30 लाख की एक्स-रे मशीन फांक रही है धूल
जमुआ सामुदायिक अस्पताल केवल रेफरल केंद्र बन गया है। यहां डॉक्टरों की कमी और मशीनों का सही उपयोग न होने के कारण मरीजों को गिरिडीह या धनबाद भेजा जा रहा है। अस्पताल में कोई एमबीबीएस डॉक्टर नहीं है, जिससे...

जमुआ, प्रतिनिधि। जमुआ सामुदायिक अस्पताल सिर्फ रेफरल केंद्र बनकर रह गया है। यहां चिकित्सकों की घोर कमी है। जो मशीन उपलब्ध है, उसका भी उपयोग नहीं हो रहा है। इस कारण अधिकांश मरीजों को सीधे तौर पर गिरिडीह या धनबाद के लिए रेफर कर दिया जाता है। सूत्रों के मुताबिक, यहां कई सालों से एक्स-रे मशीन है, लेकिन इसे चलाने वाला विशेषज्ञ नहीं है। रखे रखे यह मशीन खराब होती जा रही है। हड्डी से जुड़े मरीजों को सीधे गिरिडीह सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। इस अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जैसी मशीन नहीं रहने के कारण गर्भवती महिलाएं, पेट की शिकायत लेकर आने वाले मरीज सहित अन्य बीमारियों के मरीजों को गिरिडीह भेज दिया जाता है। मरीज या तो निजी अस्पताल जाते हैं और हजारों रुपये खर्च करते हैं या फिर कहीं अन्य जगह जाकर इलाज कराते हैं।
एक भी एमबीबीएस डॉक्टर नहीं: इधर, चिकित्सा प्रभारी तिर्की ने बताया कि अस्पताल में विशेषकर सामान्य डिलीवरी के मरीज आते हैं, तो एएनएम डिलीवरी करा देती है। सर्जिकल डिलीवरी करने के लिए गिरिडीह भेज दिया जाता है। बताया कि इस अस्पताल में एक भी लेडी डॉक्टर नहीं रहने के कारण महिला मरीजों को रखने में खतरा है। कहा कि अस्पताल में कुल सात डॉक्टर के पद सृजित हैं लेकिन यहां एक भी एमबीबीएस डॉक्टर नहीं है। उन्होंने बताया कि यहां एक भी हड्डी से जुड़े डॉक्टर नहीं हैं। कहा कि हड्डी रोग, रेडियोलॉजी का एक भी विषेषज्ञ नहीं रहने के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।