बरही के 1834 चापानलों में 150 खराब और 15 जलमीनार भी बंद
बरही प्रखंड में 20 पंचायत और 124 गांव हैं, जहां पानी की समस्या गंभीर है। यहां 150 चापाकल खराब हैं और पेयजलापूर्ति योजना पिछले 13 वर्षों से निर्माणाधीन है। जबकि 383 जलमीनार की संख्या में से कई आधे...

बरही प्रतिनिधि। बरही प्रखंड में 20 पंचायत और 124 गांव हैं। बरही की कुल आबादी 1 लाख 42 हजार है। बरही के सभी 20 पंचायतों में चापाकलो की संख्या 1834 है जबकि हर घर नल जल योजना के तहत 383 जलमीनार है। यहां 150 चापानल खराब हैं। लेकिन जल एवं स्वच्छता विभाग के चापाकल और जलमीनार के आंकड़े लोगों की प्यास बुझाने में असफल है। यह सोचकर भी लोगों को हैरत होती है कि बरही के पास बड़ा सा तिलैया डैम है पर यहां के लोगों को पानी के परेशानी झेलनी होती है। योजना को सफल करने की दिशा में विशेष पहल की दरकार महसूस की जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि योजनाएं बनती है उसके क्रियान्वयन की कवायद शुरू होती है। फिर चंदा चिटठा और खाने पकाने का दौर शुरू होता है नतीजा योजना को अमली जामा नहीं पहनाया जा सकता है। यही कारण है योजनाएं तेरह तेरह वर्षों तक लटकी रहती है। सबसे अधिक चिंता की बात यह है किसी भी योजना को पूरी करने में विभागीय स्तर पर समुचित कवायद नहीं दिखती है। स्थानीय लोग भी समझ गए है कि हालात ऐसे ही रहेंगे। इसलिए उनकी ओर से किसी तरह की आवाज तक नहीं उठायी जाती है। दूसरी ओर तीन वर्षों में पूरी होने वाली बरही ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना पिछले 13 वर्षों से निर्माणाधीन है। बरही में वर्ष 1972 से ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना संचालित थी जो उस समय सुबह शाम पेयजलापूर्ति कर बरही वासियों की प्यास बुझाया करती थी। 2007-2008 में डीवीसी संपोषित पेयजलापूर्ति योजना की नींव रखी गई ।जिसका शिलान्यास 2013 में तत्कालीन विभागीय मंत्री ने किया था। लेकिन यह योजना आजतक पूरी नहीं हुई। जल एवं स्वच्छता विभाग के अभियंता विमल कुमार ने बताया कि बरही प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में कुल 383 जलमीनार बना है जिसमें 15 जलमीनार सोलर प्लेट के उड़ जाने और अन्य तकनीकी कारणों से खराब है। 60 जलमीनार फंड के अभाव में आधा अधूरा है। बरही शहरी क्षेत्र के धोबीटोला, मल्लाह टोली और कोनरा में पानी का लेयर नीचे चले जाने से पेयजल की समस्या है। जेई विमल कुमार ने कहा कि बरही में 1834 चापाकल लगा है। इसमें से 150 चापाकल खराब है, जिसे ठीक किया जा रहा है। जलमीनार की संख्या 383 है। इसमें 15 जलमीनार खराब है। 60 जलमीनार फंड के अभाव में आधा अधुरा है। चापाकल खराब होने की शिकायत पर मरम्मत कर दी जाती है।
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