शीतला मंदिर के सामने जर्जर इमारत को गिराने की प्रक्रिया में बाधा
देवघर के टावर चौक के निकट स्थित जर्जर भवन को ध्वस्त करने का आदेश दिया गया है, लेकिन अवैध निवासियों ने प्रक्रिया में बाधा डाल दी है। महाशिवरात्रि के जुलूस से पहले भवन को गिराने का प्रयास किया जा रहा है...
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देवघर,प्रतिनिधि। टावर चौक के निकट शीतला मंदिर के सामने का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और अत्यधिक खतरनाक स्थिति मेंहै। प्रशासन द्वारा इस इमारत को ध्वस्त करने का आदेश पारित किया जा चुका है। यह इमारत कभी भी गिरकर किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। जिला प्रशासन के आदेशानुसार इमारत को पूरी तरह गिराने का प्रयास किया गया। लेकिन वहां अवैध रूप से निवास कर रहे 4-5 लोगों ने इस प्रक्रिया में बाधा डाल दी। ये लोग न केवल अवैध रूप से रह रहे हैं, बल्कि बिना किसी कानूनी अधिकार के अपनी दुकानें भी चला रहे हैं। ये लोग सरकार के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं और सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि का भव्य जुलूस सह शिव बारात इसी रास्ते से निकलेगा। जिसका मुख्य मार्ग इस इमारत के सामने से गुजरता है। इस खतरनाक स्थिति में यदि जुलूस के दौरान कोई अप्रिय घटना होती है, तो इसके लिए पूरी तरह से अवैध अतिक्रमणकारी जिम्मेदार होंगे। जिन्होंने प्रशासन के आदेश के बावजूद इमारत को गिराने नहीं दिया। जर्जर मकान मालिक का कहना है कि यदि भविष्य में इस इमारत से किसी भी प्रकार की दुर्घटना होती है, किसी की जान-माल की हानि होती है या कोई अन्य क्षति होती है, तो उसके लिए वे किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होंगे। इसके लिए पूरी तरह से वे लोग जिम्मेदार होंगे, जो बिना किसी वैध अधिकार के वहां अवैध रूप से रह रहे हैं और सरकारी आदेश के बावजूद इमारत को गिराने से रोक रहे हैं। इस मकान में रह रहे अवैध लोगों द्वारा इमारत गिराने का काम कराया जा रहा है, जो की सिर्फ़ दिखावे का जान पड़ता है। एक दो मज़दूर से इतना बड़ा मकान को तोड़ने में महीनों लग सकता है। प्रशासन से आग्रह किया गया है की शिवरात्रि जुलूस से पहले इस जर्जर इमारत को मशीन द्वारा पूरी तरह ध्वस्त कर दी जाए और अतिक्रमणकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। इससे न केवल शिव बारात की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। बल्कि आसपास के लोगों को भी किसी संभावित दुर्घटना से बचाया जा सकेगा।
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