मधुपुर में जानलेवा साबित हो रहा है नशा का प्रचलन
मधुपुर में युवाओं में नशे की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। नशे के कारण सामाजिक समस्याएं जैसे चोरी, छेड़खानी और व्यभिचार बढ़ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में शराब, गुटका, और धूम्रपान आसानी से मिल रहे...

मधुपुर, प्रतिनिधि। मधुपुर शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं में नशे की प्रवृत्ति खतरनाक ढंग से बढ़ गई है। विभिन्न रूपों में नशे के आदी हो चुके युवक उसे प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक जा पहुंचते हैं। इससे सामाजिक पारिवारिक समस्याओं के साथ छिंनतई , चोरी, छेड़खानी व व्यभिचार की समस्याएं बढ़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में गली-गली शराब की दुकानें व सिगरेट, गुटका, ताड़ी आदि सुगमता से उपलब्ध हो जाते हैं। ग्रामीण स्तर पर महुआ के साथ अन्य रसायन को मिलाकर तैयार होने वाली देसी शराब का प्रचलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्कूली बच्चों और महिलाओं के बीच गुटखा, पान मसाला, धूम्रपान की लत बढ़ने लगी है। गुटखा पर प्रतिबंध के बावजूद लाखों रुपए का गुटका प्रतिदिन क्षेत्र में खरीद बिक्री हो रहा है। क्षेत्र में नशा के नाम पर टेबलेट, सुई, सुलेशन, डेंट्राइट आदि का प्रचलन जानलेवा साबित हो रहा है। मधुपुर कोर्ट परिसर के आसपास, दत्ता चैरिटेबल अस्पताल परिसर के खाली पड़े भवन की छत पर, शेखपुरा मैदान, रेलवे फुटबॉल मैदान, श्मशान घाट, चित्रगुप्त कॉलोनी के पास सिंचाई विभाग परिसर, नया सिनेमा हॉल का वीरान परिसर, झील तालाब कर्मकांड भवन समेत दर्जनों स्थानों पर किशोर और युवक नशा सेवन के लिए जमा होते हैं। नशा की लत में पड़कर कई युवक असमय मौत के मुंह में समा चुके हैं। दर्जनों युवक गंभीर बीमारी की चपेट में हैं। नशा उन्मूलन को लेकर परिवार, समाज और प्रशासन की उदासीनता कायम है। नशाबंदी और नशा विमुक्ति को लेकर व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाए जाने की जरूरत है।
क्या कहते हैं चिकित्सक : अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सक डॉ. इकबाल खान कहते हैं कि नशे के रूप में अल्कोहल के अत्यधिक सेवन से लीवर स्नायुतंत्र, दृष्टिहीनता की समस्या उत्पन्न हो जाती है। दूसरी ओर नशा का टेबलेट और सुई का सेवन अकाल मौत की ओर ले जाता है। गुटखा, पान मसाला, कफ सिरप, सुलेशन के सेवन से मुंह और फेफड़े का कैंसर हो सकता है।
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