Hindi NewsJharkhand NewsChakradharpur NewsJharkhand Teachers Union Welcomes Retirement Age Increase Proposal by Education Minister

सेवानिवृत आयु 62 वर्ष करने का शिक्षा मंत्री के बयान सराहनीय : संघ

झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के महासचिव अमीन अहमद ने शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन द्वारा शिक्षकों की सेवानिवृति उम्र 60 से 62 वर्ष करने के प्रस्ताव का स्वागत किया है। उन्होंने सरकार से शिक्षकों की...

Newswrap हिन्दुस्तान, चक्रधरपुरSat, 15 Feb 2025 04:00 AM
share Share
Follow Us on
सेवानिवृत आयु 62 वर्ष करने का शिक्षा मंत्री के बयान सराहनीय : संघ

झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के केंद्रीय महासचिव सह झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा के प्रदेश संयोजक अमीन अहमद ने शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन द्वारा राज्य के शिक्षकों की सेवानिवृति उम्र 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष किये जाने पर विचार करने के पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा में शामिल झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, झारखंड प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ, झारखंड स्टेट प्राईमरी टीचर्स एसोशिएशन एवं राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (2 संवर्ग) के द्वारा लगातार विगत दो वर्षों से धरना-प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को इस मुद्दे पर आगाह करती रही है। राज्य में व्याप्त शिक्षकों के विभिन्न लंबित मांगों को पूर्ण किये जाने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष सहित सरकार में शामिल मंत्रियों, राज्य सभा सांसद, विधायक, शिक्षा सचिव तक से लगातार गुहार लगाई जाती रही है।

झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के केंद्रीय महासचिव अमीन अहमद ने शिक्षा मंत्री से शिक्षकों के लंबित और जायज मांगों को पूरा करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार के संज्ञान में मुख्य रूप से रखे गए लंबित मांगों में झारखंड राज्य के शिक्षकों सहित सभी राज्यकर्मियों के सेवानिवृति उम्र 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करना है, क्योंकि झारखंड के साथ एक ही समय बने दो अन्य राज्यों छत्तीसगढ़, उत्तराखंड सहित आंध्रप्रदेश में भी राज्य कर्मियों की सेवानिवृति उम्र बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई है। साथ ही उन्होंने राज्य के प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों के साथ हो रहे आर्थिक अत्याचार को एमएसीपी का लाभ देकर राज्य सरकार इसे दूर कर सकती है। विडंबना है कि शिक्षकों को छोड़कर राज्य के सभी कर्मचारियों को नियमित रूप से पद प्रोन्नति एवं एमएसीपी का लाभ नियमानुकूल दिया जाता है। लेकिन शिक्षकों को न तो प्रोन्नति ही मिलती है और न ही एमएसीपी का लाभ ही मिल रहा है। जबकि बिहार सरकार ने शिक्षकों के साथ न्याय करते हुए 2021 में ही अपने शिक्षकों को एमएसीपी का लाभ दे चुकी है। 2006 से पूर्व के नियुक्त शिक्षकों को छठे वेतन आयोग की अनुशंसा के बावजूद उत्क्रमित वेतनमान से अभी तक वंचित रखा गया है, जबकि राज्य के सचिवालय कर्मियों को वर्ष 2019 से ही इसका लाभ दे दिया गया है। जिससे राज्य के शिक्षक अपने ही राज्य में ठगे से महसूस कर रहे हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें