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जो देश बचाते हैं वो... ट्रंप ने नेपोलियन का क्यों किया जिक्र, जिस पर अमेरिका में ही घमासान

  • डोनाल्ड ट्रंप के कई कार्यकारी आदेशों को कानूनी चुनौतियां मिली हैं। अब उन्होंने सोशल मीडिया पर फ्रांस के पूर्व शासक नेपोलियन का जिक्र करते हुए ऐसी बात कही कि अमेरिका में ही घमासान शुरू हो गया है।

Gaurav Kala वाशिंगटन, रॉयटर्सSun, 16 Feb 2025 04:58 PM
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जो देश बचाते हैं वो... ट्रंप ने नेपोलियन का क्यों किया जिक्र, जिस पर अमेरिका में ही घमासान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभालने के बाद से ऐसे-ऐसे आदेश दे दिए हैं, जिनसे अमेरिका में ही घमासान शुरू हो गया है। उनके कई कार्यकारी आदेशों को न्यायालय में चुनौती मिली है। अमेरिकी कांग्रेस में उठ रहे विरोध के सुरों के जवाब में ट्रंप ने सोशल मीडिया पर फ्रांस के पूर्व नेता और शासक नेपोलियन का जिक्र किया। ट्रंप ने कहा कि जो लोग देश को बताचे हैं, वो कानून का उल्लंघन नहीं करते। उनके बयान के बाद डेमोक्रेट्स नेताओं ने उनके खिलाफ विरोध तेज कर दिया है। कई नेताओं ने उन्हें तानाशाह तक कह डाला। कई लोगों ने उन पर संविधान के तहत कांग्रेस के अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया है।

शनिवार को सोशल मीडिया के जरिए ट्रंप ने स्पष्ट संकेत दिया कि वह अपनी कार्यकारी शक्तियों पर किसी भी तरह की कानूनी सीमाओं का विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने अपने ट्रुथ सोशल नेटवर्क पर लिखा:"जो अपने देश को बचाता है, वह कोई कानून नहीं तोड़ता।" ट्रंप की इस टिप्पणी ने तुरंत ही राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया, खासकर डेमोक्रेट्स ने इसे आड़े हाथों लिया है।

नेपोलियन से तुलना

ट्रंप का सोशल मीडिया पर यह कथन फ्रांस के प्रसिद्ध सैन्य नेता नेपोलियन बोनापार्ट से जुड़ा है। नेपोलियन बोनापार्ट (1769-1821) फ्रांस के एक महान सैन्य नेता और राजनीतिक शासक थे, जिन्होंने फ्रांस की क्रांति (1789) के बाद सत्ता में आते ही यूरोप की राजनीति को पूरी तरह बदल दिया था।

ट्रंप के फैसलों पर राजनीतिक विवाद गहराया

ट्रंप के इस बयान को डेमोक्रेट्स ने लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ करार दिया। सीनेटर एडम शिफ ने X (पूर्व में ट्विटर) पर प्रतिक्रिया दी, "यह एक सच्चे तानाशाह की भाषा है।" शिफ लंबे समय से ट्रंप के आलोचक रहे हैं और उनके खिलाफ पहले महाभियोग प्रक्रिया में भी शामिल थे।

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कार्यकारी शक्तियों को लेकर बढ़ता विवाद

20 जनवरी को पदभार ग्रहण करने के बाद से ही ट्रंप की कार्यकारी शक्तियों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। कई मामलों में उन पर अमेरिकी संविधान के तहत कांग्रेस के अधिकारों का हनन करने का आरोप लगा है। ट्रंप का कहना है कि वह न्यायालय के आदेशों का पालन करते हैं, लेकिन उनके सलाहकार लगातार न्यायाधीशों पर हमलावर रुख अपना रहे हैं। उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने इस सप्ताह X पर लिखा, "न्यायाधीशों को कार्यकारी शक्तियों पर नियंत्रण रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती।"

क्या ट्रंप कानून से ऊपर हैं?

वाशिंगटन के जाने-माने वकील नॉर्म ईसेन का कहना है कि ट्रंप के वकील बार-बार यह तर्क देते रहे हैं कि, "अगर राष्ट्रपति कोई काम करता है, तो वह गैरकानूनी नहीं हो सकता।" ईसेन के अनुसार, नेपोलियन का यह कथन गैरकानूनी कार्यों को सही ठहराने का प्रयास है। ईसेन ने ट्रंप पर लगे महाभियोग मामले में भूमिका निभाई थी। उन्होंने ट्रंप के बयान को "भड़काऊ कदम" करार दिया।

अमेरिका में घमासान

ट्रंप की राजनीति और उनके बयानों को लेकर पहले भी कई विवाद उठ चुके हैं, लेकिन इस बार की बहस अमेरिकी लोकतंत्र और कानून व्यवस्था के लिए कहीं अधिक गंभीर सवाल खड़े कर रही है। विशेषज्ञों में राय है कि क्या ट्रंप अमेरिका को बचाने के नाम पर तानाशाही रवैया अपनाने की कोशिश कर रहे हैं? या यह महज राजनीतिक उथल-पुथल का एक और दौर है? आने वाले दिनों में ट्रंप के कार्यकारी आदेश न्यायालय और राजनीतिक गलियारों में और भी ज्यादा तूल पकड़ सकते हैं।

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