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सीआरपीएफ ने चतरा में 17 वर्षों तक नक्सलियों के विरुद्ध चलाया अभियान

सरफराज चतरा, 2005 में चतरा जिला माओवादियों के नियंत्रण में था। 2008 में सीआरपीएफ 190 बटालियन की तैनाती ने नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई शुरू की। 2024 तक, 22 नक्सली मारे गए, 239 गिरफ्तार हुए और 8,000 ऑपरेशन...

Newswrap हिन्दुस्तान, चतराMon, 28 April 2025 12:49 AM
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सीआरपीएफ ने चतरा में 17 वर्षों तक नक्सलियों के विरुद्ध चलाया अभियान

सरफराज चतरा। वर्ष 2005 का समय था जब पूरा चतरा जिला माओवादियों के रहमोकरम पर था। बिना नक्सलियों के इजाजत का एक इंट भी विकास का नहीं जुड़ता था। नक्सली ही इसका फैसला करते थे, कि गांव में क्या होना है। ग्रामीण क्षेत्रों में नक्सलियों का इतना भय था कि पुलिस कदम रखने से हिचकती थी। हर ओर माओवादियों का तांडव था। चतरा की धर्ती रक्तरंजित हो रही थी। हर दिन हत्या और नक्सली घटना आम हो गयी थी। राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक माओवादियों से त्रस्त था। ऐसे में जून 2008 में केंद्र ने चतरा जिला की धर्ती पर सीआरपीएफ 190 बटालियन को उतारा। सीआरपीएफ को चतरा में सिफ इसलिये लाया गया ताकि ये नक्सलियों का यहां से खातमा कर सके। 2008 से लेकर 2024 तक सीआरपीएफ के अलग-अलग कंपनियों ने सीधे रूप से माओवादियों से टक्कर लेना शुरू कर दिया। जिससे धीरे-धीरे माओवादियों का लगभग जिले से खात्मा कर दिया। माओवादियों के समाप्त होने के बाद इस चुनौती और आ गयी टीपीसी उग्रवादी हावी हो गया। ऐसे में सीआरपीएफ के जवानों ने अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए टीपीसी उग्रवादियों को भी उनके ठिकानों से चुन चुन कर मारना शुरू किया आज चतरा जिला को नक्सलमुक्त जिला घोषित कर दिया गया है। सीआरपीएफ ने अपना काम कर लिया और अब वे यहां से जा रहे हैं। अधिकतर सामान जा चुके हैं, पदाधिकारी और कुछ जवान बचे हैं वह भी एक से दो दिनों के अंदर चले जायेगे। लेकिन ऐ सवाल यह उठ रहा है कि केंद्र और राज्य सरकार ने तो चतरा जिला को नक्सल मुक्त कर दिया है, लेकिन हकिकत कुछ और है। जमीनी हकीकत पर नजर डालें तो टीएसपीसी और माओवादियों आज जिला में जिंदा है। फर्क यह है चलाने वाले कोई और थे और अभी कोई और है। सीआरपीएफ के जाने के बाद जिला पुलिस के लिये ये दोनों संगठन सिर दर्द साबित हो जायेगा। सीआरपीएफ 190 बटालियन में कुल 1000 पदाधिकारी और जवान शामिल थे। जिसमें सात कंपनियां थी। ये कंपनियों नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले चतरा जिले के लावालौंग, कुंदा, प्रतापपुर, केड़िमो, बैरियो, जोलडीहा, हंटरगंज और राजपूर में तैनात थे।

22 नक्सलियों को मुठभेड़ में मारा, एक करोड़ नगद भी किया बरामद

अपने 17 वर्षों के कार्यकाल के दौरान सीआरपीएफ 190 बटालियन के जवानों ने जिले के बिहड़ों में 8000 बार ऑपरेशन चलाया है। 2008 से 2024 तक चतरा जिला में सुरक्षा बलों के द्वारा नक्सलियों के विरूद्ध कई बड़ी सफलतायें मिली है। इसमें 22 नक्सली को इनके समक्ष हथियार डाले। वहीं माओवादी और टीएसपीपीसी के 239 नक्सलियों को पकड़ा गया है। 22 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया है। विभिन्न प्रकार के 254 हथियार बरामद किये गये हैं। वहीं 10922 जिंदा कारतुस को बरामद किया गया। लगभग एक करोड़ रुपये नगद बरामद किये गये हैं। 179 आईइडी बम अलग-अलग प्रकार के बरामद हुए हैं। यानि 2,171 किलो के अलग-अलग बम बरामद हुए। कमांडेंट ने कहा कि सीआरपीएफ 190 बटालियन के कमांडेंट मनोज कुमार ने पूरे जिलेवासियों का आभार व्यक्त किया है। कहा कि चतरा में उन्हें यहां के लोगों का भरपुर सहयोग मिला जिससे नक्सल अभियान चलाने में कोई परेशानी नहीं हुई। इसका ही परिणाम है कि आज लोग बेखौफ कहीं भी जा सकते हैं।

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