Struggling for Water Simulkonda Villagers Forced to Fetch Water from 2 km Away Despite Government Schemes 2 किलोमीटर की दूरी से पानी लाने को मजबूर है सिमुलकोंदा के ग्रामीण, Jamtara Hindi News - Hindustan
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2 किलोमीटर की दूरी से पानी लाने को मजबूर है सिमुलकोंदा के ग्रामीण

कुंडहित प्रतिनिधि। जब जल जीवन मिशन के तहत हर-हर नल से जल योजना के तहत जल विभाग न बनना शुरू हुआ था तो गांव वालों को लगा था कि अब पेयजल का संकट दूर हो

Mon, 9 June 2025 12:02 AMNewswrap हिन्दुस्तान, जामताड़ा
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2 किलोमीटर की दूरी से पानी लाने को मजबूर है सिमुलकोंदा के ग्रामीण

2 किलोमीटर की दूरी से पानी लाने को मजबूर है सिमुलकोंदा के ग्रामीण कुंडहित प्रतिनिधि। एक और सरकार घर-घर स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के लिए हर घर नल से जल योजना चल रही है। इसके बाद भी कुंडहित प्रखंड के बंगाल सीमावर्ती सिमुलकोंदा गांव के ग्रामीण आज भी 2 किलोमीटर दूर से पानी ढोने को मजबूर है। गांव में जब जल जीवन मिशन के तहत हर-हर नल से जल योजना के तहत जल विभाग न बनना शुरू हुआ था तो गांव वालों को लगा था कि अब पेयजल का संकट दूर हो जाएगा। लेकिन संवेदक द्वारा आधा अधूरा काम करके छोड़ दिया गया है।

जिससे ग्रामीणों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वही गांव में 6 चापाकल है जिसमें से पांच चापाकल खराब है। बचा एक चापाकल ग्रामीणों की पेयजल की जरूरत को पूरा करने में सक्षम नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों द्वारा अधूरे जलमीनार को पूरा करने तथा खराब पड़े चापाकलो की मरम्मती करने के लिए कई बार स्थानीय प्रशासन से लेकर पेयजल विभाग तक को सूचित किया गया लेकिन अभी तक समस्या का निदान नहीं हो पाया है। जानकारी के अनुसार फंड नहीं मिलने के कारण संवेदक द्वारा काम आधा अधूरा छोड़ दिया गया है संवेदक के लोगों ने बताया कि फंड मिलते ही काम पूरा कर दिया जाएगा। पेयजल की गंभीर समस्या झेल रहे सिमुलकोंदा के ग्रामीण संतोष घोष, लालटू घोड़ई, नवनी घोड़ई, लखीकांत घोष, बबीता बाद्यकर, कुसुम कोड़ा, रेणुका कोड़ा मारुति वाद्यकर, पायल वाद्यकर, गीत वाद्यकर, रेखा कोड़ा, बसंती कोड़ा मंटू माजी, चांदनी कोड़ा आदि ने कहा कि हम लोगों की यहां तीन जलमीनार का स्ट्रक्चर खड़ा कर दिया गया लेकिन स्ट्रक्चर के ऊपर टंकी एवं घर तक स्टैंड पोस्ट नहीं लगाया गया है। और गांव में जो पूर्व से 6 चापाकल है उनमें 5 खराब पड़ा हुआ है । कई बार विभाग को जानकारी दिए हैं लेकिन अभी तक ना चापाकल ठीक किया गया है ना ही विभाग के द्वारा जल मीनार का कार्य को पूरा किया गया है हम लोगों को पेयजल के लिए बंगाल के गेरुआपहाड़ी से पानी लाना पड़ता है। इस संबंध में कनीय अभियंता अमन कुमार ने बताया कि खराब चापाकल को जल्द ही ठीक कर दिया जाएगा और अधूरे जलमिनर को पूरा करने के लिए विभाग द्वारा संवेदक को पत्र भेजा गया है। फोटो कुंडहित 01: आक्रोश का इजहार करते सिमुलकोंदा के ग्रामीण।

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