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संन्यास से पहले एमएस धोनी की ये है आखिरी इच्छा, बचपन के दिनों को फिर से चाहते हैं जीना

  • एमएस धोनी ने कहा है कि वह अपने क्रिकेट करियर के बाकी बचे हुए दिनों को बच्चों की तरह लुफ्त उठाना चाहते हैं। धोनी ने 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।

Himanshu Singh लाइव हिन्दुस्तानWed, 19 Feb 2025 10:54 PM
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संन्यास से पहले एमएस धोनी की ये है आखिरी इच्छा, बचपन के दिनों को फिर से चाहते हैं जीना

महेंद्र सिंह धोनी आईपीएल से फिलहाल संन्यास नहीं ले रहे और उनका कहना है कि वह बच्चे की तरह क्रिकेट खेलने का लुत्फ उठाना चाहते हैं। भारत के पूर्व कप्तान ने छह साल पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। भारत को वनडे विश्व कप (2011) , टी20 विश्व कप (2007) और चैम्पियंस ट्रॉफी (2013) खिताब दिलाने वाले 43 वर्ष के पूर्व कप्तान ने आखिरी बार जून 2019 में अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था।

आईपीएल में वह चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हैं और पांच साल से अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदा लेने के कारण अब वह ‘अनकैप्ड’ (जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेलता हो) खिलाड़ी के तौर पर खेलेंगे।

धोनी ने सिंगल डॉट आईडी द्वारा तैयार अपने ऐप के लांच के मौके पर कहा, ''मैं 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदा ले चुका हूं। इस बीच मैं जितने भी साल खेलने के बचे हैं, उसमें एक बच्चे की तरह अपने खेल का मजा लेना चाहता हूं।''

उन्होंने कहा, ''मैं उसी तरह से इसका मजा लेना चाहता हूं जैसे अपने स्कूली दिनों में लेता था। जब मैं एक कॉलोनी में रहता था और दोपहर चार बजे खेलने का समय होता था। हम उस समय क्रिकेट ही खेला करते थे। मौसम खराब होने पर फुटबॉल खेलते थे। मैं उसी मासूमियत के साथ खेलना चाहता हूं लेकिन यह उतना आसान नहीं है।''

धोनी ने कहा कि भारत के लिए खेलते समय उनका फोकस हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होता था और बाकी सब बाद में आता था। उन्होंने कहा, ''एक क्रिकेटर के तौर पर भारतीय क्रिकेट टीम के लिए मैं हमेशा अच्छा प्रदर्शन करना चाहता था। मैं पहले भी कह चुका हूं कि हर किसी को देश के लिए खेलने का मौका नहीं मिलता।''

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उन्होंने युवा खिलाड़ियों को अपने लिये सही तलाशकर प्राथमिकतायें निर्धारित करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ''आपको यह पता करना होगा कि आपके लिये क्या सही है। जब मैं खेलता था तो मेरे लिये क्रिकेट ही सब कुछ था, बाकी कुछ मायने नहीं रखता था। मेरे सोने उठने का समय सब कुछ क्रिकेट से तय होता था। दोस्ती, मौज मस्ती सब बाद में आती है। हर किसी को अपने लिये सर्वश्रेष्ठ क्या है, यह पता होना चाहिये।’’

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