Hindi NewsJharkhand NewsGridih NewsIncrease in Surrender of Ration Cards in Giridih Amid Government Scrutiny

63 परिवारों ने जिला प्रशासन को सरेंडर किया राशन कार्ड

गिरिडीह में जिला प्रशासन की सख्ती के बाद 63 परिवारों ने राशन कार्ड सरेंडर कर दिए हैं। ये परिवार मानकों पर खरे नहीं उतर रहे थे। डीएसओ ने अपात्र कार्डधारकों से अपील की है कि वे स्वेच्छा से राशन कार्ड...

Newswrap हिन्दुस्तान, गिरडीहSat, 22 Feb 2025 03:33 AM
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63 परिवारों ने जिला प्रशासन को सरेंडर किया राशन कार्ड

गिरिडीह। जिला प्रशासन की सख्ती के बाद जिले में इन-दिनों राशन कार्ड सरेंडर करने का सिलसिला तेज होता जा रहा है। जिला आपूर्ति कार्यालय के अलावा प्रखंडों में भी बड़े पैमाने पर राशन कार्ड सरेंडर किए जा रहे हैं। अभी तक जिले में 63 परिवारों ने राशन कार्ड को सरेंडर किया है। यह वे परिवार हैं, जो राशन कार्ड के लिए सरकार- प्रशासन के तय मानक पर खरे नहीं उतर रहे हैं। डीएसओ गुलाम समदानी ने शुक्रवार कहा कि पूरे जिले में ऐसे 63 परिवारों ने अभी तक राशन कार्ड को सरेंडर किया है। कार्ड सरेंडर करने का सिलसिला जारी है। उन्होंने ऐसे अपात्र कार्डधारकों को एक बार फिर राशन कार्ड सरेंडर करने की अपील करने के साथ चेताया भी है। कहा कि अपात्र कार्डधारी स्वत: जिला और प्रखंड के कार्यालय में जाकर राशन कार्ड को सरेंडर कर दें।

कहा कि दूसरी ओर, विभाग की तरफ से ऐसे अपात्रों का चिन्हितकरण सर्वे कराया जा रहा है। सरकार-प्रशासन के निर्देश पर जिले में अपात्र राशन कार्डधारकों का सत्यापन किया जा रहा है। इस दौरान अपात्र मिलनेवाले कार्डधारकों का डाटा तैयार किया जा रहा है। सूची के अनुसार अपात्र कार्डधारकों को राशन कार्ड सरेंडर न करने की दशा में नोटिस जारी कर उनसे अबतक ली गई राशन सामग्री की कीमत की वसूली की जाएगी।

नया राशन कार्ड बनने की उम्मीद जगी: एक ओर जहां अपात्र कार्डधारकों द्वारा राशन कार्ड को तेजी से सरेंडर किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर नए राशन कार्ड बनने की उम्मीद अब जग गई है। जिले में ऐसे 7172 से अधिक राशन कार्ड का नवीनीकरण लंबित है। ये लाभार्थी लंबे समय से आवेदन करने के बाद भी राशन से वंचित हैं। इनका अबतक राशन कार्ड का नवीनीकरण नहीं हो रहा है न ही राशन दिया जा रहा है। ऐसे लाभार्थी जिला प्रशासन से राशन कार्ड का नवीनीकरण और राशन लाभ देने की मांग कर रहे हैं, जबकि विभाग इन्हें जिले में नवीनीकरण का कोटा फूल होने की बात कहकर टाल रहा है। विभाग यह तर्क देता रहता है कि अपात्र लाभार्थी कार्ड छोड़ेंगे, तब स्वयं राशन कार्ड बनेगा। अब ऐसे लाभार्थियों में राशन कार्ड की उम्मीद जग गई है।

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