जेम्को में हादसे के बाद भी नहीं चेती पुलिस, बढ़ रहा आक्रोश
जेम्को इलाके में पिछले पांच सालों में 124 सड़क दुर्घटनाओं में 26 लोगों की मौत हुई है। भारी वाहनों की अवैध पार्किंग और अव्यवस्थित यातायात के कारण अक्सर जाम लगते हैं। हाल ही में एक तेज रफ्तार ट्रक ने...

जेम्को का नाम आते ही सड़कों के किनारे खड़े ट्रेलर और ट्रक, अव्यवस्थित यातायात और दुर्घटना के बाद जाम और हंगामा का नजारा सामने आने लगता है। इस इलाके में लगातार दुर्घटनाएं होती हैं। न तो इस इलाके से अवैध पार्किंग को हटाया जाता है और न ही यातायात पुलिस वैसे लोगों पर कोई कार्रवाई करती है। 124 दुर्घटनाओं में 26 की मौत
पांच साल में इस इलाके में 124 सड़क दुर्घटनाओं में 26 लोगों की मौत हुई है। इनमें अधिकांश मामले ऐसे हैं, जहां एक्सीडेंट के बाद जाम लगा। अक्सर आंदोलन के दौरान भीड़ आक्रोशित हो जाती है और पुलिस केा बल प्रयोग करना पड़ता है। इस इलाके में महानंद बस्ती क्षेत्र में ट्रक और ट्रेलर का पड़ाव होता है, जबकि मनीफिट आजादबस्ती में डम्पर सड़क के किनारे खड़े कर दिए जाते हैं। भारी वाहनों के पड़ाव और उससे होने वाले प्रदूषण को लेकर लोगों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की, लेकिन स्थिति जस की तस है।
जेम्को का इलाका दो कंपनियों के आसपाास का इलाका है। यहां जहां टाटा मोटर्स के अंदर आने जाने भारी वाहनों का पड़ाव होता है तो दूसरी ओर स्थानीय ट्यूब डिविजन के भी वाहन आकर इसी जगह में खड़े कर दिए जाते हैं। इसके अलावा यह इलाका ट्रांसपोर्टर और भारी वाहनों के मैकेनिकों का भी इलाका है। यही वजह है कि इन इलाकों में भारी वाहनों के पड़ाव को जब भी रोकने का प्रयास किया जाता है तो स्थानीय लोग इसमें सफल नहीं हो पाते।
दुर्घटना पीड़ित परिवार का दर्द छलका
पिछले दिनों जेम्को चौक के निकट एक तेज रफ्तार ट्रक ने स्कूटी सवार पिता-पुत्री को रौंद दिया था, जिसमें स्कूटी सवार पिता कृष्णा शर्मा (40) और बेटी अंजली शर्मा (19) की मौत हो गई थी। इस दुर्घटना में उनका बेटा विक्की कुमार घायल हो गया था। अभी भी उसकी नजरों के सामने पिता और बहन की मौत का खैफनाक मंजर घूमता रहता है। उसने कहा कि दुर्घटना के बाद तो कम से कम इस इलाके में ट्रैफिक ठीक कर देना चाहिए। यदि उस दिन सड़क किनारे भारी वाहन नहीं खड़े होते तो उनके पिता और बहन की जान नहीं जाती।
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