बोले धनबाद: नए तालाबों का हो निर्माण व पुराने का जीर्णोद्धार
धनबाद के ढोकरा पंचायत के किसान आर्थिक चुनौतियों और संसाधनों की कमी के बावजूद ताजा सब्जियों की खेती कर रहे हैं। उनकी मांग है कि जिला प्रशासन और सरकार उन्हें बेहतर सुविधाएं और सहायता मुहैया कराएं। किसान...
प्रतिदिन सुबह-सुबह ताजा हरी सब्जियां धनबाद के बाजारों में जब पहुंचती तब ग्राहकों का एक ही सवाल होता हैं, सब्जी ढोकरा का है। सब्जी वालों का जवाब हां में होता है। इसके बाद ग्राहक सब्जियां लेने में जुट जाते हैं। मानों ढोकरा ताजा व सही सब्जियों का पर्याय बन गया है। जी हां, हम बात करें रहें ढोकरा पंचायत के किसानों की। धनबाद जिले के ढोकरा पंचायत के किसान संसाधनों की कमी और आर्थिक चुनौतियों के बावजूद पूरी लगन और मेहनत के साथ खेती कर रहें है। उनकी मेहनत रंग ला रही है और आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रहें है। यहां के ग्रामीणों का रोजगार का सबसे बड़ा साधन सब्जी की खेती करना ही है। ढोकरा पंचायत में बड़े पैमाने में सब्जी की खेती होती है। किसान बड़े पैमाने पर सब्जियों की खेती करते हैं। जिले के अलग-अलग बाजारों नें इसे बेचते हैं। संसाधनों की कमी है। सरकार से पर्याप्त सहायता भी नहीं मिलती। इसके बाद भी यहां के किसानों के रोजगार का यह प्रमुख साधन है। इसी से गांव के अधिसंख्य परिवारों का घर-परिवार चलता है। धनबाद के लोगों को ढोकरा गांव वाले ताजा सब्जी उपलब्ध कराते हैं। इसके बाद भी सरकार की ओर से हमें सहायता नहीं मिलती है। पर्याप्त्त सहायता मिले तो और बड़े पैमाने पर सब्जियों की खेती कर आय बढ़ा सकते हैं। हमारी मांग है कि जिला प्रशासन तथा सरकार हमें और सुविधा तथा साधन मुहैया कराए। उक्त बाते ढोकरा के किसानों ने गुरुवार को हिन्दुस्तान की ओर से आयोजित संवाद में कही। किसानों ने अपनी समस्या भी बताई तथा इसके समाधान की मांग की।
किसान भूपति भूषण महतो ने कहा कि यहां सिंचाई सुविधाओं का अभाव है। पानी और बिजली की सबसे बड़ी समस्या है। साल भर में एक बार हमलोग धान की खेती करते है, जो मॉनसून पर निर्भर है। उसके बाद सब्जी की खेती करते हैं। मगर इसके लिए कुआं और तालाब सहारा है। लेकिन गर्मी आते ही ये भी सूख जाते हैं। हम लोगों की फसल मर जाती है। इससे आर्थिक हानि होती है। मगर सरकार की तरफ से किसी प्रकार की मदद नहीं मिलता है। जो जागरूक किसान है, वे लाभ लेते है बाकी को कुछ नहीं मिलता है। ढोकरा पंचायत में बड़े पैमाने में सब्जी की खेती होती है। जब हमलोग सब्जी बेचने हीरापुर, स्टील गेट, पुलिस लाइन सहित शहर के अन्य बाजारों में जाते है, वहां के स्थायी दुकानदार में हमें बैठकर बेचने नहीं देते हैं। सब्जी बेचने वाली महिलाएं इधर-उधर किसी तरह सब्जी बेचकर अपने घर आती है। यह रोज की समस्या है। जिला प्रशासन से मांग है कि हमलोगों को भी हटिया में स्थायी जगह दी जाए, ताकि आराम से बैठक सब्जी बेच सकें।
नकुलचंद्र महतो ने कहा कि मनरेगा योजना के तहत दो सौ आम के पेड़ लगाये हैं। मगर पानी के अभाव में पेड़ सूख रहें है। कृषि पदाधिकारी व प्रशासन से मांग करता हूं कि जल्द से जल्द पानी की व्यवस्था करें, ताकि इतने सारे आम के पेड़ों को बचाया जा सके। गर्मी दस्तक दे दी है। आम के पेड़ों को बचाना एक चुनौती है। । पेयजल जल की समस्या है। सोलर पानी टंकी लगी है। मगर कुछ-कुछ घरों तक पानी पहुंचता है। आधा घरों में नहीं पहुंचा है।
सत्येन्द्र महतो ने कहा कि ढोकरा पंचायत के तालाबों का जीर्णोंद्वार हो जाए तो यहां के किसानों की सिंचाई की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जायेगी। हमलोगों को सब्सिडी में किरोसिन और पेट्रोल से चलने वाला पंप मिला है, मगर किरोसिन मिलना बहुत मुश्किल हो गया है, जिसके कारण पंप का उपयोग नहीं कर पाते है। यहां बिजली 24 घंटे में मात्र दस घंटे मिलती है। इससे भी फसल के लिए पर्याप्त पानी नहीं पटा पाते है। हमलोगों की मांग है जगह-जगह पर सोलर पंप दिया जाए, तभी पर्याप्त मात्रा में फसल को पानी मिल सके।
भूषण चंद्र महतो ने कहा कि किसानों को आधुनिक सिंचाई यंत्र अनुदान में मिलनी चाहिए। जैसे इलेक्ट्रिक धान थ्रेशर मशीन, हाथों से खेत जोतने वाली मशीन पावर वीडर, क्ल्टीवेटर, ट्रैक्टर आदि शामिल है। साथ ही जगह-जगह डीप बोरिंग , सिंचाई कूप और तालाबों का जीर्णोद्वार करने जरूरत है। तभी यहां के किसान संबल बन सकेंगे।
किसानों ने कहा- बलियापुर प्रखंड में ढोखरा पंचायत को शामिल करें
धनबाद। छह हजार आबादीवाले कृषि बहुल ढोखरा पंचायत को धनबाद प्रखंड से हटाकर बलियापुर प्रखंड में शामिल करने की मांग तीन दशक से उठ रही है। धोखरा मल्लिकटोला निवासी सत्येन्द्रनारायण महतो, भूपतिभूषण महतो, नकुल महतो, कहालडीह के अनिल महतो आदि सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि बांधडीह, बनियांटोला, कहालडीह आदि सहित 15 टोलाओं में बंटे इस पंचायत का अंचल कार्यालय तो बलियापुर है, पर इसका प्रखंड कार्यालय धनबाद बनाया गया है। राजस्व की वसूली बलियापुर अंचल कार्यालय के माध्यम से होती है, जबकि विकास का जिम्मा धनबाद प्रखंड को है। यही नहीं यह पंचायत दो थाना के अधीन भी है। मल्लिकडीह, तेतुलटांड़, देवानडीह, डुंगरीधार व कहालडीह बलियापुर थाना के अधीन है। जबकि ढोखरा के बाकी दस टोला धनसार थाना के अधीन है। धनबाद प्रखंड कार्यालय व धनसार थाना के आवागमन में भी ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। ग्रामीणों का कहना है कि मामले को पूर्व विधायक आनंद महतो व निरसा विधायक अरूप चटर्जी ने भी विधानसभा में उठाया। जिला प्रशासन ने इसको ले बैठक भी आयोजित की।
पिछले बार भी किसी को नहीं मिला सोलर पंप: किसानों का कहना है कि कुछ समय पहले भी नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की ओर से प्रदेश में हजारो सोलर पंप की स्कीम निकाली गई थी। इसके बाद किसानों को किसी तरह की योजना का लाभ नहीं मिला है। सरकार तथा प्रशासन इस बारे में विचार करे।
बारिश के पानी पर खेती
किसानों का कहना है कि बारिश के पानी पर खेती निर्भर हैं। बारिश होती है तो कुआं, तालाब, पोखर में पानी भर जाता है। अच्छी बारिश होने से खेतों में भी पानी रहता है। ऐसे में फसल अच्छी होती है। सरकारी बोरिंग होती तो सभी किसानों के खेत तक पानी पहुंचता। गांव के कुछ लोगों के पास कृषि पंप है, जरूरत पड़ने पर उसका उपयोग करते है। लेकिन इस बीच बिजली नहीं होने से अगर पंप न चले तो परेशानी बढ़ जाती है।
स्थानीय जरूरत के अनुसार बने योजनाएं
कृषि बहुल ढोकरा के किसानों का कहना है कि सरकारें बदलने के बावजूद तंत्र की कार्यशैली में कोइ बदलाव नहीं आया। दफ्तरों में आज भी वही स्थिति है। स्थानीय जरूरतों के आधार पर योजनाएं तैयार की जाने की जरूरत है। दफ्तरों में रोज हाजरी बजानेवाले ही योजना का लाभ उठाने में सफल हो जाते है। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक जमीन पर जाना उचित नहीं समझते हैं। इसिलिए सही किसानों को प्रशिक्षण नहीं मिल रहा है। किसानों का यह भी कहना है कि वे धान, गेहूं के अलावे सब्जी की फसल तो उगाते हैं, पर बेचने के लिए बाजार में बैठने की स्थायी व्यवस्था नहीं है।
सुझाव
1. ढोकरा पंचायत को पूरी तरह से बलियापुर प्रखंड में शिफ्ट किया जाए। तभी यहां के किसानों को भरपूर सरकारी लाभ मिल सकें।
2. सिंचाई कूप, डीप बोयरिंग व नये तालाबों का निर्माण व पुराने तालाबों का जीर्णोद्वार करने की जरूरत है। तभी पानी की समस्या नहीं होगी।
3. नये-नये आधुनिक कृषि यंत्र व सोलर पंप सरकारी यहां के किसानों को अनुदान में मिले, तभी यहां के किसान आत्थ्मनिर्भर बन सकते है।
4. ढोकरा पंचायत के महिलाओं और पुरुष किसानों को जैविक खेती के बारे में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था होनी चाहिए।
5. नाली का निर्माण व स्ट्रीट लाइट लगाने की जरूरत है। सड़क की स्थिति ओर भी बेहतर बनाने की जरूरत है।
शिकायतें
1. ढोकरा का अंचल बलियापुर और प्रखंड कार्यालय धनबाद में है। यह सबसे बड़ी समस्या है। जिसके कारण योजनाओं का लाभ लेने में परेशानी होती है।
2. ढोकरा पंचायत में सिंचाई सुविधा का घोर अभाव है। पानी और बिजली की समस्या हमेशा रहती है। जिसके कारण खेती करना मुश्किल होता है।
3. गर्मी के मौसम में तालाब और कुआं सूख जाते हैं। जिसके कारण पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। फसल को भूरपूर पानी नहीं दे पाते हैं।
4. केरोसिन से चलने वाली पंप सेट है, मगर समय पर केरोसिन तेल नहीं मिलने के कारण फसल की पटवन नहीं हो पाती है।
5. इस पंचायत में नाली का निर्माण नहीं हुआ है। साथ ही स्ट्रीट लाइट बहुत दिनों से खराब है। जिसके कारण रात में अंधेरा छाया रहता है।
ढोकरा को बलियापुर प्रखंड में शामिल करने की मांग को लेकर मैं काफी गंभीर हूं। आनेवाले सत्र में मामले को विधानसभा में प्रमुखता से उठाया जाएगा।
चंद्रदेव महतो, विधायक, सिंदरी
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