मुंबई के पूर्व कप्तान और चयनकर्ता मिलिंद रेगे का निधन, सचिन तेंदुलकर ने ऐसे किया याद
- मुंबई की टीम के पूर्व कप्तान और चयनकर्ता रहे मिलिंद रेगे का निधन हो गया है। बीसीसीआई और सचिन तेंदुलकर ने उनको ट्रिब्यूट दिया है। सचिन तेंदुलकर ने बताया है कि उन्होंने ही सीसीआई के लिए खेलने के उनको प्रेरित किया था।
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मुंबई की क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और चयनकर्ता मिलिंद रेगे का बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 76 साल के थे। पिछले रविवार को 76 साल के हुए रेगे को ब्रीच कैंडी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था और बुधवार सुबह करीब छह बजे उनका निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं। ऑलराउंडर के रूप में खेलने वाले रेगे को 26 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ा था, लेकिन वह क्रिकेट के मैदान पर वापस लौटे और रणजी ट्रॉफी में मुंबई की कप्तानी भी की। सचिन तेंदुलकर ने उनको याद किया है, क्योंकि बचपन में उन्होंने उनके अंदर प्रतिभा देखी थी।
नागपुर में विदर्भ के खिलाफ अपना रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल खेल रही मुंबई की क्रिकेट टीम रेगे के सम्मान में तीसरे दिन काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरी। एमसीए के अध्यक्ष अजिंक्य नाइक ने एक बयान में कहा, ‘‘मिलिंद रेगे सर के निधन के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ। मुंबई क्रिकेट के दिग्गज। एक खिलाड़ी, चयनकर्ता और मार्गदर्शक (मेंटर) के रूप में उनका योगदान अमूल्य था। उनके मार्गदर्शन ने क्रिकेटरों की पीढ़ियों को आकार दिया और उनकी विरासत को हमेशा संजोया जाएगा। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति हार्दिक संवेदना।’’
महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने एक्स पोस्ट करते हुए लिखा, "मिलिंद रेगे सर के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। वह मुंबई के महान क्रिकेटर थे, जिन्होंने शहर के क्रिकेट में बहुत बड़ा योगदान दिया। उन्होंने और CCI के अन्य सदस्यों ने मुझमें क्षमता देखी और मुझे CCI के लिए खेलने के लिए कहा, जो कुछ ऐसा था कि मैं अब पीछे देखता हूं तो पाता हूं कि मेरे करियर का वह एक महत्वपूर्ण क्षण था। वह मेहनती खिलाड़ियों के समुद्र में से एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी को चुन सकते थे। उनके पास सभी स्तरों पर प्रतिभा को पहचानने की एक विशेष छठी इंद्री थी, विशेष रूप से जूनियर स्तरों पर। वह अपने पीछे एक खालीपन छोड़ गए हैं, जिसे भरना मुश्किल है। वह भले ही हमारे बीच ना हों, लेकिन लोगों के जीवन पर उनकी छाप हमेशा बनी रहेगी। उन्होंने बहुत से लोगों के जीवन में बदलाव लाया और निश्चित रूप से मेरे जीवन में भी बदलाव लाया। हर चीज के लिए धन्यवाद, सर। उनके दोस्तों और परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना।"
वहीं, बीसीसीआई ने इस दिग्गज घरेलू क्रिकेटर को याद करते हुए लिखा, "बीसीसीआई मुंबई के पूर्व कप्तान और चयनकर्ता मिलिंद रेगे के निधन पर शोक व्यक्त करता है। मुंबई क्रिकेट के एक स्तंभ, उन्होंने इसके विकास और विरासत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रतिभा के प्रति उनकी गहरी नजर और कमेंटेटर के रूप में उनके योगदान ने क्रिकेट जगत में उनकी प्रशंसा अर्जित की। बोर्ड उनके परिवार, दोस्तों और मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है।"
उन्होंने 1966-67 और 1977-78 के बीच 52 प्रथम श्रेणी मैच खेले और अपनी ऑफ स्पिन गेंदबाजी से 126 विकेट लिए। उन्होंने बल्ले से भी योगदान दिया और 23.56 के औसत से 1,532 रन बनाए। भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर के बचपन के दोस्त रेगे ने गावस्कर के साथ ही स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई की और दादर यूनियन स्पोर्टिंग क्लब में उनके साथ खेला। मुंबई और घरेलू क्रिकेट में सबसे सम्मानित व्यक्तियों में से एक के रूप में रेगे ने अपने करियर के दौरान कई भूमिकाएं निभाईं और क्रिकेट सलाहकार के रूप में मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) से भी जुड़े रहे।