मोहम्मद कैफ ने खोला रिकी पोंटिंग के DC के दिनों का कच्चा चिट्ठा, बोले- सौरव गांगुली ना होते तो...
- मोहम्मद कैफ ने रिकी पोंटिंग के दिल्ली कैपिटल्स के दिनों का कच्चा चिट्ठा खोलकर रख दिया। उन्होंने कहा कि सौरव गांगुली ना होते तो वे शिखर धवन की ट्रेड ना करते। वॉर्नर ने पोंटिंग को इन्फ्लुएंस किया था कि धवन को ट्रेड मत करो।

टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने उन दिनों के बारे में खुलासा किया है, जब वे दिल्ली कैपिटल्स के असिस्टेंट कोच थे। कैफ ने दावा किया है कि रिकी पोंटिंग को डेविड वॉर्नर ने इन्फ्लुएंस किया था कि सनराइजर्स हैदराबाद से शिखर धवन को ट्रेड मत करो। हालांकि, सौरव गांगुली अपनी बात पर अड़े रहे कि वह रन बनाएंगे और फिर धवन को ट्रेड कर लिया गया। पोटिंग उस समय टीम के हेड कोच थे और सौरव गांगुली डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट थे। इसके अलावा भी कई चीजों के बारे में कैफ ने बात की।
रिकी पोंटिंग की कोचिंग स्टाइल और सात साल में आईपीएल ट्रॉफी नहीं जीत पाने को लेकर मोहम्मद कैफ ने अपने एक वीडियो में कहा, "मुझे लगता है कि पोंटिंग खुद स्वीकार करेंगे कि वे बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे, क्योंकि हमने जो टीम बनाई थी, मैं, गांगुली...आप यकीन नहीं करेंगे कि कई बार हम सोच थे कि हमें किसे बाहर करना चाहिए। अजिंक्य रहाणे, आर अश्विन, इशांत शर्मा, यहां तक कि हेटमायर के लिए भी कभी-कभी जगह नहीं बनती थी। फिर जब हम नीलामी में गए तो गांगुली ने ही फैसला किया और मुझे इसके लिए उनकी तारीफ करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें भारतीय खिलाड़ियों का समर्थन करना होगा। उन्होंने शिखर धवन से बात की, जिसके बाद हैदराबाद के साथ वह ट्रेड हुआ।"
कैफ ने बताया, "गांगुली ने ही टीम मैनेजमेंट, मालिक और कोचिंग स्टाफ को इस बारे में यकीन दिलाया कि शिखर धवन सीजन में 500 रन बनाएंगे। पोंटिंग तैयार नहीं थे। उनको लगा था कि धवन का करियर खत्म हो गया है, क्योंकि वे तभी टेस्ट टीम से ड्रॉप हुए थे। मीटिंग में हमारी बात हुई थी कि शिखर धवन ऐसे खिलाड़ी हैं, जो सीजन में 500 रन बना सकते हैं। उस समय डेविड वॉर्नर हैदराबाद में थे। मुझे ऐसा लगता है कि वॉर्नर ने ही पोंटिंग को इन्फ्लुएंस किया था कि शिखर धवन के साथ मत जाओ। मुझे ऐसा लगता है कि उन्होंने ही बोला होगा कि अब धवन अच्छा प्लेयर नहीं रहा, लेकिन गांगुली और पार्थ जिंदल (को-ओनर डीसी) ने धवन का समर्थन किया और उनको ट्रेड किया। धवन भी सीजन में खूब रन बनाए और हम फाइनल में पहुंचे।"
धवन ने 2019 में दिल्ली की टीम में वापसी की। पहले सीजन वे 521 और दूसरे सीजन 618 रन बनाने में सफल हुए। 2021 में उन्होंने 587 रन बनाए और फिर पंजाब किंग्स चले गए। पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने आगे बताया, "इसलिए मुझे लगता है कि पोंटिंग को इस बात का अफसोस हो सकता है कि वे बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे, क्योंकि उन सात सालों में उन्होंने कोई ट्रॉफी नहीं जीती। वास्तव में, अश्विन को टीम में लाने का श्रेय गांगुली को भी दिया जाना चाहिए।"
कैफ ने अनुमान लगाया कि दिल्ली ने पोंटिंग से इसलिए नाता तोड़ा, क्योंकि उन्हें लगा होगा कि 49 वर्षीय पोंटिंग अब खिताब जीतने वाली रणनीति बनाने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने कहा, "फ्रेंचाइजी के मालिकों को लगा होगा कि पोंटिंग के पास अब कोई अच्छा गेम प्लान नहीं है। अब, पोंटिंग सिर्फ एक बड़ा नाम हैं। वह सचिन तेंदुलकर की श्रेणी में आते हैं। अब, अगर कोई फ्रेंचाइजी उन्हें 'बहुत-बहुत धन्यवाद' कहकर अलग हो जाती है, तो इसका मतलब है कि उन्हें लगता है कि वह अपनी गेम प्लानिंग में विफल हो गए हैं।"
रिकी पोंटिंग को पंजाब किंग्स ने अपना हेड कोच बनाया है। इस पर बात करते हुए कैफ ने कहा कि वे अपने पुराने पदचिन्हों पर चल रहे हैं। उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों को बैक नहीं किया, बल्कि बड़े पर्स के साथ ऑक्शन में जा रहे हैं। कैफ ने कहा, "अब, वह पंजाब गए हैं और उन्होंने पुराने कोचों की तरह ही रणनीति अपनाई, कुछ खिलाड़ियों को रिटेन किया और एक बड़ा पर्स रखा। मुझे लगा कि वे गलत थे। मुंबई इंडियंस को ही देख लीजिए। आखिरी स्थान पर रहने के बावजूद, उन्होंने अपने मुख्य खिलाड़ियों को बनाए रखा, क्योंकि उन्हें विश्वास था कि वे अभी भी खिताब जीत सकते हैं। उन्होंने उन्हीं खिलाड़ियों का समर्थन किया, चाहे उनकी कीमत कुछ भी हो। पोंटिंग ने जो किया, वह पिछले PBKS कोचों जैसा ही है और मैं उसका फैन नहीं हूं। वे अर्शदीप सिंह, कगिसो रबाडा और लियाम लिविंगस्टोन को रिटेन कर सकते थे। देखिए, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि कोई फ्रेंचाइडी नीलामी में उसी खिलाड़ी को कम कीमत पर खरीद सकती है।"