भारत के खिलाफ सख्त होंगे तो चीन से कैसे लड़ेगा अमेरिका? PM मोदी के सामने ट्रंप ने दिया जवाब
- भारत-चीन संबंधों पर टिप्पणी करते हुए ट्रंप ने सीमा पर चल रही झड़पों के गंभीरता को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो मध्यस्थता भी करेंगे।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ओवल ऑफिस में बातचीत के दौरान भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक समझौतों को मजबूत करने की योजना का ऐलान किया। मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा, "भारत और अमेरिका के बीच एक विशेष संबंध है। दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं साथ हैं।"
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब उनसे पूछा गया कि अगर आप भारत के साथ व्यापार पर सख्त होने जा रहे हैं तो आप चीन से कैसे लड़ेंगे? इस सवाल का जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा, "हम किसी को भी हराने के लिए बहुत अच्छी स्थिति में हैं। लेकिन हम किसी को हराने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। हम वाकई अच्छा काम करना चाहते हैं। हमने अमेरिकी लोगों के लिए शानदार काम किया है। हमारे 4 साल बहुत बढ़िया रहे। अब हम इसे फिर से एक साथ ला रहे हैं। मुझे लगता है कि यह पहले की तुलना में बहुत मजबूत होने जा रहा है या पहले की तुलना में और भी अधिक मजबूत होने जा रहा है।"
राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी व्यापार नीति को लेकर भी विस्तार से बताया और भारत समेत बाकी देशों के लिए नई टैरिफ नीति पर भी बात की। आपको बता दें कि वह चीन के साथ व्यापार युद्ध को और बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
चीन के साथ संबंध पर क्या बोले ट्रंप?
चीन के साथ संबंधों को लेकर ट्रंप ने उम्मीद जताई कि भविष्य में अमेरिका और चीन के रिश्ते बेहतर होंगे। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हम चीन के साथ एक बहुत अच्छा संबंध बनाएंगे। मेरे और राष्ट्रपति शी जीनपिंग के अच्छे संबंध थे। हालांकि COVID-19 के बाद वह संबंध बदल गए।"
भारत-चीन संबंधों पर टिप्पणी करते हुए ट्रंप ने सीमा पर चल रही झड़पों के गंभीरता को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो मध्यस्थता भी करेंगे। उन्होंने कहा, "मैं भारत को देखता हूं। सीमा पर जो संघर्ष हो रहे हैं, वे काफी जघन्य हैं और मुझे लगता है कि वे जारी रहेंगे। अगर मैं मदद कर सकता हूं तो मुझे खुशी होगी, क्योंकि इसे बंद किया जाना चाहिए।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "एक बात जो मुझे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बहुत अच्छी लगी और मैंने उनसे सीखी, वह यह है कि वह हमेशा राष्ट्रीय हित को सर्वोच्च मानते हैं। जैसे वह अमेरिकी हितों को सर्वोच्च मानते हैं, वैसे ही मैं भी भारत के राष्ट्रीय हित को सबसे ऊपर रखता हूं। यह मेरा सौभाग्य है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में और राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भारत-अमेरिका संबंधों को और तेज गति से बढ़ाने का वादा भी किया। उन्होंने कहा, "जैसा मैंने भारत की जनता से वादा किया था कि मेरे तीसरे कार्यकाल में हम दोगुनी गति से काम करेंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि राष्ट्रपति ट्रंप के अगले चार वर्षों में हम पहले से भी दोगुनी गति से काम करेंगे।"
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