शब-ए-बारात पर रात भर इबादत, मगफिरत की दुआ
इस्लाम धर्मावलंबियों ने शब-ए-बारात का त्योहार मनाया। लोग कब्रगाहों में अपने पूर्वजों की कब्रों पर जाकर दुआ मांगे। जाकिरनगर कब्रिस्तान में भीड़ रही और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। कई जगहों पर...
इस्लाम धर्मावलंबियों ने गुरुवार को शब-ए-बारात का त्योहार मनाया। शाम में लोग मगरिब की नमाज के बाद घरों से निकलकर कब्रगाह की तरफ गए। वहां अपने पूर्वजों की कब्र पर दुआ मांगी। शब-ए-बारात पर पूरी रात दुआओं का दौर चलता रहा। शब-ए-बारात, मुस्लिम समाज के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, यह चंद्र वर्ष के आठवें महीने शाबान की 15वीं रात को मनाया जाता है। इसे इबादत की रात या दुआ की रात भी कहा जाता है। यह अल्लाह से दया, और अपने गुनाहों की माफी मांगने का दिन माना जाता है।
जाकिरनगर कब्रिस्तान में सर्वाधिक भीड़
मानगो के जाकिरनगर कब्रिस्तान में सर्वाधिक भीड़ रही। पहले से ही कब्रिस्तान कमेटी ने विशेष इंतजाम कर रखा था। कब्रिस्तानों की विद्युत सज्जा की गई थी। साथ ही लोगों के आने जाने के लिए अलग- अलग रास्ते भी बनाए गए थे। अधिक भीड़ होने के कारण साकची कब्रिस्तान के निकट जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इसके लिए बाग-ए-जमशेद से आवागमन को परिवर्तित कर दिया गया था। इसके अलावा कब्रिस्तान कमेटी के लोगों ने आने वाले लोगों से उनके वाहनों की पार्किंग मेन रोड से अंदर जाने वाले रास्ते में की गई थी।
कई जगहों पर लोगों ने शब-ए-बारात में जागने वालों के लिए चाय का इंतजाम किया था। इसके लिए साकची गोलचक्कर, मस्जिदों व कब्रिस्तान के बाहर स्टॉल लगाए गए थे। कई जगहों पर तो लोगों ने लंगर की भी व्यवस्था की थी।
सुरक्षा व्यवस्था रही कड़ी
जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। पुलिस ने किसी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए 17 जगहों पर चेकनाका बनाया। आजादनगर से धतकीडीह के बीच 15 किलोमीटर के क्षेत्र में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी थी और साथ ही आने-जाने वाले वाहनों की जांच भी की जा रही थी। इधर, सड़क पर एसएसपी किशोर कौशल, सिटी एसपी कुमार शिवाशीष सहित अन्य पुलिस के पदाधिकारी मौजूद थे।
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