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हर जुमे को फिलिस्तीन की आजादी के लिए पढ़ते हैं नमाज, पर क्या कर लिया; पाक सांसद का तीखा तंज

  • सोमवार को नेशनल असेंबली का स्पेशल सेशन बुलाकर यह प्रस्ताव लाया गया, जिसमें सांसदों ने इजरायल के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। हालांकि कई सांसदों ने पाकिस्तान समेत तमाम मुस्लिम मुल्कों पर आरोप लगाया कि वे फिलिस्तीन के मामले में सिर्फ बयानबाजी ही कर रहे हैं और नतीजा कुछ नहीं निकल रहा।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, इस्लामाबादWed, 16 April 2025 11:57 AM
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हर जुमे को फिलिस्तीन की आजादी के लिए पढ़ते हैं नमाज, पर क्या कर लिया; पाक सांसद का तीखा तंज

पाकिस्तान से लेकर बांग्लादेश तक में इजरायल के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इस बीच पाकिस्तान के लाहौर, कराची जैसे शहरों में हजारों लोगों की भीड़ इस सप्ताह जुटी और इजरायल के खिलाफ तीखी नारेबाजी की गई। यही नहीं पाकिस्तान की संसद नेशनल असेंबली में भी इजरायल के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है और पूरी इस्लामिक कौम से एकता की अपील की गई है। सोमवार को नेशनल असेंबली का स्पेशल सेशन बुलाकर यह प्रस्ताव लाया गया, जिसमें सांसदों ने इजरायल के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। हालांकि कई सांसदों ने पाकिस्तान समेत तमाम मुस्लिम मुल्कों पर आरोप लगाया कि वे फिलिस्तीन के मामले में सिर्फ बयानबाजी ही कर रहे हैं और नतीजा कुछ नहीं निकल रहा।

पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सांसद अब्दुल कादिर पटेल ने तो अपने देश के ही लोगों और सियासतदानों पर तीखा तंज कसा। उन्होंने संसद में ही सरकार और विपक्ष को सुनाते हुए कहा, 'बचपन से हर जुमे में हम फिलिस्तीन को आजाद कराते हैं। हर ईद के दिन आजाद कराते हैं और अब बूढ़े हो रहे हैं। आप यकीन करें कि 80 लाख यहूदी हैं और 80 लाख तो हमारे पास उलेमा-ए-दीन हैं, जिनकी दुआ कबूल नहीं हो रही। यानी जितने वे कुल लोग हैं, उतने तो हमारे पास उलेमा ही हैं।' उन्होंने कहा कि हम डेढ़ अरब मुसलमान चुपचाप देख रहे हैं। हम तो वैसे ही जब मारे जाएंगे तो अल्लाह हमसे पूछेगा कि हमने क्या किया। हर दिन हम टीवी पर गुनाह देखते हैं, लेकिन कुछ नहीं कर रहे हैं। एक बेबसी है।

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इस मौके पर एक अन्य सांसद सैयद मुस्तफा कमाल ने कहा कि फिलिस्तीन का जो हाल है, उससे गंभीर बात दुनिया में कुछ भी नहीं है। इतिहास में ऐसी कोई मिसाइल नहीं मिलती। पाकिस्तान एक इस्लामिक देश है और मुसलमानों का नेतृत्व करता है। हमारे पास न्यूक्लियर पावर है और हमारी जिम्मेदारी भी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां आखिरी प्रदर्शन तब हुआ था, इस्माइल हानिया की शहादत हुई थी। मुस्तफा कमाल ने कहा कि हमें फिलिस्तीन के 100 परिवारों को पाकिस्तान लाया जाए। उनके पास वीजा और पासपोर्ट नहीं हैं, लेकिन उन्हें यहां लाया जाए। इलाज कराया जाए और फिर वापस भेजा जाए। उनके अलावा कई और सांसदों ने भी ऐसी बात कही। यही नहीं कुछ सांसदों का कहना था कि हम कश्मीर के मामले में भी असफल रहे हैं।

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