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बोले धनबाद: जर्जर क्वार्टर और गंदगी के बीच रहने को मजबूर अग्नि प्रभावित

बेलगड़िया टाउनशिप झरिया-कतरास के अग्नि प्रभावित विस्थापितों का स्थान है। यहां 5000 से अधिक परिवार रहते हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। बिजली, पानी, सड़क की स्थिति खराब है और रोजगार की कमी है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादSun, 23 Feb 2025 06:58 PM
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बोले धनबाद: जर्जर क्वार्टर और गंदगी के बीच रहने को मजबूर अग्नि प्रभावित

बेलगड़िया टाउनशिप मतलब झरिया-कतरास के अग्नि प्रभावित विस्थापितों की कॉलोनी। भू-धंसान तथा अग्नि प्रभावित झरिया-कतरास के रहने वाले लोगों को यहां बसाया गया है। यहां बसने वाले अधिकतर गैर रैयत (जिनकी जमीन नहीं है) परिवार है। सहाना पहाड़ी, दोबारी, कुकुरतोप्पा, नार्थ तिसरा, लोदना आदि झरिया अग्नि प्रभावित विभिन्न इलाकों से विस्थापित होकर बेलगड़िया टाउनशिप में बसायें गए। कहने को तो टॉउनशिप है, लेकिन वास्तविकता इससे अलग है। यहां के लोगों की ढेर सारी समस्याएं हैं। बेलगड़िया टाउनशिप के लोगों का कहना है कि बिजली,पानी,सड़क की स्थिति ठीक नहीं है। रोजगार का कोई साधन नहीं है। इसके बाद भी यहां रहने की मजबूरी है। झरिया के अग्नि तथा भू-धंसान प्रभावित क्षेत्र से विस्थापित पांच हजार से अधिक परिवार बेलगड़िया टाउनशिप में निवास कर रहे हैं। यहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। बिजली,पानी तथा सड़क की स्थिति ठीक नहीं है। आवागमन का साधन भी नहीं है। सबसे बड़ी समस्या रोजगार की है। यहां रोजगार का कोई साधन नहीं है। झरिया-कतरास में रहते थे तो स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल जाता था। प्रशासन स्थानीय स्तर पर रोजगार की व्यवस्था करें। ऐसा कहना है बेलगड़िया टॉउनशिप में रहने वाले विस्थापित परिवारों का। शनिवार को हिन्दुस्तान संवाद में बेलगड़िया टॉउनशिप में रहले वाले ने बातचीत में कहा कि हमारी समस्या समाधान करने वाला कोई नहीं है। न तो नेता व जनप्रतिनिधि हमारी बात सुनते हैं और न ही जिला प्रशासन। पुनर्वासित परिवार के सदस्यों ने बताया कि बेलगड़िया टाउनशिप में 2010 से पूर्व बने आवासों की हालत जर्जर हो गयी है। जर्जर पड़े आवासों में कभी भी हादसा होने का भय बना रहता है। दस हजार आबादी वाले इस टॉउनशिप में साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक नहीं है। नालियों की स्थिति खराब हो गई है। नालियों की वर्षों से सफाई नहीं की गई है। हालत भी खस्ता है। साफ-सफाई के अभाव में कॉलोनी में गंदगी का अंबार लग गया है। बेलगड़िया टाउनशिप में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत और बदतर है। लोगों को बसाने के समय जिला प्रशासन की ओर से मरीजों के लिए यहां एक एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया था। कुछ ही दिन बाद एंबुलेंस की व्यवस्था समाप्त कर दी गयी। चिकित्सा सुविधा के नाम पर टाउनशिप में एक उप-स्वास्थ्य केंद्र तो है पर यहां न कोई चिकित्सक आते है न काई अन्य स्वास्थ्य कर्मी ही दिखते हैं। इलाज के लिए कॉलोनी वासियों को 6 किलोमीटर दूर बलियापुर सीएचसी या फिर इतनी ही दूरी पर अवस्थित एसएनएमएमसीएच जाना पड़ता है। कॉलोनी में स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है। पहले स्ट्रीट लाइट हर गलियों में जलती था। देखरेख के अभाव में कॉलोनी में बिलकुल अंधेरा रहता है। जरेडा की ओर से एक तालाब बनवाया गया तथा लेकिन देख-रेख के अभाव में तालाब की स्थिति भी ठीक नहीं है। स्थानीय लोग कहते है कि कॉलोनी बनने के बाद आज तक एक बार भी रंग-रोगन नहीं कराया गया है। खिड़की-दरवाजे में भी पेंट नहीं हुआ है। साफ-सफाई के अभाव के कारण मच्छर का आतंक दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि टाउनशिप में एक चिल्ड्रेन पार्क बनवाया गया था। वर्षों से इसकी देख-भाल नहीं होने के कारण पार्क में जंगल-झाड़ उग आए हैं। पार्क में पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। स्थानीय कहते हैं कि कॉलोनी में दो और तीन नंबर पानी की टंकी का मोटर अक्ससर जल जाती है। लंबे समय के बाद इसकी मरम्मत होती है। इससे पीने के पानी की सप्लाई प्रभावित होती है। बेलगड़िया टाउनशिप के निवासियों का कहना है कि क्वार्टर का अलाटमेंट लेटर तो दिया गया लेकिन इसका मालिकाना हक नहीं है। यहां रहने वालों के नाम से क्वार्टर की रजिस्ट्री करवाई जाए।

सामुदायिक भवन का होना चाहिए निर्माण

लोगों ने कहा कि 10 हजार आबादी के क्षेत्र में एक भी सामुदायिक भवन का आज तक निर्माण नहीं हुआ है। शादी- विवाह या किसी भी अन्य समस्या में बैठक करने में दिक्कत होती है। इससे लोग एक जगह एकत्रित नहीं हो पाते हैं।

बस की सेवा हो गई है बंद

लोगों ने बताया कि शुरुआत में बीसीसीएल की ओर से दो बसे दी गई थी। इससे 2 रुपए में आरएसपी कॉलेज चले जाते थे। आज इस क्षेत्र में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो काम के लिए शहर जाते हैं, जिन्हें अधिक किराया देना पड़ता है। बस की सुविधा होती तो कुछ बचत होती। जितनी हम दिन भर में कमाते हैं इसकी आधा हिस्सा किराए में ही निकल जाता है।

खोली लाइट दोबारा नहीं लगी

लोगों ने बताया कि कॉलोनी में लगी हुई लाइट रिपेयरिंग के लिए खोली गई थी जिन्हें आज तक रिपेयर करके लगाया नहीं गया है। हम लोग कॉलोनी में जब शुरुआत आए थे तब स्ट्रीट लाइट जलती थी। चारों तरफ उजाला रहता था। एक से दूसरे कॉलोनी में जाने के लिए लोगों नहीं सोचते थे आज स्थिति ऐसी हो गई है कि घर से बाहर निकलते ही अंधेरा सा रहता है।

चापाकलों की मरम्मत हो

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस कॉलोनी में रहने वाले पानी के लिए तरस रहे हैं। टाउनशिप में 35 चापाकल हैं, दो ही कारगर है। दोनों चापाकल को पुनर्वासित परिवारों ने चंदा कर बनवाया है। आए दिन सप्लाई का पानी नहीं आता है। चापाकल ठीक नहीं रहने की वजह से लोग आसपास के इलाके से पानी ढोते हैं। इससे लोगों के और काम बाधित होता है।

क्वार्टर की हालात है जर्जर

स्थानीय लोगों का कहना है कि आए दिन बिल्डिंग का छज्जा गिरता रहता है। लोगों में डर का माहौल रहता है। छत जर्जर हो गई है। स्थिति ये है कि छत से सरिया बाहर निकल गया है,कंक्रीट के टुकड़े भी नीचे गिर रहे हैं। जिसकी वजह से बड़ा हादसा होने का खतरा बना हुआ है। इसमें रहने वाले लोगों का कहना है कि इस छत की नीचे रहना हमारी मजबूरी है। साल भर पहले ही बगल के मकान की छत धराशायी हो चुकी है।

सुझाव

1. बेलगड़िया आवासीय कॉलोनी में सबसे पहले अस्पताल बनना अति आवश्यक है। 24 घंटे एम्बुलेंस सेवा व नि:शुल्क दवा उपलब्ध कराएं प्रशासन।

2. बेलगड़िया में नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था की जाए। नालियों का भी सफाई अच्छी तरह से की जाए। तभी मच्छरों का प्रकोप कम होगा और लोग बीमार कम पड़ेंगे।

3. यहां अधिकतर लोग मजदूर व गरीब परिवारों से हैं। यहां के लोगों को रोजी-रोजगार की व्यवस्था हो साथ ही फिर से बस सेवा बहाल कराई जाए।

4. बेलगड़िया के जर्जर क्वार्टरों की मरम्मत बहुत जरूरी है। सामुदायिक व विवाह भवन, जगह-जगह सुलभ शौचालय का निर्माण किया जाए।

5. यहां हाई स्कूल बनना अति आवश्यक है। उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में शिक्षक की कमी को दूर किया जाए। यहां बच्चे पढ़ाई कर आगे बढ़ सकते है।

शिकायतें

1. बेलगड़िया आवासीय कॉलोनी में न तो स्वास्थ्य की सुविधा है ना ही एम्बुलेंस की व्यवस्था है। दवा भी नहीं मिलती है। यह सबसे बड़ी परेशानी है।

2. बेलगड़िया में गंदगी का अंबार है। हर तरफ कूड़ा-कचरा फैला है। सफाई नदारद है। नालियां बजबजा रही हैं। मच्छरों का प्रकोप बहुत ज्यादा है।

3. यहां के लोगों को रोजगार नहीं मिलना सबसे बड़ी समस्या है। आर्थिक तंगी के कारण हमेशा कई घरों में लड़ाई-झगड़े होते रहते है।

4. बेलगड़िया आवासीय कॉलोनी की भवन जर्जर हो गए हैं। पानी-बिजली की समस्या है। मोटर खराब होने पर चंदा कर बनना पड़ता है।

5. यहां हाई स्कूल नहीं है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय है मगर शिक्षक की कमी है। सामुदायिक व विवाह भवन नहीं है साथ ही सार्वजनिक शौचालय नहीं है। बाहर से आने वाले को परेशानी होती है।

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