एक एंबुलेंस के भरोसे चांडिल अनुमंडलीय अस्पताल
चांडिल अनुमंडलीय अस्पताल में मरीजों को एंबुलेंस की बेहतर सुविधा नहीं मिल रही है। केवल एक एंबुलेंस उपलब्ध है, जिससे मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। पिछले दिनों सड़क हादसे में घायलों को निजी...

चांडिल। चांडिल अनुमंडलीय अस्पताल में मरीजों को एंबुलेंस की बेहतर सुविधा नहीं मिल रही है। अनुमंडलीय अस्पताल में मात्र एक ही एंबुलेंस रह गई है। कई बार एंबुलेंस समय पर उपलब्ध नहीं होने पर मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। इस दौरान मरीज की सांसे अटकी रहती है। करीब छह माह से एक एंबुलेंस मरम्मत की बाट जोह रहा है।यूं तो सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की दावें तो करती है परंतु हकिकत यह है कि चांडिल को अनुमंडल बनने 22 साल हो गये परंतु आज भी अनुमंडलीय अस्पताल दम तोड़ता नजर आ रहा है। पिछले दिनों हुए सड़क हादसे में घायलों को चांडिल अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया परंतु एंबुलेंस के अभाव में घायलों को बेहतर इलाज के लिए लोग अपने निजी वाहनों से जमशेदपुर ले गये।
अस्पताल के जर्जर भवन पर नजर नहीं : केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री सह सांसद संजय सेठ 21 फरवरी को चांडिल अनुमंडलीय अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। मंत्री को जर्जर अनुमंडलीय अस्पताल के भवनों पर नजर नहीं पड़े इसके लिए भवन को बांस और कपड़ा से घेराबंदी की जा रही है। केंद्रीय मंत्री के अनुमंडलीय अस्पताल आगमन को लेकर अस्पताल परिसर की साफ-सफाई की जा रही है।
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