समाज जिसको ठुकरा देता हैभगवान उसे अपने हृदय से लगा लेते है: अंकित जी
गांधी मैदान में आयोजित श्री राम कथा के चतुर्थ दिवस पर सद्गुरुदेव हरिदास अंकित जी ने राम के बाल काल की कथा सुनाई। उन्होंने यज्ञ की रक्षा और सनातन धर्म की महत्वता पर जोर दिया। उन्होंने समाज के द्वारा...

समाज जिसको ठुकरा देता हैभगवान उसे अपने हृदय से लगा लेते है: अंकित जी जामताड़ा,प्रतिनिधि। गांधी मैदान में आयोजित श्री राम कथा के चतुर्थ दिवस कथा में सद्गुरुदेव हरिदास अंकित कृष्ण जी के द्वारा राम के बाल काल की कथा सुनाई गई। इस दौरान मुख्य यजमान तरुण गुप्ता और आशा गुप्तासहित सैकड़ों श्रधालू मौजूद थे। श्री राम कथा में विश्वामित्र के आगमन के बाद उन्होंने राम लक्ष्मण को यज्ञ की रक्षा के लिए लेकर अपने आश्रम गए और भगवान ने वहां जाकर के अनेक शास्त्रों की और शस्त्रों की विद्या को ग्रहण किया इसके बाद ताड़का का उद्धार किया। सबसे अहम कार्य जो भगवान ने किया वह था यज्ञ की रक्षा और भगवान ने कहा सनातन धर्म की रक्षा करना है तो इस तरह से यज्ञ का होना बहुत आवश्यक है।अंकित जी ने कहा कि जैसे जिस प्रकार से आज हमारे गांधी मैदान में तरुण गुप्ता जी की तरफ से श्री राम कथा यज्ञ रखा गया है इसी प्रकार से यज्ञ होने चाहिए तभी हमारे सनातन धर्म की रक्षा हो सकती है। इस दौरान जनकपुर के लिए भगवान जब गए तब अहिल्या का रास्ते में ही प्रभु ने उद्धार किया। अंकित जी ने इस कथा के द्वारा यह बताया कि समाज जिसको ठुकरा देता है उसको मैं अपने हृदय से लगा लेता हूं। इस दौरान उन्होंने भक्तों को शुद्ध शाकाहार अपनाने के लिए निवेदन किया । कार्यक्रम के पूर्व व्यासपीठ का पूजन और आरती किया गया। जिस मौके पर मुख्य यजमान के साथ सहयोगी प्रभु मंडल अधिवक्ता मोहन बर्मन राजा नित्य गोपाल सिंह ,संजय पांडे,सुजीत मित्रा,राकेश रवानी,मिथिलेश बर्मन,के साथ आयोजन समिति के दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
फोटो जामताड़ा 08 कार्यक्रम में प्रस्तूत की गई झांकी
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।