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अरुणाचल और अक्साई चिन को भारत में दिखाने पर चीन को लगी मिर्ची, बांग्लादेश ने दिया मुंहतोड़ जवाब

  • चीन ने बांग्लादेश को एक लेटर भेजा, जिसमें किताबों और वेबसाइट पर छपे मैप में सुधार का अनुरोध किया। अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को भारत में दिखाए जाने पर चीन ने आपत्ति जताई।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तानMon, 10 Feb 2025 12:49 AM
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अरुणाचल और अक्साई चिन को भारत में दिखाने पर चीन को लगी मिर्ची, बांग्लादेश ने दिया मुंहतोड़ जवाब

अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को भारत का हिस्सा बताए जाने पर चीन को मिर्ची लग गई है। बांग्लादेश की दो किताबों और डिपार्टमेंट ऑफ सर्वे की वेबसाइट पर छपे एशिया के मैप में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को भारत में दिखाया गया था, जिसको लेकर चीन ने आपत्ति दर्ज करवाई। मालूम हो कि दोनों ही हिस्से भारत के हैं, जिसपर आदत से मजबूर चीन विवाद खड़ा करता रहता है। हालांकि, इस मामले को लेकर बांग्लादेश ने भी चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया और कोई भी बदलाव करने से साफ इनकार कर दिया। ढाका ने बीजिंग से इस मामले में उसके ऊपर दबाव नहीं डालने को कहा है।

इसके अलावा, किताबों और वेबसाइट के मैप में हांगकांग और ताइवान को भी स्वतंत्र देश की तरह दिखाया गया, जिसको लेकर भी चीन ने चिंता जाहिर की। दोनों ही देशों को चीन अपना बताता रहा है। बांग्लादेश की न्यूज वेबसाइट 'प्रोथोमालो' ने दावा किया है कि राजनयिक सूत्रों ने रिपोर्टर को बताया कि चीन ने नवंबर के आखिरी सप्ताह में बांग्लादेश को एक लेटर भेजा था, जिसमें किताबोंऔर सर्वेक्षण विभाग की वेबसाइट पर छपे मैप और सूचनाओं में सुधार का अनुरोध किया गया था। इसके बाद, इस मामले को लेकर दोनों देशों के बीच चर्चा भी हुई। हालांकि, बांग्लादेश के अनुरोध के जवाब में चीन ने फिलहाल इस मुद्दे पर दबाव नहीं डाला है।

बांग्लादेश ने दे दिया कड़ा जवाब

सूत्रों के हवाले से बताया गया कि चीन की आपत्ति दर्ज कराए जाने के बाद बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम एवं पाठ्यपुस्तक बोर्ड (एनसीटीबी) से संपर्क किया। इसके बाद एनसीटीबी ने मंत्रालय को बताया कि नई किताबों की प्रिंटिंग पूरी हो चुकी है और अब इसमें कोई भी बदलाव नहीं हो सकता है। बांग्लादेश ने हालात को समझाते हुए चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया और कोई भी दबाव नहीं डालने के लिए कहा। बांग्लादेश की किताबों और वेबसाइट पर मैप इसी तरह से पहले छपते रहे हैं। वहीं, बांग्लादेश के एक्सपर्ट्स मानते हैं कि चीन ने यह मुद्दा इसलिए उठाया है, क्योंकि पांच अगस्त को हुए बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव के बाद नई दिल्ली और ढाका के बीच संबंध खराब हो गए हैं।

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झूठे दावे की आदत से मजबूर चीन

बांग्लादेश के इब्तेदाई मदरसा में कक्षा 4 की बांग्लादेश और वैश्विक अध्ययन नाम की किताब में एशिया का मैप है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन की सीमा को भारत में दिखाया गया। इसके अलावा, कक्षा 9 और 10 के छात्रों के लिए बांग्लादेश और वैश्विक अध्ययन किताब में बांग्लादेश के एक्सपोर्ट्स डेस्टिनेशन की एक सूची शामिल है, जिसमें हांगकांग और ताइवान को स्वतंत्र देशों के रूप में दिखाया गया है। उल्लेखनीय है कि चीन की विस्तारवादी नीति और झूठे दावे से पूरी दुनिया परेशान है। भारत का पड़ोसी होने की वजह से ड्रैगन कई झूठे दावे करता रहता है। कभी वह पूर्वी लद्दाख में सीमा को लेकर टेंशन पैदा करता है तो कभी अरुणाचल प्रदेश पर गलत दावे करता है। इसके अलावा, साउथ चाइना सी, ताइवान, हांगकांग आदि को लेकर भी चीन और अन्य देशों के बीच विवाद होते रहते हैं।

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