पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज, हैदराबाद के स्टेडियम से जुड़ा है मामला
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अजहरुद्दीन के खिलाफ केस दर्ज हो गया है। हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। उन्होंने इसका जवाब सोशल मीडिया के जरिए दिया है।

पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन एक बार फिर मुश्किलों में हैं। मैच फिक्सिंग का दंश झेल चुके अजहरुद्दीन समेत हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के कुछ पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कराया गया है, जिसकी जांच की जा रही है। पूर्व कप्तान समेत कई अधिकारियों पर एसोसिएशन के पैसे के दुरुपयोग का आरोप है। यह जानकारी हैदराबाद पुलिस की ओर से दी गई है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।
हैदराबाद पुलिस के अनुसार एसोसिएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील कांते बोस की शिकायत के आधार पर उप्पल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। एचसीए के पूर्व अध्यक्ष अजहरुद्दीन और अन्य पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसकी जांच शुरू हो गई है। हालांकि, इसका जवाब अजहरुद्दीन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दिया है।
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एक्स (ट्विटर) पर किए गए एक पोस्ट में मोहम्मद अजहरुद्दीन ने कहा, "मैंने मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं, जिनमें बताया गया है कि सीईओ, एचसीए की शिकायतों पर मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ये सभी झूठे और प्रेरित आरोप हैं। मैं किसी भी तरह से आरोपों से जुड़ा नहीं हूं। मैं उचित समय पर जवाब दूंगा। यह मेरी प्रतिष्ठा को बर्बाद करने के लिए मेरे प्रतिद्वंद्वियों द्वारा किया गया एक स्टंट है। हम मजबूत रहेंगे और कड़ी लड़ाई लड़ेंगे।"
ऑडिट में खुली पोल?
हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के सीईओ ने शिकायत में कहा है कि तेलंगाना हाई कोर्ट के समक्ष विभिन्न पक्षों द्वारा प्रस्तुत पहले की रिपोर्टों के मद्देनजर, धन के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए एक चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म को एसोसिएशन के ऑडिट के लिए नियुक्त किया गया था। इस फर्म ने 1 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2023 तक का फोरेंसिक ऑडिट (अंतरिम रिपोर्ट) पेश किया, जिसमें वित्तीय नुकसान की पहचान की गई। इसमें फंड का डायवर्जन और एचसीए से संबंधित संपत्तियों का दुरुपयोग शामिल है।
ये है गड़बड़ी
शिकायतकर्ता की मानें तो फॉरेंसिक ऑडिट में यह स्पष्ट हुआ है कि संघ की ओर से तीसरे पक्ष (थर्ड पार्टी) के विक्रेताओं के साथ किए गए कुछ लेनदेन वास्तविक नहीं पाए गए। शिकायतकर्ता ने आगे कहा कि सीए फर्म ने यहां राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में अग्निशमन उपकरणों (फायर फाइटिंग इक्विपमेंट) के इंस्टॉलेशन पर भी कमेंट किया, जिसमें पूर्व पदाधिकारियों की मिलीभगत से एक थर्ड पार्टी वेंडर शामिल है।