सचिन तेंदुलकर ने युवा क्रिकेटरों को दी बड़ी सलाह, बोले- ध्यान भटकाने वाली चीजें होंगी, लेकिन…
- शनिवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई के नमन अवॉर्ड्स 2025 के दौरान भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने युवा भारतीय क्रिकेटरों से कहा कि वे व्यवधानों से विचलित ना हों।
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शनिवार एक फरवरी को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने अपने नमन अवॉर्ड के लिए सेरेमनी आयोजित की। इस सेरमनी के दौरान भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने युवा भारतीय क्रिकेटरों एक बड़ी सलाह दी। सचिन ने युवाओं से कहा कि वे व्यवधानों से विचलित ना हों। मुंबई में बीसीसीआई के नमन अवॉर्ड्स में सचिन तेंदुलकर को कर्नल सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। मास्टर ब्लास्टर के नाम अभी भी टेस्ट और वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। साथ ही वे 100 शतक बनाने वाले दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं। वे इंटरनेशनल क्रिकेट को एक दशक पहले छोड़ चुके हैं।
आईसीसी के चेयरमैन जय शाह ने बीसीसीआई के वार्षिक 'नमन अवॉर्ड्स' समारोह में भारत के महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया। शनिवार को इस कार्यक्रम में बोलते हुए तेंदुलकर ने युवाओं से कहा कि वे अपने पास मौजूद हर चीज की कद्र करें और खेल तथा देश का नाम आगे बढ़ाने के लिए उचित व्यवहार करें।
सचिन तेंदुलकर ने कहा, "मुझे आपको सलाह नहीं देनी चाहिए और ना ही यह कहना चाहिए कि आप अपना ध्यान केंद्रित रखें, चाहे जो भी हो, लेकिन ध्यान भटकाने वाली चीजें होंगी। उन्हें अपने करियर में बाधा ना बनने दें। हमारे पास जो कुछ भी है, उसकी कद्र करें और अपने खेल का ख्याल रखें। यह इस बारे में है कि जब हमारे पास कुछ भी नहीं था, तब हम सबने कैसे काम चलाया। जब हमारे पास सब कुछ है, तो उसकी कद्र करना और खेल को आगे बढ़ाने और देश का नाम रोशन करने के लिए उचित तरीके से व्यवहार करना महत्वपूर्ण है... आपके अंदर अभी भी बहुत सारा क्रिकेट बचा है। बस बाहर निकलो, अपना सर्वश्रेष्ठ दो और इस अवसर का पूरा लाभ उठाओ।"
'क्रिकेट के भगवान' के नाम से फेमस सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट में उनके बेजोड़ कौशल और महारत के लिए जाना जाता है, जिन्होंने 1989 से 2013 तक दुनिया भर के प्रशंसकों का मनोरंजन किया। महाराष्ट्र में जन्मे इस खिलाड़ी ने 15 नवंबर 1989 को 16 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और उसी साल 18 दिसंबर को अपना पहला वनडे खेला। 664 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 48.52 की औसत से 34,357 रन बनाकर तेंदुलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने हुए हैं। उनके नाम 100 शतक और 164 अर्धशतक हैं, जो खेल के इतिहास में बेजोड़ रिकॉर्ड है। तेंदुलकर वनडे में दोहरा शतक बनाने वाले पहले मेन्स क्रिकेटर थे और उन्होंने रिकॉर्ड 200 टेस्ट मैच खेले।