Hindi Newsक्रिकेट न्यूज़Prithvi shaw once seen as successor of Sachin Tendulkar now nowhere can he comeback

पृथ्वी शॉ से बहुत पीछे थे शुभमन गिल, रियान पराग; 7 साल में कैसे खो गया 'भविष्य का सचिन तेंदुलकर'? फिर उठा सवाल

पृथ्वी शॉ में कभी भविष्य का सचिन तेंदुलकर देखा गया था। कई एक्सपर्ट तो उसमें सचिन, ब्रायन लारा और सहवाग तीनों का ही मिश्रण देखते थे। लेकिन भारत को 2018 में अंडर-19 वर्ल्ड कप जिताने वाला कप्तान आज गुमनामी में खो गया है। एक पॉडकास्ट में मशहूर क्रिकेट एंकर तनय तिवारी ने शॉ को लेकर कई बातें कही है।

Chandra Prakash Pandey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 10 April 2025 11:08 AM
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पृथ्वी शॉ से बहुत पीछे थे शुभमन गिल, रियान पराग; 7 साल में कैसे खो गया 'भविष्य का सचिन तेंदुलकर'? फिर उठा सवाल

पृथ्वी शॉ। 2018 में भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप दिलाने वाला कप्तान। अपने टेस्ट डेब्यू में ही वेस्टइंडीज के खिलाफ सेंचुरी जड़कर इंटरनैशनल क्रिकेट में धमाका करने वाला बैटर। जिसे कभी भारतीय बल्लेबाजी का भविष्य कहा जाता था। जिसमें कभी अगला सचिन तेंदुलकर देखा गया। कुछ तो यहां तक कहते थे कि पृथ्वी शॉ में तो सचिन तेंदुलकर, ब्रायन लारा और वीरेंदर सहवाग तीनों का अक्स दिखता है। 7 साल में ऐसा क्या हुआ जो शॉ पूरी तरह से सीन से गायब ही हो गए? मशहूर क्रिकेट एंकर तनय तिवारी भी ‘द राज शमानी पॉडकास्ट’ में शॉ को लेकर ऐसे ही हैरान, परेशान, निराश, हताश दिखे हैं।

ये सवाल और ये सच सभी क्रिकेटप्रेमियों को सालते हैं। उसकी कप्तानी में अंडर-19 वर्ल्ड कप खेलने वाले शुभमन गिल, रियान पराग, अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ी कहां से कहां पहुंच गए, लेकिन पृथ्वी शॉ गुमनामी के अंधेरों में खो गए। उसकी अर्श से फर्श की कहानी क्रिकेटप्रेमियों को टीस देती है। आखिर उसके साथ हुआ क्या? क्या ऐसे भी किसी का पतन हो सकता है? शॉ सचिन तेंदुलकर तो दूर, उनका लेश मात्र तक न बन पाए। कम से कम अभी तक तो यही हकीकत है। हां, उनकी कहानी बहुत हद तक सचिन के बालसखा विनोद कांबली की याद दिलाई है, जिन्हें कभी 'क्रिकेट के भगवान' से भी खतरनाक बल्लेबाज माना गया था।

पृथ्वी शॉ का यह हश्र क्यों? तनय तिवारी 'द राज शमानी पॉडकास्ट' में कहते हैं, 'उस वर्ल्ड कप (अंडर-19 WC 2018) और अब के बीच में कहीं वह ट्रैक से उतर गए। मैं नहीं जानता कि कहां और क्या। मैं उन्हें जानने का दावा नहीं करता, लेकिन वह फिसल चुके हैं, गिर चुके हैं। शरीर संकेत देना शुरू कर चुकी है- वह उतना फिट नहीं हैं, जितना थे।'

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तिवारी आगे कहते हैं, 'उसने उन तीनों (शुभमन गिल, रियान पराग, अर्शदीप सिंह) से पहले डेब्यू किया। डेब्यू में ही शतक जड़ा। उसके पास जिस तरह का टैलेंट था उसे देखकर शुभमन गिल, अर्शदीप सिंह और रियान पराग कहते थे- देख यार, कितना आगे निकल गया।'

शॉ की कहानी बहुत हद तक विनोद कांबली जैसे है लेकिन एक अंतर है। अभी शॉ की उम्र ही क्या है? 25 वर्ष में तो कई खिलाड़ी डेब्यू तक नहीं कर पाते हैं। अब भी समय है उनके ट्रैक पर लौटने का और कमबैक का। तनय तिवारी ने कहा, 'उनमें (शॉ और कांबली) बहुत समानता है। मैं उम्मीद करता हूं कि उनकी राह पर और आगे न बढ़े। मुझे उसके कमबैक का उम्मीद है।'

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