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फर्जी कस्टमर केयर, सरकारी अधिकारी बन ठगी, सात गिरफ्तार, जेल

देवघर के धनहेत गांव में साइबर अपराधियों का बड़ा गिरोह पकड़ा गया। पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें विभिन्न उम्र के लोग शामिल हैं। ये आरोपी फर्जी बैंक प्रतिनिधि बनकर ऑनलाइन ठगी कर रहे थे।...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवघरFri, 25 April 2025 05:59 AM
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फर्जी कस्टमर केयर, सरकारी अधिकारी बन ठगी, सात गिरफ्तार, जेल

देवघर,प्रतिनिधि सारवां थाना अंतर्गत धनहेत गांव के जंगल-झाड़ी में एक बड़े साइबर अपराध करने वालों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में मोहनपुर थाना के मलघाघर गांव निवासी 18 वर्षीय सोनू कुमार, पथरोल थाना के कसैया गांव निवासी 18 वर्षीय मो.नवाज अंसारी, 27 वर्षीय बाबर अंसारी, 55 वर्षीय शकील अंसारी, पथरोल थाना के जरलाही गांव निवासी 30 वर्षीय मो. इमरान अंसारी, मधुपुर थाना के टिटीहियां बांक गांव निवासी 30 वर्षीय मेहताब अंसारी, सारठ थाना के बभनकुंड गांव निवासी 23 वर्षीय सावन कुमार दास शामिल है। छापेमारी के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों से 7 मोबाइल फोन, 13 सिम कार्ड, जिसमें 2 प्रतिबिंब पोर्टल से चिन्हित सिम जब्त किया है। पुलिस के अनुसार, गिरोह के तार अन्य राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं और जांच के बाद और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। इनमें से दो आरोपियों के मोबाइल नंबर पर प्रतिबिंब पोर्टल पर, जबकि शेष पांच के नंबरों पर जेएमआईएस पोर्टल पर शिकायतें दर्ज पाई गई हैं। सभी की स्वास्थ्य जांच करायी गयी। उसके पश्चात कोर्ट में प्रस्तुत कर न्यायाधीश के आदश पर जेल भेज दिया गया। पुलिस उप-महानिरीक्षक सह पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुंग के निर्देशन में पुलिस ने छापेमारी कर बुधवार को सात साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया। अपराधियों पर फर्जी बैंक प्रतिनिधि, कस्टमर केयर और सरकारी अधिकारी बनकर आमलोगों से ऑनलाइन ठगी करने का आरोप है। कार्रवाई की शुरुआत गुप्त सूचना के आधार पर हुई, जिसमें बताया गया कि कुछ संदिग्ध व्यक्ति धनहेत गांव स्थित जंगल-झाड़ी में बरगद के पेड़ के पास जमा होकर साइबर ठगी की योजना बना रहे हैं। सूचना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशानुसार विशेष छापेमारी दल गठित की गयी, जिसमें पुलिस उप निरीक्षक सुकांत त्रिपाठी और पुलिस सहायक उप निरीक्षक अजय कुमार शामिल थे। पुलिस ने मौके से सात साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ और प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि अपराधी खुद को फोन-पे, पेटीएम, एयरटेल पेमेंट बैंक और पीएम किसान योजना के अधिकारी बताकर लोगों को फोन करते थे। फर्जी कस्टमर केयर बनकर उपभोक्ताओं को कैशबैक का झांसा देते और उनके मोबाइल पर लिंक भेजकर ठगी को अंजाम देते थे।

अपराधियों की ठगी के मुख्य तरीके : प्रधान मंत्री किसान योजना के लाभुकों को फर्जी लिंक भेजकर उनके बैंक डिटेल्स और ओटीपी लेकर ठगी करना। फोन-पे और पेटीएम कस्टमर केयर बनकर उपभोक्ताओं को गिफ्ट कार्ड बनवाकर उसे रिडीम कर लेना। एयर टेल प्रमेंट बैंक अधिकारी बनकर उपभोक्ताओं के कार्ड बंद कराना और सहायता के नाम पर पुनः चालू कराने का झांसा देकर धोखाधड़ी करना।

साइबर थाना के आसपास दलालों का अड्डा : जानकारी के अनुसार साइबर थाना के आसपास कई दलालों का अड्डा बन गया है। जिले के विभिन्न थाना से आरोपियों को गिरफ्तार होने के बाद साइबर थाना लाया जाता है। जहां उसके पीछे-पीछे उसके परिवारवाले भी थाना गेट तक पहुंचते हैं। वहीं पूर्व से मौजूद दलालों ने परेशान लोगों से संपर्क कर थाना के कुछ दूर ले जाकर अपने झांसे में लेकर थाना से छुड़वा देने की बात करते हैं। उसके नाम पर लोगों से मोटी रकम ठग लिया जाता है। बुधवार को एक आरोपी युवक को छोड़वाने के नाम पर एक व्यक्ति ने अज्ञात दलाल ने 32 हजार रुपए लेकर फरार हो गया। इसकी जानकारी एक व्यक्ति ने डीएसपी को दी है।

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