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मुफलिसी में ना हासिल हुआ शिक्षा का ज्ञान तो खेती कर हासिल किया अपना सम्मान

जामताड़ा के सोनवाद गांव के तीन दोस्तों ने आर्थिक तंगी के बावजूद चौथी कक्षा तक पढ़ाई की। उन्होंने खेती करके लाखों की आमदनी की है और अपने परिवार का मान-सम्मान बढ़ाया है। टमाटर की खेती से उन्हें रोज़...

Newswrap हिन्दुस्तान, जामताड़ाSun, 23 Feb 2025 05:04 PM
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मुफलिसी में ना हासिल हुआ शिक्षा का ज्ञान तो खेती कर हासिल किया अपना सम्मान

जामताड़ा। मुफलिसी में ना हासिल हुआ शिक्षा का ज्ञान तो खेती कर हासिल किया अपना सम्मान। जी हां ऐसा ही कुछ कर दिखाया है सोनवाद गांव के तीन दोस्तों ने। आर्थिक तंगी के कारण महज चौथी कक्षा तक पढ़ाई करने वाले लक्ष्मण दां, दियास दत्ता तथा उत्पल दत्ता आज सब्जी की खेती कर न सिर्फ लाखों की आमदनी कर रहे हैं बल्कि अपने तथा अपने परिवार का मान सम्मान भी बढ़ा रहे हैं। तीनों युवा किसानों ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर रहने के कारण उन लोगों ने काफी कम पढ़ाई की। जिस कारण कहीं नौकरी नहीं मिला। परिवार का पेट पालना था, इसलिए खेती करने का मन बनाया। पुश्तैनी जमीन भी काफी कम थी। इसलिए लीज पर जमीन लेकर लगभग 15 एकड़ में टमाटर की खेती कर रहे हैं। जिससे प्रत्येक वर्ष उन्हें लाखों की आमदनी हो रही है। यह कार्य लगभग 15 वर्ष से करते आ रहे हैं। जिससे न सिर्फ उन्हें अच्छे आमदनी हो रही है बल्कि कम पढ़ा लिखा रहने के बावजूद भी समाज उनको अच्छा इज्जत मिल रहा है।

प्रत्येक दिन 25 से 30 क्विंटल टूटता है टमाटर: तीनों दोस्तों ने बताया कि वे लोग गांव के ही कुछ मैदानी पथरीली जमीन को लीज पर लेकर टमाटर सहित अन्य सब्जी की खेती कर रहे हैं। इस वर्ष टमाटर की अच्छी फसल हुई है। अभी प्रत्येक दिन 25 से 30 क्विंटल टमाटर टूटता है। जिसे वह जामताड़ा के अलावे धनबाद, बोकारो के मंडी में भेजते हैं। यही नहीं काफी ज्यादा टमाटर टूटने के कारण प्रत्येक दिन 8 से 10 मजदूरों को वह रोजगार भी दे रहे हैं। जिससे उनका मान सम्मान भी बढ़ रहा है। हालांकि उन्हें इस बात का अफसोस है कि अभी टमाटर का उन्हें सही कीमत नहीं मिल रहा है। जिससे उन्हें परेशानी हो रही है। प्रारंभ में 10 रुपए किलो टमाटर बेचते थे। अभी महज 3 रूपए प्रति किलो व्यापारी खेत से ही उनका टमाटर ले जा रहे हैं। जिस कारण उन्हें अपेक्षाकृत कम आमदनी हो रही है। कहा कि अगर यहां कोल्ड स्टोर रहता तो वह अपने टमाटर को वही रखते।लेकिन यहां इसकी सुविधा नहीं है। वही ज्यादा दिन खेत में रखने पर टमाटर खराब हो जा रहा है। इसलिए काफी कम कीमत में ही टमाटर बेच रहे हैं।

साइबर के गढ़ के रूप में विख्यात है सोनवाद गांव: जानकारी के अनुसार सोनबाद गांव साइबर अपराधियों का गढ़ माना जाता है। जामताड़ा सहित विभिन्न राज्यों की साइबर पुलिस इस गांव के दर्जनों लोगों को साइबर अपराध में पकड़ चुकी है और जेल भेज चुकी है। लेकिन इसी गांव के तीन युवाओं ने मेहनत के बल पर आज अच्छी आमदनी कर रहे हैं। जिससे गांव सहित क्षेत्र में उसकी चर्चा हो रही है। यह तीनों दूसरे के लिए प्रेरणा स्रोत बने हैं।

क्या कहते हैं जिला कृषि पदाधिकारी: लव कुमार कहा कि तीनों किसान मेहनती हैं। जल्द इन लोगों से मिलकर इन्हें अन्य सरकारी सुविधाएं दी जाएगी ताकि यह लोग और बेहतर खेती करें और दूसरे को भी खेती करने के लिए प्रेरित करें।

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