हमारी चीफ जस्टिस को कहीं और भेजिए मीलॉर्ड! प्रस्ताव पास कर CJI से वकीलों ने लगाई गजब गुहार
जीएचसीएए के अध्यक्ष बृजेश त्रिवेदी ने बताया कि अधिवक्ता संघ की असाधारण आम सभा की बैठक में पारित प्रस्ताव की एक प्रति भारत के प्रधान न्यायाधीश को भेजी जाएगी।
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गुजरात हाई कोर्ट अधिवक्ता संघ (GHCAA) ने सोमवार (17 फरवरी) को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल को ‘कानूनी ढांचे’ के तहत दूसरे हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की गई है। GHCAA के एक शीर्ष पदाधिकारी ने बताया कि संघ की आम सभा ने उच्च न्यायालय के रोस्टर में अचानक परिवर्तन के संबंध में हाल की घटनाओं पर चर्चा करने और उचित प्रस्ताव पारित करने के लिए बैठक ये की थी, जिसमें मौजूदा मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सुनीता अग्रवाल को दूसरे हाई कोर्ट में तबादला करने की मांग से जुड़ा प्रस्ताव पारित किया गया।
जीएचसीएए के अध्यक्ष बृजेश त्रिवेदी ने बताया कि अधिवक्ता संघ की असाधारण आम सभा की बैठक में पारित प्रस्ताव की एक प्रति भारत के प्रधान न्यायाधीश को भेजी जाएगी। बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया, ‘‘जिस तरह से रोस्टर में अचानक बदलाव किए गए - इस मुद्दे को अखबारों में कवर किया गया और सोशल मीडिया पर चर्चा हुई - उससे वादियों की नजर में उच्च न्यायालय की गरिमा का अपमान हुआ। हमने इस मुद्दे को उठाया है।’’
त्रिवेदी ने बताया कि बैठक में एक प्रस्ताव पेश किया गया, जिसमें बार के अधिकांश सदस्यों ने "...माननीय मुख्य न्यायाधीश के स्थानांतरण की मांग करने" वाले वाक्यांश जोड़ने पर जोर दिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “जिस तरह से रोस्टर में अचानक बदलाव किए गए - इस मुद्दे को अखबारों और सोशल मीडिया में कवर किया गया, उसने वादियों की नजर में उच्च न्यायालय के अधिकार और गरिमा को कमतर किया है। इसलिए हमलोगों ने उस मुद्दे को बैठक में उठाया।”
त्रिवेदी ने कहा, ‘‘इस प्रस्ताव पर मतदान हुआ और इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। हम मंगलवार को उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश को प्रस्ताव की एक प्रति भेजेंगे।’’ जीएचसीएए की आम सभा ने पारित प्रस्ताव में कहा, "सदन माननीय मुख्य न्यायाधीश को कानून के दायरे में स्थानांतरित करने सहित उचित कदम उठाने का संकल्प लेता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वादियों और जनता का विश्वास बहाल हो और भविष्य में ऐसी प्रथाएं दोबारा न हों।"
बता दें कि मुख्य न्यायाधीश अग्रवाल ने पिछले सप्ताह कोर्ट रजिस्ट्री में पदस्थ एक न्यायिक अधिकारी के आचरण पर आपत्ति जताते हुए तुरंत एक न्यायाधीश का रोस्टर बदल दिया था।’
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