Hindi Newsछत्तीसगढ़ न्यूज़villagers voted for first time after independance in chhattisgarh sukma kelarpenda during panchayat elections

छत्तीसगढ़ के दो गांव में आजादी के बाद पहली बार मतदान, लाइन में खड़े दिखे लोग; नेताओं से क्या डिमांड

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित गांव के लोगों ने रविवार को पहली बार पंचायत चुनाव में मतदान किया। यहां आजादी के बाद पहली बार लोगों ने एक जिम्मेदार नागरिक होने का उत्तरदायित्व निभाया।

Sneha Baluni सुकमा। एएनआईMon, 24 Feb 2025 06:59 AM
share Share
Follow Us on
छत्तीसगढ़ के दो गांव में आजादी के बाद पहली बार मतदान, लाइन में खड़े दिखे लोग; नेताओं से क्या डिमांड

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दो गांव के लोगों ने रविवार को पहली बार पंचायत चुनाव में मतदान किया। यहां आजादी के बाद पहली बार लोगों ने एक जिम्मेदार नागरिक होने का उत्तरदायित्व निभाया। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, सुकमा जिले के केरलापेंडा गांव के लोगों ने राज्य में चल रहे पंचायत चुनाव के तीसरे चरण के दौरान कड़ी सुरक्षा के बीच वोट डाले। इस दौरान लोग लाइन में खड़े दिखाई दिए। गांव की तस्वीरों में पुरुष और महिलाएं कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण तरीके से लाइन में खड़े होकर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हुए दिखाई दे रहे हैं। नक्सल प्रभावित गांव के लोगों ने इससे पहले कभी वोट नहीं डाला था। इसी तरह का नजारा सुकमा जिले के पूवर्ती गांव में भी दिखा। यह गांव खूंखार नक्सली हिड़मा का पैतृक गांव है। यहां के लोगों में मतदान को लेकर काफी उत्साह दिखा।

पहली बार नेताओं को सुनाई समस्याएं

एक मतदाता ने बताया, 'मैंने पहली बार मतदान किया है। हमने पहले कभी मतदान नहीं किया था।' एक अन्य निवासी ने बताया कि केरलपेंडा गांव के लोगों ने पहली बार राजनेताओं के सामने अपनी समस्याएं रखीं और आस-पास के गांवों के लोग भी मतदान करने पहुंचे। गांव के निवासी ने कहा, ‘यहां 75 साल बाद मतदान हो रहा है। आस-पास के गांवों के लोग भी वोट डालने पहुंच रहे हैं। मुझे खुशी है कि हम विकास की ओर बढ़ेंगे। यह पहली बार है जब हमें नेताओं के सामने अपनी मांगें उठाने का मौका मिला।’

बीजापुर के लोगों ने मतदान किया

इस साल छत्तीसगढ़ पंचायत चुनाव के दौरान हासिल की गई यह पहली उपलब्धि नहीं है। 20 फरवरी को दूसरे चरण के चुनाव के दौरान नक्सलवाद के इतिहास वाले बीजापुर जिले के लोगों ने भी मतदान में हिस्सा लिया। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, लोग घने जंगलों और नदियों जैसे कठिन इलाकों को पार करके वोट डालने के लिए 70 किलोमीटर की दूरी तय करके भोपालपट्टनम गांव के मतदान केंद्र पर पहुंचे। ये लोग बीजापुर जिले के राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आने वाले गांवों के लोग थे, जो नक्सलियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह है।

हमें रोजगार के मौके चाहिए

करीब पांच गांवों के लोग अपने इलाके में मंडरा रहे नक्सलवाद के बावजूद वोट दिया। एक मतदाता ने कहा, 'हम सरकार से रोजगार के अवसर, सड़क संपर्क, बिजली, पेंशन और अन्य बुनियादी सुविधाएं चाहते हैं।' छत्तीसगढ़ पंचायत चुनाव का पहला चरण 17 फरवरी को और दूसरा चरण 20 फरवरी को हुआ था। पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि तीसरे चरण के लिए रविवार को 77.54 प्रतिशत मतदान हुआ, हालांकि यह संख्या बढ़ सकती है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें