हिंदुओं पर हमलों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया, मानने को तैयार नहीं बांग्लादेश; दुर्गा पंडालों का जिक्र
- अशरफुज्जमां सिद्दीकी ने कहा कि बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर कुछ स्थानों पर बाड़ लगाने के संबंध में आपत्ति जताई है और उम्मीद है कि भविष्य में इन मुद्दों का समाधान हो जाएगा।
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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों को लेकर खुद संयुक्त राष्ट्र तक ने चिंता जताई। लेकिन पड़ोसी देश के सुरक्षा बल इसे मानने को तैयार नहीं हैं। बांग्लादेश के सीमा सुरक्षा बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के प्रमुख ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनके देश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की खबरों को ‘‘बढ़ा चढ़ाकर’’ पेश किया गया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं। सिद्दीकी ने कहा, "हमने दुर्गा पूजा के दौरान अंतरराष्ट्रीय सीमा के 8 किलोमीटर के भीतर पूजा पंडालों को सुरक्षा प्रदान की। ये पूजा शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित की गई।"
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुख दलजीत सिंह चौधरी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के महानिदेशक मेजर जनरल मोहम्मद अशरफुज्जमां सिद्दीकी ने कहा कि बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर कुछ स्थानों पर बाड़ लगाने के संबंध में आपत्ति जताई है और उम्मीद है कि भविष्य में इन मुद्दों का समाधान हो जाएगा।
चौधरी ने कहा कि पांच अगस्त, 2024 को शेख हसीना सरकार के पतन के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ में काफी कमी आई है। अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर सिद्दीकी ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। हमें अल्पसंख्यकों से सुरक्षा को लेकर कई अनुरोध मिले क्योंकि वे डरे हुए थे। बीजीबी ने उन्हें आश्वस्त किया कि हम मदद करेंगे।’’
बीजीबी प्रमुख ने कहा कि बाड़ लगाने से संबंधित मुद्दों पर बीएसएफ के साथ उनकी द्विवार्षिक बैठक में विस्तार से चर्चा की गई क्योंकि यह सबसे अधिक केंद्रित एजेंडा था। उन्होंने कहा, ‘‘जहां भी मुद्दे हैं, हमने संयुक्त निरीक्षण का अनुरोध किया है।’’ सिद्दीकी ने यह भी कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा संधि को फिर से तैयार करने पर कोई चर्चा नहीं हुई, जिस पर 1975 में सहमति बनी थी। उन्होंने कहा, ‘‘यह इस बैठक के दायरे में नहीं था।’’
यह भारत और बांग्लादेश के बीच उनके संबंधित सीमा सुरक्षा बलों - बीएसएफ और बीजीबी द्वारा आयोजित द्विवार्षिक डीजी-स्तरीय सीमा वार्ता का 55वां संस्करण था। पिछले साल अगस्त में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद यह दोनों सीमा सुरक्षा बलों के बीच पहली शीर्ष स्तरीय बैठक थी। बीएसएफ 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा की रक्षा करता है जो पांच राज्यों - पश्चिम बंगाल (2,217 किलोमीटर), त्रिपुरा (856 किलोमीटर), मेघालय (443 किलोमीटर), असम (262 किलोमीटर) और मिजोरम (318 किलोमीटर) से होकर गुजरती है। इन द्विवार्षिक वार्ताओं का पिछला संस्करण पिछले साल मार्च में ढाका में आयोजित किया गया था।
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