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शिक्षा के साथ साथ मानवता का पाठ पढ़ाता है डीएवी--सीजेएम

लोहरदगा के एमबीडीएवी पब्लिक स्कूल में रविवार को वर्जुअल लीगल लिट्रेसी क्लब का उद्घाटन हुआ। जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने कहा कि समाज को कानूनी रूप से जागरूक करना आवश्यक है। 660 से ज्यादा क्लबों के...

Newswrap हिन्दुस्तान, लोहरदगाMon, 24 Feb 2025 12:50 AM
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शिक्षा के साथ साथ मानवता का पाठ पढ़ाता है डीएवी--सीजेएम

लोहरदगा, संवाददाता।लोहरदगा के एमबीडीएवी पब्लिक स्कूल में रविवार को वर्जुअल रूप से लीगल लिट्रेसी क्लब का उद्घाटन किया गया। ज्ञात हो कि झारखंड के सभी 72 डीएवी स्कूलों में एक साथ लीगल लिट्रेसी क्लब का उद्घाटन जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद के द्वारा न्याय सदन झालसा, रांची द्वारा किया गया। इस दौरान जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने कहा कि समाज का निर्माण कैसे होना चाहिए यह हमें तय करना होगा। हमारा उद्देश्य समाज को कानूनी रूप से जागरूक करना भी है। इसके लिए डालसा और झालसा के द्वारा लगातार लोगों को जागरूक करने का कदम उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें कानून की आवश्यकता क्यों है, यह समझने की आवश्यकता है। स्कूलों में विभिन्न विषयों की पढ़ाई तो होती है, लेकिन लीगल जानकारी नहीं दी जाती है। इसके लिए लिगल लिट्रेसी क्लब को एक बेहतर माध्यम बनाया गया है। 660 से ज्यादा लीगल लिटरेसी क्लब जिसका लाभ स्कूल के विद्यार्थियों को मिल रहा है। चाइल्ड मैरिज, ह्यूमन ट्रैफिकिंग, नशा से नुकसान सहित विभिन्न विषयों की जानकारी दी जा रही है। अंधविश्वास को दूर करने का काम भी लिगल लिट्रेसी क्लब के माध्यम से काम किया जा रहा है।

एमबीडीएवी पब्लिक स्कूल में टीम का नेतृत्व कर रहे मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित सीजेएम कृष्ण कांत मिश्रा ने कहा कि समाज के लिए लीगल कैडेट कोर बनाने का उद्देश्य पूरा किया जा रहा है। आज के समय में युवाओं का भविष्य लीगल के क्षेत्र में बढ़ रहा है। ऐसे में यह युवाओं को एक नई दिशा दे रहा है। हम अभी से ही इन युवाओं को जज के रूप में देख पा रहे हैं। हम समाज को लीगल लिट्रेसी क्लब के माध्यम से जागरूक करने का काम कर रहे हैं। ट्रैफिकिंग की वज़ह से बच्चियों को बाहर बेचा गया। ऐसे मामलों में डालसा ने कई बेहतर कार्य किया है। बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आपकी पहली ड्यूटी पढ़ाई दूसरी ड्यूटी पढ़ाई और आखरी ड्यूटी सिर्फ बच्चों को पढ़ाई ही होना चाहिए। पढ़ने का आपको मौका मिला है, तो इसका पूरा सदुपयोग करो। धन संपदा आपको सुकून नहीं दे सकता है। इसलिए अपने परिवार और अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का भी काम करें।

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