हमेशा-हमेशा के लिए बदलेगा टेस्ट क्रिकेट, ये सिस्टम लाने की तैयारी में ICC; जानिए कब से हो सकता है लागू?
- आईसीसी टू-टियर टेस्ट सिस्टम लाने की तैयारी में है। अगर यह सिस्टम लागू हो गया तो टेस्ट क्रिकेट हमेशा-हमेशा के लिए बदल जाएगा। इंडिया वर्सेस इंग्लैंड टेस्ट सीरीज से पहले इसके लागू होने की संभावना है।
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जब ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) 2023-25 के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका से भिड़ेगा तो यह मौजूदा प्रारूप का अंत होगा, जिसे भारत के इंग्लैंड दौरे से पहले दो-स्तरीय प्रणाली के रूप में फिर से शुरू किए जाने की संभावना है। ‘उचित प्रतिस्पर्धा’ का माहौल तैयार करने के लिए इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के अध्यक्ष रिचर्ड थॉम्पसन ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीस) के चेयरमैन जय शाह के साथ बातचीत की और दोनों इस योजना का नेतृत्व करेंगे। थॉम्पसन आईसीसी की रणनीतिक विकास समिति के प्रमुख भी हैं। इंग्लैंड को 20 जून से हेडिंग्ले में भारत की मेजबानी करनी है, जिसके साथ अगला चक्र शुरू होगा, जिसमें सिर्फ पांच महीने बचे हैं और थॉम्पसन ने इस मामले पर तुरंत गौर करने की जरूरत को स्वीकार किया।
'वर्तमान ढांचा उस तरह से काम नहीं करता'
थॉम्पसन ने ‘टेलीग्राफ स्पोर्ट’ से कहा, ‘‘यह पूरी तरह से समझा जा चुका है कि वर्तमान ढांचा उस तरह से काम नहीं करता है जैसा उसे करना चाहिए और हमें एक निष्पक्ष, बेहतर प्रतियोगिता खोजने की आवश्यकता है लेकिन इस स्तर पर अभी कोई सिफारिशें सामने नहीं आई हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास इस पर काम करने के लिए पांच महीने हैं, देखेंगे कि आगे क्या ढांचा होना चाहिए। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप निष्पक्ष और अधिक प्रतिस्पर्धी होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए बदलाव हो रहा है कि यह हमेशा सर्वश्रेष्ठ टीमों को फाइनल में पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करे और अन्य देश को जो टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहते हैं, उन्हें टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित करे।’’ थॉम्पसन ने कहा, ‘‘हम टेस्ट क्रिकेट की अखंडता सुनिश्चित करेंगे और उसकी रक्षा, विकास करेंगे क्योंकि यह प्रारूप खेल के डीएनए के लिए महत्वपूर्ण है।’’
चार दिवसीय टेस्ट की संभावना पर भी नजर
मौजूदा प्रारूप की उसकी कमियों के लिए आलोचना की गई है। टीमें दो साल के चक्र में सभी विरोधी टीम के साथ नहीं खेलती और साथ ही दो टेस्ट मैच की सीरीज की अधिकता है जिससे अंक तालिका में निरंतरता नजर नहीं आती। राजनीतिक बाधाओं के कारण भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के खिलाफ नहीं खेलते। इसी तरह दक्षिण अफ्रीका मौजूदा चक्र में ऑस्ट्रेलिया के साथ खेले बिना फाइनल में पहुंच गया। हालांकि, ये दोनों टीम जून में लॉर्ड्स में खिताबी मुकाबले में आमने-सामने होंगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि चार दिवसीय टेस्ट की संभावना का भी पता लगाया जाएगा क्योंकि इससे बोर्ड को फ्रेंचाइजी लीग के आसपास तीन टेस्ट की सीरीज आयोजित करने में मदद मिलेगी।
क्लाइव लॉयड ने करार दिया 'विनाशकारी'
गौरतलब है कि 2019 से ‘बिग थ्री’ भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बाहर की टीमों के बीच तीन टेस्ट मैच की कोई सीरीज नहीं हुई है। हालांकि, चार दिवसीय टेस्ट एशेज या टीयर एक के देशों के बीच मुकाबलों जैसी मुख्य सीरीज के लिए नहीं होंगे। ऑस्ट्रेलिया की भारत के खिलाफ बेहतरीन सीरीज के बाद दो-स्तरीय प्रणाली को बल मिला जिसमें दर्शकों की उपस्थिति के नए रिकॉर्ड बने। प्रस्तावित मॉडल में शीर्ष स्तरीय देश एक-दूसरे के साथ अधिक बार खेलेंगे, जिससे अन्य टीमों और सीरीज को अधिक तवज्जो नहीं मिलने की आशंका है, जिस पर खेल के दिग्गजों ने नकारात्मक प्रतिक्रियाएं दी हैं। वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी क्लाइव लॉयड इस प्रणाली के कड़े आलोचक हैं और उन्होंने कहा कि यह ‘छोटी टीमों के लिए विनाशकारी’ होगा।
पूर्व कप्तान रणतुंगा ने भी की आलोचना
लॉयड ने कहा था, ‘‘इन सभी देशों ने वहां पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की है। हम लगभग 100 वर्षों से आईसीसी में हैं। हमारा एक शानदार इतिहास है और अब आप हमें बताने जा रहे हैं कि मौद्रिक स्थिति के कारण ऐसा होने जा रहा है।’’ श्रीलंका के विश्व कप विजेता कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने भी इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि इससे केवल तीन बोर्ड को ही लाभ होगा। रणतुंगा ने कहा, ‘‘खेल केवल पाउंड, डॉलर और रुपये के बारे में नहीं है। प्रशासकों को खेल को बढ़ावा देना और उसकी रक्षा करनी चाहिए।’’ बांग्लादेश के बल्लेबाज मोमिनुल हक और इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज स्टीवन फिन ने भी इस कदम की आलोचना की है।