा रहा है। सभी को मिलकर समाज के विकास के लिए अपनी भागीदारी निभानी होगी। जिससे पानी की उपलब्धता गांव-गांव में सुनिश्चित हो सकेगी।

डीडीसी ने कहा कि वाटरशेड योद्धाओं ने गांव-गांव जा कर योजनाओं की जानकारी दी है। यह सिर्फ एक विभाग की योजना नहीं है। इससे सभी अपने प्रयास से जन-जन तक पहुंचाएं।

जिला कृषि अधिकारी कालेन खलखो ने वाटरशेड यात्रा के महत्व के बारे बताया। साथ ही, कहा कि जल, जीवन और जमीन को बचाने के लिए यह कार्यक्रम सभी विभागों से जुड़ा हुआ है। लोग इस यात्रा से जुड़ें। स्वयं को सशक्त बनायें। कृषि विभाग द्वारा कई कार्यक्रम जैसे बीज वितरण, डेमोन्स्ट्रेशन, मिट्टी का ट्रीटमेंट आदि के कार्यक्रम का आमजन लाभ उठाएं। स्वावलंबी बनें। आत्मा के जरिये कृषि यंत्र, परिभ्रमण कार्यक्रम का लाभ ले सकते हैं।

पशुपालन अधिकारी डा अरूण कुमार ने पशुगणना-2025 की जानकारी दी। कहा कि पशु विकास योजनाओं से लाभान्वित होकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं।

मत्स्य प्रसार अधिकारी सुप्रिया द्वारा मत्स्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन के लिए किसान आगे आएं और मत्स्य कार्यालय में संपर्क करें। मत्स्य बीज उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाता है। बायोफ्लॉक तालाब की योजना, मार्केटिंग के लिए पिकअप वैन, तीन पहिया वाहन, मोटरसाइकिल योजना, रंगीन मछली पालन, मछुआ आवास योजना, मत्स्य पालन के लिए समितियों को तालाब बंदोबस्ती की योजना का लाभ दिया जाता है। जिसका किसान भरपूर लाभ उठा सकते हैं।

वाटरशेड योद्धाओं को किया गया सम्मानित

कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा वाटरशेड योद्धा किसानों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। जलछाजन मिशन के जिला तकनीकी विशेषज्ञ प्रिंस कुमार द्वारा सभी अतिथियों और आमजनों को जल संरक्षण की शपथ दिलायी गयी। संयुक्त रूप से सभी ने जलछाजन गीत गाया। कार्यक्रम में कृषि, मत्स्य, पलाश, जेएसएलपीएस, जलछाजन, पशुपालन आदि विभागों द्वारा अपने-अपने स्टॉल लगाये गये थे।

अतिथियों द्वारा प्रखण्ड कार्यालय परिसर में पौधरोपण किया गया। प्रखण्ड कार्यालय परिसर के समीप लाभुक मनोज साहू के खेत पर मेढ़बंदी योजना के लिए पारंपरिक तरीके से भूमि पूजन किया गया।

अतिथियों द्वारा वाटरशेड वाहन को वाटरशेड यात्रा के लिए दूसरे जिला के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

कार्यक्रम में जिला पंचायती राज अधिकारी अंजना दास, प्रखण्ड विकास अधिकारी छंदा भट्टाचार्य, सांसद प्रतिनिधि जाहिद अहमद, विधायक प्रतिनिधि निशीथ जायसवाल, जिला परिषद सदस्य कैरो सुखदेव उरांव, जलछाजन के स्टेट नोडल हेड विपुल विकास, बीपीओ अरविंद कुमार समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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