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चीन ने ताइवान में कर दी घुसपैठ! 'गद्दार' रिटायर्ड जनरल से प्राइवेट मिलिट्री बनवा रहा था ड्रैगन

  • चीन से तनाव के बीच ताइवान में एक रिटायर्ड जनरल पर चीन के इशारे पर एक प्राइवेट मिलिट्री बनाने का आरोप है। वह चीन से फंडिंग लेकर सैन्य कर्मियों की भर्ती कर रहा था ताकि हमला करने की स्थिति में वे चीनी सेना को मदद करें।

Gaurav Kala एएफपीWed, 22 Jan 2025 04:41 PM
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चीन ने ताइवान में कर दी घुसपैठ! 'गद्दार' रिटायर्ड जनरल से प्राइवेट मिलिट्री बनवा रहा था ड्रैगन

चीन और ताइवान के बीच खराब रिश्ते बने हुए हैं। इस बीच ताइवान में चीन की कथित तौर पर घुसपैठ हुई है। ताइवान में एक रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल चीन के इशारे पर प्राइवेट मिलिट्री के लिए सैन्य कर्मियों की भर्ती कर रहा था। उसने इसके लिए 20218 से 2024 के बीच कई बार चीन के दौरे किए और सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की। अभियोजकों का कहना है कि सैन्य कर्मियों की भर्ती के लिए उसे भारी मात्रा में चीन से फंडिंग भी मिली है। रिटायर्ड अधिकारी समेत 6 लोगों को गद्दारी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

चीन ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है और इस द्वीप को अपने नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग की धमकी देता रहा है। ताइवान में जासूसी से जुड़े कई मामले सामने आए हैं, क्योंकि चीन ताइपे पर अपनी संप्रभुता के दावे को स्वीकार करने के लिए सैन्य और राजनीतिक दबाव बनाए हुए है। ताइवान हाई प्रॉसिक्यूटर ऑफिस ने एक बयान में बताया कि सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल काओ समेत छह लोगों को मामले में आरोपी बनाया गया है। इन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का उल्लंघन करने का आरोप है।

चीन में कई बार के दौरे

अभियोजकों ने कहा कि यह समूह 2018 से 2024 के बीच कई बार चीन गया, जहां उन्होंने चीनी सैन्य खुफिया अधिकारियों से मुलाकात की। इन मुलाकातों के दौरान उन्हें चीन के लिए संगठन बनाने और विकसित करने के निर्देश और धनराशि प्राप्त हुई। बयान में कहा गया कि इनके कार्यों ने "राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता" के लिए एक गंभीर खतरा उत्पन्न किया।

प्राइवेट मिलिट्री की स्थापना

आरोप है कि काओ और एक अन्य ने चीनी धन का उपयोग करके एक "सशस्त्र संगठन" बनाया, जो चीन द्वारा ताइवान पर हमला करने की स्थिति में एक "आंतरिक सहयोगी" के रूप में कार्य करेगा। अभियोजकों ने कहा कि उन्होंने सेवानिवृत्त और सक्रिय सैन्यकर्मियों को पहचानने, संपर्क करने, लुभाने और उन्हें शामिल करने का प्रयास किया, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा "खतरनाक स्थिति" में पहुंच गई।

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राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा

इस मामले ने ताइवान में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंताओं को बढ़ा दिया है। ताइवान सरकार ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाया है और अपने सैन्यकर्मियों से सतर्क रहने का आग्रह किया है। चीन की बढ़ती गतिविधियों और ताइवान पर दबाव बढ़ाने के प्रयासों के बीच यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गया है।

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