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इंफोसिस में 400 ट्रेनी की छंटनी, फ्रेशर्स ने कहा- हमें फेल करने के लिए टेस्ट को बनाया गया कठिन

Infosys Layoffs: भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी में से एक इंफोसिस इस समय 400 ट्रेनी कर्मचारियों को नौकरियों से निकालने की प्रक्रिया में है। कहा जा रहा है कि ये नए कर्मचारी इवैल्यूएशन टेस्ट में लगातार तीन प्रयासों में भी असफल रहे हैं। क्या है पूरा मामला, चलिए डिटेल में बताते हैं।

Arpit Soni लाइव हिन्दुस्तानFri, 7 Feb 2025 05:22 PM
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इंफोसिस में 400 ट्रेनी की छंटनी, फ्रेशर्स ने कहा- हमें फेल करने के लिए टेस्ट को बनाया गया कठिन

Infosys Layoffs: भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी में से एक इंफोसिस इस समय 400 ट्रेनी कर्मचारियों को नौकरियों से निकालने की प्रक्रिया में है। कहा जा रहा है कि ये कर्मचारी इवैल्यूएशन टेस्ट में लगातार तीन प्रयासों में भी असफल रहे हैं। मनीकंट्रोल ने अपनी रिपोर्ट में इस मामले से अवगत लोगों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है। रिपोर्ट के अनुसार, इन 400 ट्रेनी की छंटनी अक्टूबर 2024 में रिक्रूट किए गए नए लोगों की संख्या का लगभग आधी है। निकाले गए फ्रेशर्स ने कहा कि परीक्षाएं बहुत कठिन थीं और हमें फेल करने के लिए बनाई गई थीं। रिपोर्ट के अनुसार, इन फ्रेशर्स को सिस्टम इंजीनियर (SE) और डिजिटल स्पेशलिस्ट इंजीनियर (DSE) की भूमिका में भर्ती किया गया था।

टेस्ट पास करने के लिए तीन मौके मिलते हैं

रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “इंफोसिस में, हमारे पास एक टफ हायरिंग प्रोसेस है, जहां सभी फ्रेशर्स से, हमारे मैसूरु कैंपस में फाउंडेशनल ट्रेनिंग से गुजरने के बाद, इंटरनल असेसमेंट में सफल होने की अपेक्षा की जाती है। सभी फ्रेशर्स को परीक्षा पास करने के लिए तीन मौके मिलते हैं, ऐसा न करने पर वे कंपनी में बने नहीं रह पाएंगे, जैसा कि उनके कॉन्टैक्ट में भी उल्लेख किया गया है। यह प्रक्रिया दो दशकों से अधिक समय से अस्तित्व में है और हमारे क्लाइंट्स के लिए क्लाइंट्स के लिए हाई क्वालिटी वाले टैलेंट की उपलब्धता सुनिश्चित करती है।”

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हमें फेल करने के लिए टेस्ट को कठिन बनाया गया

नौकरी से निकाले गए एक ट्रेनी ने मनीकंट्रोल से कहा, "यह अनुचित है, क्योंकि परीक्षाएं बहुत कठिन थीं और हमें फेल करने के लिए बनाई गई थीं और हमें फेल करने के लिए मजबूर किया गया था, कई ट्रेनी बेहोश हो गए हैं, क्योंकि अब भविष्य अंधकारमय दिखाई दे रहा है।"

सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने ट्रेनी के पास मोबाइल फोन न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए बाउंसर और सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं। हालांकि, इंफोसिस ने स्पष्ट किया है कि बाउंसर तैनात नहीं किए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि सभी फ्रेशर्स को शाम छह बजे तक परिसर खाली करने को कहा गया है। एक सूत्रों के अनुसार, फ्रेशर्स को लगभग 50 लोगों के बैचों में बुलाया जा रहा है और उनसे 'म्यूचुअल सेपरेशन' लेटर पर हस्ताक्षर करवाए जा रहा हैं।

इंफोसिस के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है

नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) के अध्यक्ष और वकील हरप्रीत सिंह सलूजा ने ईटी को बताया, "एक चौंकाने वाले और अनैतिक कदम के तहत इंफोसिस ने लगभग 700 कैंपस रिक्रूट्स को जबरन नौकरी से निकालना शुरू कर दिया है, जिन्हें कुछ महीने पहले ही अक्टूबर 2024 में हायर किया गया था।" हालांकि, इंफोसिस ने पुष्टि की है कि निकाले जाने वाले कर्मचारियों की संख्या 350 से कम है।

NITES ने कहा कि वह श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के समक्ष एक आधिकारिक शिकायत दर्ज करा रहा है, जिसमें इंफोसिस के खिलाफ तत्काल हस्तक्षेप और सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।

NITES के हरप्रीत सिंह सलूजा ने एक बयान में कहा, "इस खुलेआम कॉर्पोरेट शोषण को जारी रहने नहीं दिया जा सकता है, और हम सरकार से भारतीय आईटी कर्मचारियों के अधिकारों और सम्मान को बनाए रखने के लिए तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं।"

(कवर इमेज- livemint)

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