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हर साल दर्जनों जिंदगियों को लील रहा आदित्यपुर-सरायकेला मुख्य मार्ग

आदित्यपुर-सरायकेला मार्ग पर सड़क हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले वर्ष में 215 हादसों में करीब 150 लोग मारे गए हैं। सड़क किनारे भारी वाहनों की पार्किंग और खराब सड़क स्थिति के कारण ये हादसे हो...

Newswrap हिन्दुस्तान, आदित्यपुरWed, 4 Dec 2024 02:45 AM
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हर साल दर्जनों जिंदगियों को लील रहा आदित्यपुर-सरायकेला मुख्य मार्ग

आदित्यपुर, संवाददाता। आदित्यपुर-सरायकेला मार्ग पर हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मार्ग पर हर साल दर्जनों लोगों की सड़क हादसों में मौत हो रही है। लगभग हर दिन दुर्घटनाएं होती हैं। सरायकेला पथ परिवहन विभाग कार्यालय के आंकड़ों को मानें तो गत एक वर्ष में आदित्यपुर से सरायकेला तक करीब 35 किमी के मार्ग पर हुई करीब 215 सड़क दुर्घटनाओं में करीब 150 की जान जा चुकी है। वहीं, इन दुर्घटनाओं का शिकार होकर 180 लोग घायल और अपाहिज हो चुके हैं।

आदित्यपुर-कांड्रा मुख्य मार्ग पर दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह सड़क किनारे भारी वाहनों की पार्किंग बतायी जा रही है। सड़क किनारे पार्क इन वाहनों के पीछे रेडियम स्टिकर नहीं होते हैं, जिससे शाम के वक्त बाइक सवार चकमा खाकर वाहनों से टकरा जाते हैं। आंकड़ों के अनुसार खड़े वाहनों के पीछे बाइक टकराने से सबसे अधिक मौत हुई है। आदित्यपुर-कांड्रा मुख्य मार्ग के बने करीब 12 वर्ष से अधिक हो गये हैं और इन वर्षों में एक हजार से अधिक दुर्घटनाओं में हजार लोग जान गंवा चुके हैं।

सड़क ऊंची-नीची होने से पलट जाते हैं वाहन : आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण इसी मार्ग से भारी वाहनों का आवागमन होता है। सर्विस लेन का अतिक्रमण होने के कारण मुख्य सड़क पर ही बाइक सवार चलने को विवश हैं। मुख्य मार्ग के जेब्रा कॉस मिट चुके हैं। गार्डवाल में रेडियम तक नहीं लगा है। सड़क कई जगह ऊंच-नीच होने के कारण छोटे-बड़े वाहनों के पलटने का कारण बनते हैं।

सीवरेज, जलापूर्ति को खोदे गये थे गड्डे, नहीं हुई ठीक से मरम्मत

सर्विस लेन पर सीवरेज, जलापूर्ति और गैस पाइपलाइन के लिए गड्ढ़े तो खोदे गये, पर मरम्मत ठीक से नहीं की गयी। सड़क हादसे की यह भी एक वजह है। कई स्थानों पर सड़क धंस चुकी है, जिसकी वजह से वाहन अपना नियंत्रण खोकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।

सड़क पर वाहन खड़ा करना चालकों की मजबूरी :

बड़े वाहन चालक मजबूरीवश सड़क पर ही वाहन पार्क करते हैं, क्योंकि उनके लिये इतने बड़े औद्योगिक क्षेत्र में कहीं पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। जिले की सड़कों पर दुर्घटना होना और उसमें मौत होना सामान्य बात हो गई है। इन सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा समिति द्वारा जिले में 32 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए हैं। उन चिह्नित स्थानों पर अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं।

हादसों को रोकने को पुलिस ने बनायी है रणनीति :

पुलिस मार्ग की व्यवस्तता, भारी वाहनों का आवागमन और बाजार तीन प्वाइंट को ध्यान में रख आदित्यपुर-कांड्रा मुख्य मार्ग पर यातायात व्यवस्था को सुगम करने को लेकर रणनीति बना रही है। इसमें पुलिस दुर्घटना होनेवाले वाहनों की कैटेगरी, समय, दुर्घटना प्वाइंट को चिन्हित करेगी। इसे दूर करने को डीएसपी हेडक्वार्टर के नेतृत्व में टीम का गठन किया जाएगा। पुलिस विभाग समाधान की दिशा में काम करेगा। इसके तहत सड़क पर स्लाइडर, बैरिकेडिंग, सिग्नल लाइट, जागरूकता, सड़क किनारे पार्किंग रोकने तथा यातायात नियमावली को प्रभावी तरीके से लागू करने आदि कार्य किये जायेंगे। संबंधित एजेंसी और विभागों की मदद से मार्ग पर सड़क सुरक्षा को बेहतर करने का काम किया जाएगा।

इन चिह्नित प्वाइंट पर होती हैं दुर्घटनाएं

आकाशवाणी चौक, इमली चौक, आशियाना चौक, आरआईटी मोड़, आदित्यपुर टोलब्रिज, सुधा मोड़, लाल बिल्डिंग, उषा मोड़, कांड्रा मोड़ आदि।

टैफिक संकेतक नहीं लगा हुआ है, जेब्रा क्रॉसिंग मिट चुकी है और लाइट भी नहीं जलती है। गार्डवाल पर रेडियम नहीं है। पार्किंग की समस्या है, जिसकी वजह से सड़क हादसे होते हैं। कांड्रा से सरायकेला मार्ग की सड़क तक जर्जर हो चुकी है। : ओमप्रकाश, अधिवक्ता

आदित्यपुर टोल ब्रिज पर हर माह सड़क हादसे होते हैं। यहां पर कदमा की ओर से भी गाड़ियां आती हैं। भारी वाहनों का मुड़ाव सबसे अधिक यहीं से होता है। स्पीड लिमिट पर विशेष फोकस करना होगा, तभी जाकर दुर्घटनाएं रुकेंगी।

: अभिजीत महतो, श्रीडूंगरी, आदित्यपुर।

आदित्यपुर कांड्रा मुख्य मार्ग पर अबतक हजारों लोगो की मौत हो चुकी है तो कई विकलांग हो चुके हैं। सड़क पर लाइट नहीं जलती है। सुरक्षा को लेकर जो आवश्यक कदम उठाये जाने चाहिए, वह इस सड़क पर नहीं उठाये गये हैं।

रंजन सिंह, आदित्यपुर।

आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में काम करने आनेवाले सैकड़ों कामगार प्रतिवर्ष काल के गाल में समा जाते हैं। इतने हादसों के बाद भी विश्वस्तरीय औद्योगिक क्षेत्र में एक पार्किंग स्थल तक चिह्नित नहीं होना चिंता का विषय है।

। रुपेश कतरियार, उद्यमी।

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