सैनिकों के परिवारों के साथ खड़ा है पूरा समाज और प्रशासन : एसडीएम
फोटो प्रताप पांच: बुधवार को कॉफी विद एसडीएम संवाद कार्यक्रम में मौजूद सैनिकों के परिजनों के साथ एसडीएम संजय कुमार

गढ़वा, प्रतिनिधि। सदर एसडीएम संजय कुमार की ओर से चलाए जा रहे नियमित साप्ताहिक कार्यक्रम "कॉफी विद एसडीएम में बुधवार को अनुमंडल क्षेत्र के ऐसे सैनिकों के परिजनों को आमंत्रित किया गया था जो वर्तमान में देश की रक्षा सेवा में बॉर्डर पर या दुर्गम क्षेत्रों में तैनात हैं। कार्यक्रम में अनुमंडल क्षेत्र के कुछ ऐसे भूतपूर्व सैनिक भी मौजूद रहे जिन्होंने 1971 के युद्ध या कारगिल के युद्ध में भाग लिया था। कॉफी संवाद कार्यक्रम के दौरान मौजूद परिजनों ने न केवल अपनी निजी समस्याएं रखीं बल्कि गढवा शहर और जिला की बेहतरी के लिए कई सुझाव भी दिये। उन्होंने कहा कि सैनिकों के परिवार के साथ पूरा समाज और प्रशासन खड़ा है।
::बॉक्स::सैनिकों के परिजनों की रही सहभागिता:: शहर के सहिजना निवासी सूबेदार संतोष पांडेय उरी सेक्टर में तैनात हैं। उनके पिता कैप्टन रामराज पांडेय ने बताया कि उन्होंने बिहार रेजीमेंट में अपनी सेवाएं दी थीं। उनका बेटा संतोष और भतीजा सूबेदार हरेंद्र पांडेय दोनों अभी सीमा पर सेवाएं दे रहे हैं। हरेंद्र अभी कश्मीर घाटी में कार्यरत हैं। उनका एक भतीजा मनीष पांडेय भी सीमा सुरक्षा बल पूर्वी क्षेत्र के अंतर्गत बांग्लादेश बॉर्डर पर सेवाएं दे रहा है। वह खुद भी कैप्टन के पद से 2001 में सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने 1971 के युद्ध में भाग लिया था। एसडीएम ने देश की रक्षा में उनके पूरे परिवार के योगदान की सराहना की। दुबे मरहटिया निवासी श्रीकांत तिवारी वर्तमान में हिसार में हवलदार पद पर सेना में कार्यरत हैं। कार्यक्रम में उनके पिता सूबेदार रामकृष्ण तिवारी ने भी अपने विचार रखे। उसी तरह पंजाब में भारतीय सेना की 76वीं बटालियन अंतर्गत सीमा पर कार्यरत अनिरुद्ध तिवारी के भाई वशिष्ठ तिवारी, सीमा सुरक्षा बल के रिटायर्ड उप निरीक्षक श्यामा चौबे, पतरिया निवासी रमेश तिवारी, हूर गांव के निवासी रघुनाथ तिवारी, फरठिया के युधिष्ठिर चौबे, करकोमा के कमलेश तिवारी, अचला निवासी मनोज धर दुबे, हरेकृष्ण दुबे सहित अन्य मौजूद थे। सैनिकों के परिजनों ने एसडीएम के इस पहल की सराहना की। मौके पर एसडीएम ने कहा कि अपनी जान को दांव पर लगाकर देश की अस्मिता की रक्षा करने वाले सैनिकों का योगदान किसी भी अन्य सेवा से बढ़कर है। उन्होंने कहा कि प्रशासन तो क्या आज पूरा देश और समाज उनके साथ खड़ा है। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय जांबाज सैनिकों के अदम्य साहस और वीरता पूर्ण योगदान को रेखांकित करते हुए सभी ने सामूहिक रूप से उन्हें सलाम किया। भारत माता की जय व वंदे मातरम का सामूहिक उद्घोष किया गया।
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