Hindi Newsविदेश न्यूज़Donald Trump has announced that will hold migrants at the notorious Guantanamo military detention facility at cuba

अब अवैध प्रवासियों को इस खौफनाक जगह पर भेजेंगे ट्रंप; क्या है ग्वांतानामो जेल का इतिहास?

  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका के अपराधी अवैध प्रवासियों के लिए वह ग्वांतानामो में एक डिटेंशन सेंटर बनवा रहे हैं। इस जेल का इतिहास भयावह रहा है।

Jagriti Kumari एएफपी, वॉशिंगटनThu, 30 Jan 2025 09:35 AM
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अब अवैध प्रवासियों को इस खौफनाक जगह पर भेजेंगे ट्रंप; क्या है ग्वांतानामो जेल का इतिहास?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शपथ लेने के बाद से अवैध प्रवासियों पर शिकंजा कसने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इस बीच बुधवार को उन्होंने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। ट्रंप ने कहा है कि वह अवैध प्रवासियों के लिए एक डिटेंशन सेंटर बनाएंगे जहां 30 हजार से ज्यादा लोगों को एक साथ रखा जाएगा। ट्रंप ने कहा है कि वह अवैध रूप में अमेरिका में रह रहे लोगों को क्यूबा के पूर्वी छोर पर स्थित कुख्यात ग्वांतानामो जेल में रखने का योजना बना रहे हैं। गौरतलब है कि इस जेल को 9/11 के हमलों के बाद बनवाया गया था जहां सबसे खतरनाक आतंकियों को रखा जाता था।

इससे पहले बुधवार को ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को बिना मुकदमे के हिरासत में लेने की इजाजत देने वाले कानून को मंजूरी दे दी। यह दूसरे कार्यकाल में ट्रंप द्वारा साइन किया गया पहला कानून भी बन गया है। इस कानून को मंजूरी देते हुए ट्रंप ने कहा है कि ग्वांतानामो जेल की यह योजना अमेरिका में प्रवासियों द्वारा किए जा रहे अपराध के अभिशाप से मुक्ति दिलाएगी। ट्रंप ने कहा, "हमारे पास ग्वांतानामो में 30,000 बेड हैं जहां हम अमेरिकी लोगों को धमकाने वाले खतरनाक अपराधी अवैध प्रवासियों को हिरासत में रख सकते हैं।"

ग्वांतानामो बे का इतिहास

ग्वांतानामो बे सैन्य जेल को जनवरी 2002 में दक्षिण-पूर्वी क्यूबा में अमेरिकी नौसेना के एक बेस पर खोला गया था। इसके बाद से आतंकवादी गतिविधि या आतंकवाद से संबंधित अपराधों के शक में हिरासत में लिए गए लगभग 800 लोगों को यहां रखा गया था। ग्वांतानामो बे में फिलहाल अफगानिस्तान और इराक के आतंकी सहित 9/11 के हमलों में शामिल 15 आतंकवादी कैद हैं जिनमें मास्टरमाइंड खालिद शेख मोहम्मद भी शामिल है। हालांकि यहां की स्थिति ठीक ना होने की वजह से कई बार अमेरिका की आलोचना भी हुई है। मानवाधिकार समूहों की आलोचना के बाद पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और जो बाइडेन ने अपने कार्यकाल के दौरान इस जेल को बंद करने की मांग की थी। हालांकि संसद ने इसका विरोध किया और आज भी यह जेल खुला है।

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कैदियों को जबरन खिलाने की प्रथा

ग्वांतानामो बे से जुड़ा एक भयानक किस्सा काफी मशहूर है। यहां भूख हड़ताल करने पर कैदियों को जबरन खिलाने की प्रथा थी। जहां अमेरिकी सेना इसे एक जरूरी उपचार का हिस्सा बताती रही है वहीं आलोचकों ने कहा है कि यह यातना के समान है। "एंटरल फीडिंग" नाम की इस प्रक्रिया में कैदी की नाक से उसके पेट में एक ट्यूब डाली जाती है। इसके बाद पाइप के जरिए खाने को पंप किया जाता है।

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