दुबे बाबा मंदिर में अखंड हरिनाम संकीर्तन संपन्न
फतेहपुर प्रखंड के बानरनाचा पंचायत में स्थित श्री श्री 108 दुबे बाबा मंदिर में चौबीस प्रहर अखंड हरिनाम संकीर्तन का समापन हुआ। चार दिनों तक भक्तों का सागर उमड़ा, जिसमें कीर्तन शिल्पी काजल चंद ने...

फतेहपुर,प्रतिनिधि। फतेहपुर प्रखंड के बानरनाचा पंचायत अंतर्गत बाघमारा गांव स्थित अति प्राचीन श्री श्री 108 दुबे बाबा मंदिर में आयोजित चौबीस प्रहर अखंड हरिनाम संकीर्तन का समापन कुंजविलास प्रसंग एवं नर नारायण सेवा के साथ हुआ। इस धार्मिक अनुष्ठान ने चार दिनों तक भक्तिमय वातावरण बनाए रखा, जिसमें आसपास के गांवों से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस संकीर्तन के अंतिम दिन जामताड़ा जिले के फतेहपुर प्रखंड के हाथधरा गांव के प्रसिद्ध कीर्तन शिल्पी काजल चंद ने अपने मधुर कीर्तन और भजनों से श्रोताओं को घंटों तक मंत्रमुग्ध कर रखा। उन्होंने राधा-कृष्ण की लीला का संगीतमय वर्णन किया और भक्ति भाव से ओत-प्रोत नृत्य प्रस्तुत किया। कीर्तन के दौरान गोरांग लीला एवं कृष्ण लीला का जीवंत चित्रण किया गया, जिससे श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।गुरुवार रात्रि को काजल चंद ने महारास लीला का मधुर वर्णन किया, जिसमें उन्होंने बताया कि गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण से उन्हें पति रूप में पाने की इच्छा प्रकट की, जिसके लिए श्रीकृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात यमुना तट पर महारास रचाया। इस दौरान भगवान ने अपनी दिव्य शक्ति से प्रत्येक गोपी के साथ स्वयं को उपस्थित कर दिया और प्रेमानंद में डूबकर नृत्य किया। यह भव्य कीर्तन श्रवण कर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए और भक्ति रस में सराबोर हो गए।कीर्तन केवल भक्ति तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें लोक शिक्षा, सदाचार, सद्बुद्धि एवं जीव की मुक्ति के लिए भगवान के उपदेशों को भी संगीतमय शैली में प्रस्तुत किया गया। कीर्तन शिल्पी काजल चंद ने भगवान श्रीकृष्ण की कुंजविलास लीला का वर्णन करते हुए हरिबासर में अंतिम रात्रि में रासलीला और समापन के अवसर पर कुंजविलास लीला की परंपरा पर प्रकाश डाला।
यह धार्मिक आयोजन फतेहपुर प्रखंड के पालाजोरी पंचायत अंतर्गत लायबनी गांव निवासी श्रद्धेय परेश पंडित, रामपद पंडित एवं काजल पंडित द्वारा किया गया था। पूरे आयोजन के दौरान भक्तों की सुविधा के लिए विशाल पंडाल, लाइटिंग, लाउडस्पीकर और बैठने की उत्तम व्यवस्था की गई थी। इस अनुष्ठान में फतेहपुर, बाघमारा, बामनबांधी, बेजबिंधा, केन्दुआटांड़, आसना, बानरनाचा, जोरडीहा और आंगुठीया सहित आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। पूरे चार दिनों तक क्षेत्र में भक्ति और श्रद्धा का वातावरण बना रहा। संकीर्तन अनुष्ठान के समापन पर भगवान के जयकारों के बीच भक्तों के बीच खिचड़ी प्रसाद का वितरण किया गया, जिसमें सैकड़ों महिला-पुरुष श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस धार्मिक आयोजन को सफलतापूर्वक संचालित करने में दुबे बाबा मंदिर के मुख्य पूजारी बलहरी पंडा, पंडा राजा बाबू, बिष्णुकांत पंडा सहित अन्य भक्तों ने सक्रिय भूमिका निभाई। इस अखंड हरिनाम संकीर्तन ने पूरे क्षेत्र में भक्तिमय ऊर्जा का संचार किया और श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक सुख का अनुभव कराया।
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