खनन क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा पर विशेष जोर
धनबाद में आईआईटी आईएसएम में प्रमुख उद्योग विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने खनन और ऊर्जा के भविष्य पर चर्चा की। इस आयोजन में नई खनन तकनीकों, डीकार्बोनाइजेशन, और भारत की वैश्विक स्थिति पर विचार-विमर्श किया...
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धनबाद, मुख्य संवाददाता देश-विदेश के प्रमुख उद्योग विशेषज्ञ, शिक्षाविद् शनिवार को आईआईटी आईएसएम धनबाद में एकत्रित हुए ताकि खनन, ऊर्जा के भविष्य को आकार देने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श किया जा सके। मौका था टैक्समिन के सहयोग से इंडस्ट्री इंस्टीट्यूट इंटरैक्शन (ट्रिपल आई) के आयोजन का।
विशेषज्ञों ने भविष्य की खनन तकनीकों, टकराव रोकथाम प्रणालियों, क्रिटिकल मिनरल्स में वैश्विक रुझान, वैश्विक परिदृश्य में भारत की स्थिति और नेट-जीरो उत्सर्जन प्राप्त करने की रणनीतियों जैसे विभिन्न विषयों की विस्तृत चर्चा की गई। खनन क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा, डीकार्बोनाइज़ेशन और कॉरपोरेट स्थिरता के लिए नवाचारों पर विशेष जोर दिया गया।
मुख्य अतिथि पद्मश्री पुरस्कार विजेता डॉ बीवीआर मोहन रेड्डी ने तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है। डॉ रेड्डी ने उद्योग और शिक्षण संस्थानों के बीच मजबूत सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रो. अमित पात्रा निदेशक आईआईटी बीएचयू ने सहयोग के महत्व पर जोर दिया। संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं के लिए बढ़े हुए वित्त पोषण की घोषणा की। अजीत कुमार सक्सेना सीएमडी एमओआईएल इंडिया लिमिटेड ने क्रिटिकल मिनरल्स की भूमिका पर प्रकाश डाला। ग्रीन एनर्जी और नेट-ज़ीरो उत्सर्जन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं। प्रो. एके मिश्रा निदेशक सिंफर ने आर्थिक विकास में खनन के महत्वपूर्ण योगदान पर चर्चा की। प्रो. वीएमएसआर मूर्ति निदेशक आईआईईएसटी शिवपुर ने स्मार्ट माइनिंग, क्रिटिकल मिनरल्स और ग्रीन एनर्जी को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता पर बात की। प्रो. प्रेमव्रत अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़कर भूमिगत खनन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। ओपन-कास्ट माइनिंग की तुलना में कम प्रदूषणकारी है। प्रो. सुकुमार मिश्रा निदेशक आईआईटी धनबाद समेत अन्य ने संबोधित किया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण आरएंडडी फेयर था। आईआईटी धनबाद के विभिन्न विभागों और अनुसंधान केंद्रों ने स्मार्ट माइनिंग, क्रिटिकल मिनरल्स और ग्रीन एनर्जी में अपनी नवीनतम तकनीकों और प्रगतियों को प्रदर्शित किया। मौके पर कई उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) की स्थापना की घोषणा की गई।
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