गौतम गंभीर की इस अप्रोच से खफा हैं जहीर खान, बोले- आप असुरक्षा पैदा कर रहे हैं, यह आपको...
- गौतम गंभीर की फ्लेक्सबिलिटी वाली अप्रोच से जहीर खान खफा हैं और उन्होंने कहा है कि आप असुरक्षा पैदा कर रहे हैं, यह वापस आकर आपको नुकसान पहुंचा सकती है। वनडे में तो ओपनर ही फिक्स नहीं लग रहे थे।

टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर को लगातार आलोचनाओं का शिकार होना पड़ रहा है। दो लगातार टेस्ट सीरीज हारने के बाद वे टी20 और वनडे सीरीज जीत चुके हैं, लेकिन उनके फैसले पूर्व क्रिकेटरों को अखर रहे हैं। पूर्व तेज गेंदबाज और 2011 वर्ल्ड कप टीम में उनके साथी रहे जहीर खान ने कहा है कि आप टीम में असुरक्षा की भावना पैदा कर रहे हैं। इससे आपको ही नुकसान होगा। गंभीर की कोचिंग स्टाइल व्हाइट बॉल में कुछ ऐसी है कि सिर्फ ओपनर ही फिक्स हैं, बाकी सभी के लिए बैटिंग ऑर्डर फ्लेक्सिबल है।
टी20 सीरीज में हमने देखा कि संजू सैमसन और अभिषेक शर्मा के अलावा किसी का बैटिंग ऑर्डर फिक्स नहीं था और अब चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले वनडे सीरीज में हम देख रहे हैं। दो मैचों में दो अलग-अलग ओपनिंग जोड़ी देखने को मिलीं और नंबर तीन के बल्लेबाज भी बदले-बदले नजर आए। पहले वनडे में रोहित-यशस्वी ने ओपन किया और गिल तीन नंबर पर आए। दूसरे मैच में रोहित-गिल ने ओपन की और विराट नंबर तीन पर खेले। श्रेयस अय्यर ने तो ये तक कबूल किया है कि वे पहले वनडे मैच में खेलते ही नहीं, अगर विराट कोहली फिट होते तो।
टीम मैनेजमेंट की इस सोच से जहीर खान नाखुश हैं। उन्होंने क्रिकबज पर कहा, "आपने कहा है कि आपको फ्लेक्सबिलिटी रखनी होगी। नंबर एक और दो तो होंगे ही, लेकिन बाकी भी फ्लेक्सिबल होंगे। उस फ्लेक्सबिलिटी के भीतर कुछ नियम भी लागू होते हैं। कुछ प्रोटोकॉल हैं, जिनका आपको पालन करना होगा। कुछ कम्युनिकेशन की जरूरत है, जो चीजों को सुव्यवस्थित करेगा। अन्यथा, आप असुरक्षा पैदा कर रहे हैं, जो किसी न किसी स्तर पर वापस आकर आपको चोट पहुंचाएगी। आप नहीं चाहते कि ऐसा हो। इसलिए आपको उस स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।"
उन्होंने आगे कहा, "अगर आप राहुल द्रविड़ के दृष्टिकोण और गौतम गंभीर के दृष्टिकोण की तुलना करें तो स्थिति गतिशील हो गई है। आप कह सकते हैं कि यह अच्छा है, बुरा है या बदसूरत है, या आप कह सकते हैं कि हम कैसे अनुकूलन करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति इस सिस्टम का हिस्सा है, चाहे वह सीनियर मैनेजमेंट हो या थिंक टैंक, चाहे वह खिलाड़ी हों, चाहे वह चयनकर्ता हों। उन्हें इसका आकलन करना हो और पहिए को ठीक से घुमाने के लिए पूरे सिस्टम को सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता है।"