कोल्हान में सिर्फ 27.92% अबुआ आवास ही बन पाए
झारखंड सरकार की अबुआ आवास योजना की पहली वर्षगांठ नजदीक है, लेकिन सिर्फ 27.92% मकान ही बने हैं। पूर्वी सिंहभूम ने 41.04% और पश्चिम सिंहभूम ने 16.26% लक्ष्य हासिल किया है। योजना का कार्यान्वयन उम्मीदों...

झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी अबुआ आवास योजना की पहली वर्षगांठ नजदीक है, लेकिन आंकड़े योजना की रफ्तार पर सवाल खड़े कर रहे हैं। नवंबर 2023 में शुरू हुई इस योजना के तहत राज्यभर में 24827 मकान बनाने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन अबतक सिर्फ 6672 मकानों का निर्माण ही पूरा हो सका है। यानी, एक साल की अवधि में महज 27.92% लक्ष्य की ही प्राप्ति हो पाई है। कोल्हान प्रमंडल की बात करें तो स्थिति और भी दिलचस्प है। सबसे बेहतर प्रदर्शन पूर्वी सिंहभूम जिले ने किया है, जहां 8138 मकानों के लक्ष्य में से 3340 मकान पूरे किए गए हैं, जो 41.04% की उपलब्धि है।
वहीं पश्चिम सिंहभूम की स्थिति चिंताजनक है, जहां 10252 मकानों के लक्ष्य के विरुद्ध सिर्फ 1636 मकान बने हैं। यानी मात्र 16.26 प्रतिशत। सरायकेला-खरसावां में भी 26.35% आवास ही बन पाए हैं। योजना के तहत प्रत्येक लाभुक को दो लाख की सहायता दी जाती है, जिससे वे 31 वर्ग मीटर में तीन कमरों का पक्का मकान बना सकें। यह योजना विशेष रूप से उन्हीं परिवारों के लिए है, जिन्हें अबतक किसी अन्य सरकारी आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। कागजों में सिमट जाएगी योजना जाहिर है कि योजना का क्रियान्वयन अपेक्षा के अनुसार नहीं हो पाया है। निर्माण कार्य की धीमी रफ्तार और किस्त के असमान वितरण ने इसकी सफलता पर सवालिया निशान लगा दिया है। सरकार के पास कुछ माह बाकी हैं, लेकिन यदि गति नहीं बढ़ी तो यह योजना कागजों तक ही सिमटकर रह सकती है। आवासीय योजनाओं के लक्ष्य में वृद्धि का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश भी दिया गया है। अबुआ आवास योजना के वार्षिक लक्ष्य का एक फीसदी जिलों के पास रिजर्व रखने की अनुशंसा है। इससे लाभुकों को आकस्मिक जरूरतों के समय भी आवास आवंटन हो सकेगा। -दीपिका पांडेय सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री, झारखंड
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