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बीबीएमकेयू को हॉस्टल बनाने के लिए मिले 36 करोड़ रुपए वापस

धनबाद के बीबीएमकेयू को दूसरे चरण में हॉस्टल निर्माण के लिए मिले 36 करोड़ रुपए वापस हो गए हैं। राशि पिछले दो वित्तीय वर्ष से विवि के खाते में पड़ी रही, जिसके कारण राज्य सरकार ने इसे वापस ले लिया। विवि...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादSat, 26 April 2025 05:17 AM
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बीबीएमकेयू को हॉस्टल बनाने के लिए मिले 36 करोड़ रुपए वापस

धनबाद, मुख्य संवाददाता बीबीएमकेयू को दूसरे चरण में भवन निर्माण के लिए मिले 36 करोड़ रुपए वापस हो गए हैं। पिछले दो वित्तीय वर्ष से यह राशि बीबीएमकेयू के एकाउंट में पड़ी रही। राशि खर्च नहीं होने के कारण राज्य मुख्यालय ने राशि ले ली है। विवि ने राशि वापस कर दी है। उक्त राशि से बीबीएमकेयू मेन कैंपस में हॉस्टल का निर्माण होना था।

राशि वापस होने के बाद विवि व कॉलेजों में कई तरह की चर्चा है। तत्कालीन कुलपति, तत्कालीन रजिस्ट्रार, फाइनेंस व डवलपमेंट सेक्शन की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं। यह कहा जा रहा है कि पैसा मिलने के बाद बीबीएमकेयू प्रबंधन की ओर से झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड (जेएसबीसीसीएल) से संपर्क क्यों नहीं किया गया। डीपीआर तैयार करवाते हुए अन्य प्रक्रिया पूरी कर ली गई तो तो फंड वापस नहीं जाता और काम भी शुरू हो चुका होता।

बताते चलें कि बीबीएमकेयू मेन कैंपस के लिए 352 करोड़ रुपए झारखंड सरकार की ओर से स्वीकृत है। पहले चरण में 192 करोड़ रुपए खर्च हो चुकी है। दूसरे चरण में हॉस्टल के लिए 36 करोड़ रुपए मिले थे। यह प्रावधान है कि किसी काम के लिए आवंटित राशि दो वित्तीय वर्ष तक बिना खर्च किए हुए यूं ही पड़ा हुआ है तो उसे वापस करना होगा। इस कारण विवि को राशि वापस करनी पड़ी।

पैसा वापस होने के बाद अब विश्वविद्यालय प्रबंधन हरकत में आया है। चर्चा है कि झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड (जेएसबीसीसीएल) को पत्र लिखकर जल्द से जल्द डीपीआर बनाने व अन्य प्रक्रिया शुरू करने को कहा है ताकि बीबीएमकेयू की ओर से राज्य मुख्यालय से दोबारा राशि आवंटित करने का अनुरोध किया जाएगा। विवि को उम्मीद है कि राशि फिर से आवंटित हो जाएगी।

कई अधिकारियों का कहना है कि हमलोग तो नए हैं। पिछले वाले अधिकारी ने नहीं बताया कि राशि पड़ी हुई है। जेएसबीसीसीएल की ओर से भी विवि से संपर्क नहीं किया गया। बिना निर्माण कार्य शुरू हुए एडवांस में फंड नहीं दिया जा सकता है। इस कारण विवि ने राशि जेएसबीसीसीएल को नहीं दी। ट्रेजरी नियम का भी पालन करना था। लापरवाही जिस स्तर पर हो, विवि को हॉस्टल निर्माण शुरू कराने के लिए और इंतजार करना पड़ेगा।

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