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बिरनी: 1.70 लाख की आबादी के लिए मात्र तीन डॉक्टर

बिरनी प्रखण्ड में एक लाख 70 हजार की आबादी के लिए केवल 3 डॉक्टर हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक इलाज के अलावा और कुछ नहीं होता। महंगी मशीनें बिना टेक्निशियन के बेकार पड़ी हैं। नए वर्ष 2025...

Newswrap हिन्दुस्तान, गिरडीहThu, 9 Jan 2025 01:56 AM
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बिरनी: 1.70 लाख की आबादी के लिए मात्र तीन डॉक्टर

विनय संगम, बिरनी। लगभग 1 लाख 70 हजार की आबादी वाले बिरनी प्रखण्ड में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 2 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 10 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं परन्तु डॉक्टर सिर्फ तीन ही पदस्थापित हैं। आम जनता को नए साल 2025 में उम्मीद है कि उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से रेफर नहीं इलाज मिलेगा वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था होगी। क्या है मौजूदा व्यवस्था

ज्ञात हो कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिरनी में वर्तमान में 3 डॉक्टर हैं जहां प्राथमिक इलाज के अलावा कुछ नहीं होता है। आए दिन सड़क हादसा एवं मारपीट के मामले आते हैं परन्तु यहां मरहम पट्टी के बाद उसे रेफर कर दिया जाता है। जिसके बाद परिजन घायल को बेहतर उपचार के लिए धनबाद एवं रांची ले जाते हैं। स्थानीय व्यक्ति इस अस्पताल को रेफर अस्पताल के नाम जानते हैं। कहते हैं इंज्यूरी रिपोर्ट एवं सरकारी दस्तावेज के लिए यहां मरीज को लाना पड़ता है अन्यथा वे सीधे मरीज को शहर ले जाते।

टेक्निशियन नहीं रहने से महंगी मशीन भी बेकार

बताया जाता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्स-रे,अल्ट्रासाउंड, आंख जांच की मशीन, दांत की मशीन सहित अन्य जरूरी जांच की महंगी मशीन तो है परन्तु टेक्निशियन के नहीं रहने के वजह से करोड़ों की मशीन धूल फांक रही है। मरीज को मामूली जांच के लिए भी प्राइवेट पैथोलॉजी जाना पड़ता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि डॉक्टरों की मिलीभगत से ही अस्पताल के बाहर दो से तीन प्राईवेट पैथोलॉजी चल रहे हैं। यदि अस्पताल में ही खून एवं पेशाब की जांच होती तो आम गरीब लोगों के पॉकेट ढीले नहीं होते।

तुलाडीह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन नहीं

करोड़ों की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तुलाडीह बनकर लगभग तैयार हो गया है। स्थानीय लोगों को नए वर्ष में इस अस्पताल के शुरू होने का इंतजार है। इस अस्पताल के शुरू होने से भरकट्टा, द्वारपहरी, चिताखारो, खेदवारा, पडरमनियां सहित 10-15 गांव के लोगों को इलाज के लिए बिरनी नहीं आना पड़ेगा। उनके नजदीक तुलाडीह में ही उनका इलाज होगा। वर्तमान में मामूली सड़क हादसा में घायल लोगों को भी बिरनी लाना पड़ता है। वहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे इलाज के लिए धनबाद, गिरिडीह एवं रांची ले जाना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरमसिया जो कभी खुलता ही नहीं उसे भी विभाग ने लाखों खर्च कर मरम्मत कराई है। लोगों को लगा था कि अस्पताल की मरम्मत की जा रही है तो अब अस्पताल भी खुलेगा परन्तु मरम्मत के बाद दोबारा इसमें ताला लगा दिया गया। आजसू नेता कंचन राय ने कहा कि आए दिन बरमसिया में सड़क हादसा होता रहती है। यदि अस्पताल खुलता और वहां कम से कम प्राथमिक उपचार भी होता तो किसी की जान बचाई जा सकती है।

क्या कहते हैं चिकित्सा प्रभारी

चिकित्सा प्रभारी डॉ. साकिब जमाल ने बताया कि बिरनी की जनता ने नए वर्ष में जो उम्मीद की है उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास किया जाएगा। सिटी स्कैन सहित अन्य जरूरी सुविधा नहीं रहने की वजह से रेफर करना हमारी मजबूरी है। एक्स-रे के लिए टेक्निशियन की मांग की जाएगी।

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